।। राम राम सा ।।
सिणली है मेरा गाँव
सिणली मे घने नीम की छाँव।
कोयल की मिट्टी आवाज है,
नही कङवे कौये की काँव।
सिणली मे हरियाली देखो,
देखो नीम की डाली।
गाय चरने जाए कान्कड़ मे,
चिङियाँ तिनका ले चाली।
गाय ने पुछा ओहे चिङियाँ
ये घास ले कहाँ चाली।
बोली चिङिया सुनो माता
सिणली मे है हरियाली।
मेरा बच्छे खुश रहेगे
पियेगे मिठे पानी की प्याली।
सिणली मे एकता लानी
चिङियाँ बता कोई कहानी।
चिङिया बोली सुनो माता
सिणली मे गने है दानी।
दया भाव सिखाके उनको
पिलाओ मिठा पानी।
और बताओ माता उनको
एकता हो गयी सिणली की तो
जानेगी दुनिया सारी।
मेरी विनती सुनो तुम नर
नारी।
अभिमान ईष्या त्याग के
करो तुम यारी।
सिणली की एकता मे होगा
इतना भारी
सुनके नाम सिणली का
झुकेगी दुनिया सारी।
जय भारत
जय हिन्द ।
रविवार, 10 मार्च 2019
सिणली है मेरा गाँव
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