मंगलवार, 13 अक्टूबर 2020

बचपन मे स्कूल के दिन


।। राम राम सा ।।
काचर बोर मतीरा गौरी निपजे मरूधर देश
मोह माया री फेरी, पिव जा बसिया परदेश!!

थैला भर भर लावता,लूण मिर्च लगाव ने खावता
मोरा री पांखिया चूगता,बैगा उठे ने खेतां नावता!! 

पगडंडी सू स्कूल जाता,मूंग री फळिया घणी खाता
छोटिया ने कांधे बिठाता, जद ग्वार रा खेत आता!! 

मारसाब थैला खंगालता,बोरा रा जद ढक लागता! 
आदो हिस्सो ले जावता,आफिस जा वे भी खावता

खाटि छा री बोतल लाता,वे छोरा डंडा कम खाता
बात आ में भी जाणता,मोटी काकड़ी गुरु रे लाता!

रही कोनी वे आज बातां,शैला गुरू ने है धमकाता
जो भी काचर है खाता,स्टेंडर्ड उसका गिर जाता!

सोमवार, 5 अक्टूबर 2020

सरपंच चुनाव सिनली

।। राम राम सा ।।

आगे-आगे लक्ष्मी चलत है,पीछे अन्नू  बाई।
बीच बिचाळै धमलीबाईं ईणमे फर्क ना कांई।।

हरजी बिना  सूनी ये सीणली ,लक्ष्मी बिना सरपंचाई।
घरनारी बिना सूनी रै रसोई, श्रवण बिना चतुराई।।

सावण बरस भादवो बरसै,पवन चले पुरवाई।
सिणली गाँव सरपंचो मे ,जीत रही लक्ष्मी बाई।।