सोमवार, 19 अप्रैल 2021
कोरोना महामारी
दुनिया में अभी तक कोरोना की कोई दवाई तो नहीं बनी है वेक्सिन के बाद संक्रमण का खतरा थोड़ा कम हो सकता है लेकिन पूर्णरूप से नही होगा । इसलिये अभी भी सब लोग नियमों का पालन करे । आने वाले दिनो मे शादीयो का सीजन है लोग ज्यादा संख्या मे इकट्ठे ना हो तो बेहतर होगा । सरकार ने पचास लोगो तक का परमिसन दे रखा है लेकिन नियमो की पालना करते हुये ज्यादा भीड़ ना कराये । क्योंकि वैक्सिनेशन के बाद भी काफी तादाद में लोग पॉजिटिव हो रहे हैं भारत मे तो वेक्सिन के बाद पोजिटिव ज्यादा नही है लेकीन विदेशों के आंकड़ों पर नजर डालें तो जो देश भारत के मुकाबले अधिक संपन्न एवं विकसित देश हैं वहां पर हमारे मुकाबले तेज़ी से और अधिक मात्रा में हुई वैक्सिनेशन के बाद में आई कोरोना की दूसरी एवं तीसरी लहर ने खासा बवाल मचा रखा है। कई देशो मे लॉक डाउन भी चल रहा है।
अब जो असल समस्या पूरी दुनिया के सामने आ रही है वो है वेक्सिनेशन के बाद भी संक्रमण का घातक रूप अर्थात वैक्सिनेशन के मामले में भारत से आगे कई देश ऐसे हैं जहां वैक्सिनेशन बहुत तेज़ी के साथ की गई है लेकिन इसके बाद कोरोना की तीसरी लहर ने वहां तबाही मचाई है।
कोरोना है या नहीं, वैक्सीन का अभी तक कितना योगदान इससे लडने में है, भीड़ से फैलता है या इतना छोटा होने के चलते हवा से ही फैलकर तबाही मचाता है यह सब कुछ एक तरह से स्पष्ट नही है ऐसे में यह तो सच कि केवल जनता ही नही बल्कि सरकारों के भी हाथ पांव फूले हुये हैं। लेकिन कुछ तो है जो पिछ्ले दौ महिनो मे लोग हॉस्पिटल भी नहीं जा रहे उनमें भी अचानक मरने वालों की तादाद बहुत ज़्यादा बढ़ी है
पिछले साल बुजुर्गों कि मौत काफी संख्या में हुई थी लेकिन पिछ्ले दौ महिनो मे साधारण मौतों में बुजुर्गों के साथ युवाओं की मौते ज्यादा हुई है इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि कुछ तो है जो लोगों की ज़िंदगी छीनता जा रहा है और फिर यह सवाल खड़ा होता है कि अगर कोरोना नहीं है तो फिर क्या है?
सरकार द्वारा पिछले साल कई लोगो को सामान्य फ्लू होने पर भी कोरोना पोजिटिव बताकर गलत आंकड़े देना भी संदेहास्पद था लेकिन अब जो कोरोना लहर है वो बहुत ही खतरनाक है । पिछ्ले साल समय पर लोकडाउन लगने व सावधानी बरतने से लोग संक्रमित कम हुये थे लेकिन धीरे-धीरे लोगो की लापरवाही के कारण आज ये संक्रमण हमारे देश मे तेजी के साथ फेल रहा है सभी मित्रो से निवेदन है कि जितना हो सके भिड़-भाड़ से बचे व अन्य लोगो को भी जागरूक करे ।
गुमनाराम चौधरी सिनली
बुधवार, 7 अप्रैल 2021
मर्त्युभोज के साथ साथ और भी कई कुरीतियां हैं
पहले दिखावा नही था एक दुसरे के सहयोग से काम होता था मृत्यु के बाद आने वाले मेहमानों रिस्तेदारो दामाद, समधी, बेटी व अन्य आत्मीय जनों व समाज के लोगो को भोजन कराया जाता था। किसी रिस्तेदार के दुनिया से चले जाने के बाद भी उसके संबंधियों का घर से नाता बना रहे। परिवार व रिश्तेदार एकजुट रहें।रिश्तेदारों और समाज के लोगों को सामूहिक रूप से भोजन कराया जाता है। वो ही लोग खाना बनाते और वोही खाते थे । सादे भोजन के अलावा कुछ खर्च नही होता था ।