बुधवार, 15 जुलाई 2015

Betiya

मुझे इतनी "फुर्सत" कहाँ कि मैँ तकदीर का लिखा देखुँ., बस अपनी बेटी की "मुस्कुराहट" देखकर समझ जाता हुँ की "मेरी तकदीर" बुलँद है।

Joke 1

लुगायां रो ब्रत पति पत्नी से:-- कई बात है, आज नाश्तों कोणी बणायो पत्नी;-- आज तो व्रत है नी पति ;--आज थारो व्रत है कई ?? पत्नी :-- हाँ जी पति :--- कईं खायो ? पत्नी :-- कोई खास नही जी पति :-- फेर भी कई तो खा लेवती ? पत्नी :-- में तो थोडा सो..... केला, सेव, अनार , मूंगफली, फ्रूट क्रीम, आलू की टिक्की, साबूदाने की खीर, साबूदाने रा पापड़, कुट्टू री पूरी, सावंख, सिंघाड़े रे आटे रो हलवो, साबूदाने री खिचडी , सुबह-सुबह थोड़ी सी चाय पी, और अबे जूस पी रही हूँ। आज व्रत है नी, इ वास्ते बाकी तो कई खावणो कोणी........ पति ;-' थोड़ो आमरस या पपितो खा लेवती पत्नी:-- बे सब तो शाम ने खावुला पति:- तू तो बोत ही सख्त व्रत राखे है, ओ हर कोई रे बस री बात कोइनि । और कुछ खाने रि इच्छा है ? देखलिए कठैई कमज़ोरी नइ आय जावे। पत्त्नी ; नहीं जी कमजोरी नी आवे इरे वास्ते तो सुबह उठते ही बादाम काजू खा लिया हा पति ;-- फेर भी धयान राखजो

क्या आप जानते हैं?

* खड़े खड़े पानी पीने वाले का घुटना दुनिया का कोई डॉक्टर ठीक नहीँ कर सकता। * तेज पंखे के नीचे या A. C. में सोने से मोटापा बढ़ता है। * 70% दर्द में एक ग्लास गर्म पानी किसी भी पेन किलर से भी तेज काम करता है। * कुकर में दाल गलती है, पकती नहीँ। इसीलिए गैस और एसिडिटी करती है। * अल्युमिनम के बर्तनों के प्रयोग से अंग्रेजों नें देशभक्त भारतीय क़ैदियों को रोगी बनाया था। * शर्बत और नारियल पानी सुबह ग्यारह के पहले अमृत है। * लकवा होते ही मरीज के नाक में देशी गाय का घी डालने से लकवा पन्द्रह मिनट मेँ ठीक हो जाता है। * देशी गाय के शरीर पर हाथ फेरने से 10 दिन में ब्लड प्रेसर नॉर्मल हो जाता है। * देशी गाय का दूध रोग नाशक है। * विदेशी गाय का दूध रोग कारक है। * रोज पन्द्रह से बीस मिनट माता पिता के पैर दबाने वाले को हॉस्पिटल के चक्कर नहीँ काटने पड़ते।

सोमवार, 6 जुलाई 2015

" एक ऐसा भी बचपन था "

" एक ऐसा भी बचपन था " . . . . . . हम, जो 1965 -1980 के बीच जन्में है, हमें एक विशेष आशीर्वाद प्राप्त हैँ ... और ऐसा भी नही कि हमें किसी भी आधुनिक संसाधनों से परहेज है......!!! लेकिन..... * हमें कभी भी जानवरों की तरह किताबों को बोझ की तरह ढो कर स्कूल नही ले जाना पड़ा । * हमारें माता- पिता को हमारी पढाई को लेकर कभी अपने प्रोग्राम आगे पीछे नही करने पड़ते थे ! * स्कूल के बाद हम देर सूरज डूबने तक गली की सड़क पर गली मोहल्ले में खेलते थे। * हम अपने सभी सच्चे और पक्के दोस्तों के साथ खेलते थे, न की आज की तरह नेट दोस्तों के साथ । * जब भी हम प्यासे होते थे तो सीधे नल से पानी पी लिया करते थे और वो पानी भी साफ़ शुद्ध होता था और हमने कभी बॉटल का पानी नही ढूँढा । * हम कभी भी चार लोग गन्ने का जूस आपस में बाँट कर के भी बीमार नही पड़े । * हम एक प्लेट मिठाई और रोज़ चावल खाकर भी कभी मोटे नही हुए । * नंगे पैर घूमने के बाद भी हमारे पैरों को कुछ नही होता था। * हमें स्वस्थ रहने के लिए कुछ भी अलग ( प्रोटीन - विटामिन) नही लेना पड़ता था । * हम कभी कभी अपने खिलोने खुद बना कर भी खेलते थे । अपने दोस्तों के साथ खिलोने आपस में बॉट लेते थे । * हम ज्यादातर अपने माता पिता के साथ या उनके पास ही रहे । या कभी भी किसी रिश्तेदार के यहाँ भी बिना किसी झिझक के रह लेते थे । * हम अक्सर 2-4 भाई बहन एक जैसे या एक दूसरे के कपड़े पहनना शान समझते थे, तब हममे एक सामान वाली कोई बात नही थी और उसमे भी मजे करते थे । * हम बहुत कम ही डॉक्टर के पास जाते थे, और कभी जरुरत पड़ती थी तब डॉक्टर साहब हमारे पास आ जाया करते थे । * हमारे पास तब न तो मोबाइल, dvd , Xboxes, PC, Internet, chatting, क्योंकि हमारे पास सच्चे दोस्त थे । * हम दोस्तों के घर बिना बताये जाकर मजे करते थे और खेलने के साथ साथ खाने -पीने के मजे लेते थे। हमे कभी उन्हें कॉल करके उनके यहाँ जाना नहीं पड़ा । * शायद हम एक अदभुद और सबसे समझदार पीढ़ी है क्योंकि हम वो अंतिम पीढ़ी हैं जो की अपने माता- पिता की सुनते हैं...और साथ ही साथ पहले जो की अपने बच्चों की भी सुनते हैं । अब वो ज़माना शायद कभी लोट कर नहीं आ सकता ।