मेरे गाँव में घर की छत पे आज भी मोर
आते है
मेरे शहर में मुझे चिडिया भी देखने
नही मिलती ॥
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मेरे गाँव में लोगो के बीच आज
भी वो ही भाईचारा है
मेरे शहर में भाई की भाई से
ही नही बनती ॥
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मेरे गाँव में सुख दुःख में सब साथ है
मेरे शहर में परछाई भी साथ
नही दिखती ॥
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मेरे गाँव में आज भी पक्की सड़क
नही है
मेरे शहर में सड़के है पर मंजिल
नही मिलती ॥
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मेरे गाँव में आज भी सब नीम के पेड़ तले
बतियाते है
मेरे शहर में लोगो को फ़ोन से फुर्सत
नही मिलती ॥
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मेरे गाँव में बच्चे आज भी माँ के आँचल में पलते है
मेरे शहर में अब माँ का आँचल ही देखने
को नही मिलते है ॥
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मेरे गाँव में सावन में आज भी झूले पड़ते है
मेरे शाहर में पार्क में भी झूले देखने
को नही मिलते ॥
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मेरे गाँव में आज भी हर तीज त्यौहार के
लिए अपने गीत है
मेरे शहर में बद से बदतर होता कान फोडू संगीत है ॥
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मेरे गाँव में कुछ नही है फिर भी लोग खुश
है
मेरे शहर में सब कुछ है ..फिर भी चेहरे पे
वो खुशी नही दिखती ॥
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मेरे गाँव में अमन है सुख है चैन है
मेरे शहर में हर मुस्कराहट के पीछे भीगे
हुए नैन है ॥
राम राम सा
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