शनिवार, 31 अक्टूबर 2015
सुप्रभातम्.
जमाना ले बैठ्या....
ढोलां रा मकाना न,आरसीसी ले बैठी;
रोहिड़ा र किवाड़ा न,शिशम ले बैठी;
धोती हारा मोट्यारां न,जिन्स पेंट ले बैठी;
चरभर हारा खेलां न,तीन-पत्ती ले बैठी;
आटा हारा गुलगुलां न,बैसन हारी कचोरी ले बैठी;
पढन हारा छोरां न,वाट्सएप हारी चैटिंग ले बैठी;
ईस हारा मांचा न,डबल बेड ले बैठी;
ऊँट गाडा री सवारी न,हीरो होंडा ले बैठी;
काचरां र साग न,मिरच्यां ले बैठी;
टाबरां री सेहत न,होर्लेक्स री बोतल ले बैठी;
पटा हारा जांघियां न,रूपा बोक्सर ले बैठी;
मुर्गा छाप पटाखां न,एक सौ बीस साउन्ड री डब्बी
ले बैठी;
प्याजिया हारी बुज्जी न,नेस्ले मैगी ले बैठी;
गांव हारा घिन्दड़ न,बिकाऊ क्रिकेट ले बैठी;
गांव हारा छोरां न,बाणीयां री छोरीयां ले बैठी;
बीकानेर हारी मारवाड़ी न,वाट्सएप हारी अंग्रेजी ले बैठी,
ज्यान हुं प्यारा भाया ने , लुगयां ले बैठी ||
नेता बनने का विधि
युवा नेता" बनने की विधि.
आवश्यक सामग्री :- 1 SUV दस-बारह लाख की ।।
सफ़ेद कलफ लगे कुर्ते-पजामे, सफ़ेद लिनेन के शर्ट पेंट ।।
सोने की 2 चेन ।।
सोने की अंगूठी-ब्रेसलेट।।
2 आई फोन ।।
ब्रांडेड जूते-सेंडिल ।।
ब्रांडेड कलाई घडी ।।
1 चश्मा Ray ban का ।।
रजनीगंधा का डिब्बा ।।
4-6 जी हुजूरी करते चेले।
कैसे बने - अपने SUV के नंबर प्लेट में नंबर की जगह अपनी पार्टी के झंडे का चिन्ह बनवाये और अपने 4-6 चेलो को अपनी SUV में सदैव
बैठा कर रखे।।
SUV में बैठ के मोबाइल कान में ही लगा के रखे।।
अपनी देह को कुर्ते-पजामे और सोने
के आभूषण से सुसज्जित करे।।
और किसी भी एक
नेता के इर्द गिर्द परिक्रमा प्रारम्भ करे।
अपने नेता को प्रसन्न करने के लिए "मंच-माइक-माला"की यथासंभव ज्यादा से ज्यादा व्यवस्थाये करे ।
नेता जी के आगे पीछे
घूमते हुए उनकी "सेवा-पूजा" करते रहे, अपने नेता जी के साथ और उनके भी नेता जी के साथ फोटो खिंचवा कर घर एवं अपने व्यापारिक
प्रतिष्ठान में लगावे ।
हर छोटे बड़े कार्यक्रम, त्यौहार, जन्मदिन पर पुरे शहर में फ्लेक्स लगवाये ।।
मीडिया के लोगो से सेटिंग कर अपनी फ़ोटो अखबारो में छपाते रहे ।।
समय समय पर अपने क्षेत्र में
छोटे श्रेणी के सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों पर रौब झाड़ते रहे ।
लो जी अब तैयार हैं शहर
का एक और युवा नेता।
Aapni Aapni jagah
चूलह कने जचे चिमपियो,
चाकी जचे पोली में !
छपर खाट चोबारा जचे,
तकियो जचे खोली में !!
गाय भैंस गोर में जचे,
भेड़ बकरिया टोली में !
रंग गुलाबी लागेे मुंडा पे,
डोळ बिगड़ज्या होली में !!
रोही में जचे कमेडी,
जचे मोरियॊ बागा में !
सुई साग जचे भुणीय,
रंग बिरंगे तागा में !!
पान लिया पनवाडी जचे,
हाथ लिवड़ा काथा में !
कांदा साथे जचे राबडी,
मिसी रोटी हाथा में !!