लोगो के एक दुसरे से मिलने का एक यही एक मौका होता था । इसी को ही आजकल मृत्युभोज कहा जाने लगा है।आज यह इतना खर्चीला हो गया है कि कई दुखी परिवारों की कमर टूट जाती है वे कर्ज में डूब जाते हैं । समय के साथ इसमें जो आजकल जो विकृतियां आई हैं, बस इन्हें दूर करके इसे पहले जैसा पुन: स्थापित किया जा सकता है। लेकिन यह सम्भव नहीं है। आज कोई भी कार्य जन सहयोग से नही होता है । आप सिर्फ मर्त्युभोज को ही ना देखे शादी समारोह पर भी नजर डाले ।आज चाहे कोई कितना ही गरीब क्यौ ना हो शादी मे बारात के लिए गाड़ी जरुरी d.j. जरुरी सूट-बूट जरुरी ,खाने मे तरह तरह के व्यंजन जरुरी और भी कई अनगिनत खर्चे जो सभी होड़ा होड़ हो रहे है । सिर्फ मर्त्युभोज ही कुरुती नही है । और भी कई कुरीतियां हैं जो हमे खोखला कर रही है।
गुमनाराम चौधरी सिनली
शनिवार, 30 जनवरी 2021
श्री राम मन्दिर निर्माण कार्य हेतु भेंट
मंगलवार, 5 जनवरी 2021
दुखःद समाचार
बड़े दुख के साथ सुचित किया जाता है कि आज भूराराम उम्र
16 वर्ष सुपुत्र दल्लाराम जी मालवी निवासी -सिणली मालवियो की ढाणी जिनका पेर्थक गांव सिनली में दिनांक 5/01/2021 को देहांत (स्वर्गवास) हो गया है। हरि इच्छा प्रबल है। भगवान उस महान आत्मा को शांति प्रदान करे व इस दुःख की घड़ी में परिवार को सहने की आत्मबल हिम्मत दे।🙏🙏"उस दिवंगत आत्मा को मेरा सत - सत नमन"🙏🙏
!!!नम आंखों से श्रदाँजलि !!!
शनिवार, 5 दिसंबर 2020
पुरानी राजस्थानी-भाषा की पढाई
क. कको केवलियो।
ख. खखो खाजलो।
ग. गगा गोरी गाय।
घ. घघो घोट पलाण्यो जाय।
ड़. आगे नंद्यो भागोजाय।
च. चडा चडारी चांच है।
छ. छछ्या विद्या पीटला।
ज. जजो जेवर वाणी रो।
झ. झझा जीरी शांडी रो।
ञ. नन्यो भाट चोट्टो।
ट. टटाल पोली खांड घी।
ठ. ठठा जीरा गाडुवा।
ड. डडो डावण गंठे।
ढ. क्ढा हूणा पूंछ है।
ण. राणो ताणओ हेल है।
त. ततो तमाली तेल है।
थ. थथो थावरियो।
द. ददो दीवटियो।
ध. धधो धानरो।
न. ननो फुलायरो।
प. पाप पाटकडी।
फ. फफो फुलायरो।
ब. बबा में चानणी।
भ. भाव कटाररो।
म. बामण मोटको।
य. जग्गु जाडा पेटरो।
र. राईबालो रांकलो।
ल. लला घोडी लात वावे।
व. ववावेंगण वासदे।
श. शीया घोटा मरडीया।
ष. षषा खूणा फाडिया।
स. साग्से दन्ते।
ह. हावलो हींडोलणो।
ल लेरे लाची दो पणियार।
क्ष. माथे मोटो घडो चढांव।
त्र खडिया खातर मोरचोर, पाले बंध्या दो चोर।
ज्ञ.
मंगल मेशरो, दे विद्या परमेशरी।
परमेशररी रे पायलागू, हाथजोड विद्या मांगू।
विद्या रे घरघावडी, शेंश विद्या आवडी।
आंवडी में दीवो, म्हारा गुरुजी बावजी घणा वरस जीवो।
क ख ग घ ङ, च छ ज झ ञ
ट ठ ड ठ ण, त थ द ध न
प फ ब भ म, य र ल व
श ष स ह ल क्ष त्र ज्ञ
ओलखवारा अखरा
अ क च ट त प य श
ख छ ह ठ फ र ष
ग ज ड द ब ज्ञ ल स
घ झ ढ ध भ व ह ल
ड क्ष ञ ण न म त्र।
मंगलवार, 13 अक्टूबर 2020
बचपन मे स्कूल के दिन
सोमवार, 5 अक्टूबर 2020
सरपंच चुनाव सिनली
बीच बिचाळै धमलीबाईं ईणमे फर्क ना कांई।।
हरजी बिना सूनी ये सीणली ,लक्ष्मी बिना सरपंचाई।
घरनारी बिना सूनी रै रसोई, श्रवण बिना चतुराई।।
सावण बरस भादवो बरसै,पवन चले पुरवाई।
सिणली गाँव सरपंचो मे ,जीत रही लक्ष्मी बाई।।