आगे-आगे लक्ष्मी चलत है,पीछे अन्नू बाई।
बीच बिचाळै धमलीबाईं ईणमे फर्क ना कांई।।
हरजी बिना सूनी ये सीणली ,लक्ष्मी बिना सरपंचाई।
घरनारी बिना सूनी रै रसोई, श्रवण बिना चतुराई।।
सावण बरस भादवो बरसै,पवन चले पुरवाई।
सिणली गाँव सरपंचो मे ,जीत रही लक्ष्मी बाई।।
बीच बिचाळै धमलीबाईं ईणमे फर्क ना कांई।।
हरजी बिना सूनी ये सीणली ,लक्ष्मी बिना सरपंचाई।
घरनारी बिना सूनी रै रसोई, श्रवण बिना चतुराई।।
सावण बरस भादवो बरसै,पवन चले पुरवाई।
सिणली गाँव सरपंचो मे ,जीत रही लक्ष्मी बाई।।
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