रविवार, 27 सितंबर 2020

जान्को राखे साईयाँ मार सके ना कोय ।

।। राम राम सा ।।

जाको राखे साइयां, मार सके न कोय’।

मित्रों इसका अर्थ ये की जिसके साथ ईश्वर होता है उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। संपूर्ण सृष्टि ईश्वर निर्मित है। उन्होंने ही संपूर्ण ब्रह्माण्ड का निर्माण किया है । विभिन्न ग्रह, पृथ्वी, समुद्र, पर्वत, नदियाँ, विभिन्न प्राणी, मनुष्य आदि सभी उन्हीं की रचना है। जड़ – चेतन सभी उन्हीं की इच्छा का परिणाम हैं। अत: उनकी इच्छा के बगैर कोई भी हमारा बाल बांका नहीं कर सकता।
भारतीय पुराणों, इतिहासों आदि में इस सूत्र को कथा के साथ समझाया गया हैं कि ईश्वर किसी भी रूप में आकर साकार हो जाते हैं और संकट से बचाते हैं।
भगवान जिसकी रक्षा करते हैं उसका कुछ भी नहीं बिगड़ सकता।
हालांकि ईश्वर की कृपा किस रूप में और किसके माध्यम से हो जाए कोई नहीं जानता लेकिन ज्यादातर चमत्कार होने पर भगवान की कृपा समझते है और उसे धन्यवाद देते हैं।
सारांश यह है कि जब तक ईश्वर की मर्जी ना हो, तब तक यहां का एक पत्ता भी नहीं हिलता है। जिस मनुष्य का जीवित रहना निश्चित है, वह मौत को भी ईश्वर कृपा से मात दे देता हैं। परन्तु ईश कृपा का भागी वही मनुष्य बनता है, जिसनें कुछ अच्छा किया हो, जो अपने गुणों और प्रतिभा से के सहारे से समाज की तन, मन, धन से सेवा करता है और सांसारिक लोगों से अधिक उस सर्वशक्तिमान भगवान पर विश्वास रखता है।
संक्षेप में ईश्वर पर आस्था रखते हुए धर्म के मार्ग पर चलने का प्रयास करने वालों की भगवान हमेशा रक्षा करते है। अत: अच्छे और धर्म कर्म करने के लिए सदैव तत्पर रहे। सर्वव्यापक परमात्मा सदा आपकी रक्षा करेंगे

बुधवार, 16 सितंबर 2020

देशी चेक पोस्ट (सिनली)

 देशी चैक पोस्ट 

ये हमारे गाँव सिनली से धवा गाँव की सरहद और एक सिनली से चाली गांव के रास्ते पर व एक सुरानाडा से शुभदन्ड जाने वाले रास्ते पर लगाया गया है। यहाँ से आने जाने वालो के लिये कोई चार्ज नहीं है । ये दिन मे खुला रहता है ।शाम को आठ बजे से सुबह 6 बजे तक बन्द रहता है । इस चेक पोस्ट को आवारा पशुओं को रोकने के लिए बनाते है । क्योकि आवारा पशु फसल को बर्बाद न करे ।
इनका खोलने व बन्द करने का नियमित समय होता है जिसमे पास के खेत वाले निगरानी रखते हैं वैसे तो इस देशी चेक पोस्ट की के पीछे सभी खेत वालो की जिम्मेदारी होती हैं ।
अगर रात को कोई देर से आए तो खुद गाड़ी से उतर कर चेक पोस्ट को खोले ओर गाड़ी अंदर लेते ही फिर से बन्द करे
ओर उधर चलने से पहले एक बार चेक करें और हॉर्न बजाए ताकि कहि आप ठीक से बंद नही कर पाए हैं तो नजदीकी घर वाले उसे ठीक से चेक कर पाए, अगर किसी गाड़ी वाले ने चेक पोस्ट बन्द नही किया तो सुबह जो भी भाई रात को आया गया था । सुबह उनकी खेर नही ।
इसलिए जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी यात्रा करनी पडती है । और अगर गलती से देर हो गई तो ।यह चेक पोस्ट खोलना और बन्द करना मुसकिल हो जाता है । इस चेक पोस्ट को देसी टेक्नीकल से बन्द करते है जिससे खोलने के लिए हम लोगो के लिए 1 घण्टे की गई.।और ठीक से बंद न हुआ तो सुबह अपनी खेर नही।
इसलिए सबसे ज्यादा डर लगता हैं !
विशेष सूचना-
इधर से कोई भी गुजरे आते और जाते दोनो वक्त खुद ही गेट खोलनी पड़ती हैं और खुद ही बन्द करनी होती हैं !

शुक्रवार, 4 सितंबर 2020

बाड़ खेत ने खाय

 मधुमाखी रो सेत, रीछङा आज भखे ।

बाङ खेत ने खाय, जिको कुण रोक सके ।
रेवङ रा रुखाळ, भेङिया आज बणे ।
ओडी गाडर खाल,  अहिंसा सबद भणे ।
साथी रंगीया स्याळ, कपट रा हेत किया ।
अवसर रे उनमान, खोळिया बदळ दिया ।
ले लिनो बैराग, जके ईमान रखे.... ।
बाङ खेत ने खाय, जिको कुण रोक सके ।।

अफसरिया हैं आज, ढोल ज्यूं अजगरिया ।
कागा मोती खाय, हंस रे काकरिया ।
खून परायो चूस, जिकै मुख रातो हैं ।
ज्यूं खटमल बुग, जवा चिचङा साथी हैं
फळीयो तरवर अमर बेल, ज्यूं छायं ढके ।
बाङ खेत ने खाय, जिको कुण रोक सके ।।

हाथी आंकस हीण, बाग रो नास करे ।
ऊंट नकेल तुङाय, ताकङा तेज भरे ।
सूर उजाङे साख, रोजङा फाल चरे ।
नाहर सूतो नींद, स्याळिया मौज करे ।
बिना तेज रो राज, कियां अब राम रखें... ।
बाङ खेत ने खाय, जिको कुण रोक सके ।।

दफ्तर राज कचेङी, चढता दीन करे ।
पंडो ने परसाद, चढे जद काम चले ।
तोल ताकङी, आज मिळे इंसाफ कठै ।
झट पलङो झूक जाय, नोट रो बाट जठै ।
काळा कोट दलाल, हाथ में न्याव बिकै... ।
बाङ खेत ने खाय, जिको कुण रोक सके ।।

नकटी व्हेगी नीत, न्याव खूद आंधो हैं ।
हर मांचे हर ठौङ फरज क्यूं मांदो हैं ।
नौकर रिश्वत खोर, नेताजी बहरा हैं ।
चिमचां रे घर चैन, आज दिन आंरा हैं ।
ईमानदार रे घरां, नहीं पकवान पकै... ।
बाङ खेत ने खाय, जिको कुण रोक सके ।।

राष्ट्र पुरख री पीर, समझ कुण पावे हैं ।
समग्र कान्ती रो सूत्र, हाथ नहीं आवे हैं ।
नीम हकीम बैठ, नब्ज टंटोळ रिया ।
सर्वोदय रा वैद, नहीं अब बोल रिया ।
गांधी सुरग उदास, काळजो हाय धुके ।
बाङ खेत ने खाय, जिको कुण रोक सके.... ।