मार पलाथी जचे बाणयो,
कलम चलातो खाता में !
ब्राह्मण गले जचे जनेउ,
लंबी चोटी माथे में !!
चंचल नार जचे झरोखेे,
स्याणी नार चौके में !
बात केओ तो कणाई,
पण जचे कयोड़ी मोके में !!!
"कुँवारा री पीड़"
दुनिया का सब 'कुँवारा'मिल कर,
मीटिंग है बुलवाई ।
जा कर के 'भगवान' के आगे अर्जी एक लगाई ।।
अर्जी एक लगाई,
"प्रभु"म्हारी नैया पार लगावो।
काई बिगाड्यो थाँ को,
म्हाने क्यूँ नहीं परणावो ।।
म्हे सुणी हां थारे पास,
है सगळा की जोड़ी ।
म्हारी बारी कद आसी,
म्हे कद चढ़ाला घोड़ी ।।
कद चढाला घोड़ी,
लुगाई म्हाने भी दिलवाओ ।
दुनिया ताना मारे वां को,
मुण्डो बंद करावो ।।
इस्यो कांई बुरो कियो जो,
म्हे इतनो दुःख पाँवा ।
रोजीना थाँ के मिन्दर में,
हाज़री लगावा ।।
हाज़री लगावा ,
रोज चढ़ावां लाडू पेठा ।
धारली ढिठाई थे तो,
निष्ठुर बन कर बेठा ।।
पग पकड़ां 'भगवान्' थारां,
अब थाँ को जिद छोड़ो ।
सगळा काम करा हाथां सु,
रोट्यां को भी फोड़ो ।।
रोट्यां को भी फोड़ो,
पाँती आवे जिसी देदो ।
नहीं देणे री मन में है तो,
साफ़ साफ़ कहदो ।।
'कुँवारा'की बात सुण कर ,
"भगवन" कर्यो विचार ।
आ सगळा की किस्मत में,
कैयां कोनी 'नार' ।।
कैयां कोनी 'नार',
देखणा पड़ सी सगळा खाता ।
इत्ती बड़ी भूल कियां,
कर दिनी 'बेमाता' ।।
तकदीरा का पोथी पाना,
सगळा सामा खोल्या ।
लेखा जोखा देख कर,
"भगवान्"पाछा बोल्या ।।
"भगवान्" पाछा बोल्या,
दुःख नहीं लिखोड़ो थारे ।
सुख ही सुख लिखोड़ो ,
'नारी' कियां लगाऊँ लारे ।।
बडेरां री पुण्याई ही, थांरै आडी आई ।
चोखा करम करोड़ा थांकी,
कोनी हुई सगाई ।।
कोनी हुई सगाई ,
उम्र भर थे रेवोला सोरा ।
'पराणोडा' ने जा कर पूछो,
वे है कितना दोरा ।।
पत्नी सुख ने छोड कर,
सब सुख थाने मिलसो ।
खोटा करम करोड़ा,
वा ने ही लुगायाँ मिलसी ।।
वा ने ही लुगायाँ मिलसी,
वे करमां रा फल भोगेला ।
लुगायाँ री सुणता सुणता,
होजासी पूरा गेला ।।
आखिर में "प्रभु"बोल्या,
सुणो वचन ध्यान से म्हारा ।
सुख सूं जीवन जीणो है तो,
रह जाया 'कुँवारा' ।
कहे कवि 'कुँवारा'
अब राजी हो जावो ।
जब तक हो दुनिया में तब तक,
खुल्ली मौज़ मनावो ।।
बुधवार, 7 अक्टूबर 2015
सीनली
किसी ने Google पर search किया.." सीनली " वालों को काबू मे कैसे करें."
Google का जवाब आया...
"औकात मे रहकर search करें.."
सीनली वालो से पंगा मत लेना...
क्योंकि,
जिन तूफानों में लोगो के झोपड़े उड़ जाते है,
उन तूफानों में तो सीनली
वाले कपड़े सुखाते हैं |
मेट्रो तो सीनली में भी आ
जाती लेकिन...
...
...
...
...
...
सीनली के लोगो ने मना कर दिया, ...
...
...
...
कहते हैं
ऐसी ट्रेन किस काम की
जिसकी खिड़की खोल के मुंडा में गुटको
रजनीगन्धा ना थूक
सके ।
>>>
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