मित्रो आज भी अपने देश मे छुपे कुछ गद्दारो ने भद्दी टिप्पणियाँ करने की कसर नही छोडी है। मै उनको इतना ही कहना चाहता हुँ कि जब देश की बात हो तो राजनिती ना किया करे ।अरे चमचो जब पुलवामा से ज्यादा बड़ा हमला 26/11 मुम्बई हमला था जिसमे 265 के करीब लोग मारे गए थे और 300 से ज्यादा घायल हुए थे तब ये फाइटर एयरक्राफ्ट क्यों नही उड़ा उस समय के तत्कालीन सेना अध्यक्ष ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन जी से ऐसा ही हमला करने को कहा था तब मनमोहन बाबा ने मना कर दिया था मनमोहन सिंह को सोनिया से प्रमिसन लेनी पड़ती थी। क्या उस समय एयरक्राफ्ट अचार डालने के लिये रखे थे। इस एयरक्राफ्ट का हिन्दुस्तान के जवानों में तब भी दम था और आज भी है बस सही नेतृत्व और खुली छूट अब मिल रही है।
मित्रों, इन तीन दिनों में सोशल मीडिया पर भारत और दुनिया को जो देखने का सुअवसर मिला उसके बारे में आज से पांच साल पहले कोई सोंच भी नहीं सकता था.भारत ने परसों पाकिस्तान के लगभग 100 किलोमीटर भीतर तक स्थित आतंकी ठिकानों को न सिर्फ एयर स्ट्राइक करके उड़ा दिया बल्कि पूरी दुनिया के समक्ष उसकी घोषणा भी की और पाकिस्तान परमाणु बम की धमकी देता रह गया. कल पाकिस्तान ने जब भारत के सैन्य ठिकानों पर जवाबी एयर स्ट्राइक करने की कोशिश की तो भारत ने तकनीकी रूप से ६० साल पीछे के विमानों के द्वारा पाकिस्तान के अत्याधुनिक एफ १६ विमान को मार गिराया. दुर्भाग्यवश जिस जाबांज वायुसैनिक ने यह असंभव कारनामा कर दिखाया खुद उसके विमान में भी आग लग गई क्योंकि मिग विमान एयर क्रैश के लिए ही जाना जाता है और उसे पाकिस्तान में उतरना पड़ा.
लेकिन मोदी जी की सरकार ने दहाड़ते हुए कहा कि हमारे सैनिक को बिना शर्त अविलम्ब रिहा कर वर्ना गंभीर परिणाम भुगतने को तैयार रह. यह अपार हर्ष का विषय है कि अब पाकिस्तान कल अभिनन्दन को बिना शर्त रिहा करने जा रहा है.
मित्रों कुल मिलाकर मोदी जी पाकिस्तान को मार भी रहे हैं और हद तो यह है कि रोने भी नहीं दे रहे है
भाईयो यह नया भारत है ना कि मनमोहन सिंह का भारत। जब 2008 मे वायुसेना ने सरकार से एयर स्ट्राइक की अनुमति मांगती रह गई और सरकार ने अनुमति नहीं दी. आज का भारतीय नेतृत्व न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि चीन से भी आँखों में आँखें डालकर बातें करता है डरने का तो प्रश्न ही नहीं उठता है जब तक मोदी है तब तक अपने देश मे डरने की आवश्यकता नहीं है। और ये चमचे कल तक कह रहे थे कि मोदी बार बार विदेश क्यो जाता है ।
मित्रों, भारत की सेना कभी भी कमजोर नहीं थी । 1962 में भी नहीं जब चीन के हाथों भारत को हार का सामना करना पड़ा था बल्कि कमजोर था तो हमारा नेतृत्व. यह हमारा सौभाग्य है कि आज भारत का जितना वैश्विक रूतबा है पहले कभी नहीं था. इतिहास के पन्नों को अगर हम पलट कर देखें तो 1969 में इस्लामिक राष्ट्रों की बैठक में से भारत के प्रतिनिधियों को बैठक स्थल से वापस लौटा दिया गया था क्योंकि पाकिस्तान ने बैठक के बहिष्कार की धमकी दी थी और कल उसी इस्लामिक राष्ट्रों की बैठक में भारत पहली बार गेस्ट ऑफ़ ऑनर बनने जा रहा है. पाकिस्तान एक बार फिर से बहिष्कार की धमकी दे रहा लेकिन आज उस कंगाल की तरफ कोई ध्यान ही नहीं दे रहा. चमचे तो यही समझते रहे कि मोदी भी हमारी तरह मौज-मस्ती उड़ाने विदेश जाता है।
मित्रो ये मोदीजी का नया भारत तब तक अपने बढ़ते कदम को नहीं रोकेगा जब तक पापिस्तान की धरती से आतंकवाद को जड़-मूल से समाप्त नहीं कर दिया जाता और मसूद, सईद जैसे आतंकी सरगनाओं को भारत के हवाले नहीं कर दिया जाता. पाकिस्तान को यह अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए कि भारत की दुश्मनी पाकिस्तान के साथ नहीं है, बिलकुल नहीं है बल्कि उसकी दुश्मनी सिर्फ और सिर्फ आतंकवाद से है. हालाँकि इस बीच भारत ने पिछले तीन दिनों में विश्व समुदाय को यह जरूर बता दिया है कि भविष्य में विश्व का नेतृत्व कोई और देश नहीं बल्कि हमारा भारत करेगा. सूरज हमेशा पूरब से उगता है और इस बार भी दुनिया को अपनी धमक और चमक से चकाचौंध कर देनेवाला सूरज पूरब से उदित हो रहा है और उसका नाम है भारत. अंत में भारत की जय, भारत की सेना की जय और भारत के उस तेजस्वी नेतृत्व की जय जिसके सिर पर फिलहाल भारत के मान-सम्मान की पगड़ी गर्व से सुशोभित हो रही है.और आगे भी होती रहेगी।
जय हिंद जय भारत
गुमनाराम पटेल सिनली