गुरुवार, 28 फ़रवरी 2019

हमारा नया भारत

।। राम राम सा ।।
मित्रो आज भी अपने देश मे छुपे कुछ गद्दारो ने भद्दी टिप्पणियाँ करने की कसर नही छोडी है।  मै उनको इतना ही कहना चाहता हुँ कि जब देश की बात हो तो राजनिती ना किया करे ।अरे चमचो जब  पुलवामा से ज्यादा बड़ा हमला 26/11 मुम्बई हमला था जिसमे  265 के करीब लोग मारे गए थे और 300 से ज्यादा घायल हुए थे तब ये फाइटर एयरक्राफ्ट क्यों नही उड़ा  उस समय के तत्कालीन सेना अध्यक्ष ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन जी से ऐसा ही हमला करने को कहा था तब मनमोहन बाबा ने मना कर दिया था मनमोहन सिंह को सोनिया से प्रमिसन लेनी पड़ती थी।  क्या उस समय एयरक्राफ्ट अचार डालने के लिये रखे थे।  इस एयरक्राफ्ट का हिन्दुस्तान के जवानों में तब भी दम था और आज भी है बस सही नेतृत्व और खुली छूट अब मिल रही है।
मित्रों, इन तीन दिनों में सोशल मीडिया पर भारत और दुनिया को जो देखने का सुअवसर मिला उसके बारे में आज से  पांच साल पहले कोई सोंच भी नहीं सकता था.भारत ने परसों पाकिस्तान के लगभग 100 किलोमीटर भीतर तक स्थित आतंकी ठिकानों को न सिर्फ एयर स्ट्राइक करके उड़ा दिया बल्कि पूरी दुनिया के समक्ष उसकी घोषणा भी की और  पाकिस्तान परमाणु बम की धमकी देता रह गया. कल पाकिस्तान ने जब भारत के सैन्य ठिकानों पर जवाबी एयर स्ट्राइक करने की कोशिश की तो भारत ने तकनीकी रूप से ६० साल पीछे के विमानों के द्वारा पाकिस्तान के अत्याधुनिक एफ १६ विमान को मार गिराया. दुर्भाग्यवश जिस जाबांज वायुसैनिक ने यह असंभव कारनामा कर दिखाया खुद उसके विमान में भी आग लग गई क्योंकि मिग विमान एयर क्रैश के लिए ही जाना जाता है और उसे पाकिस्तान में उतरना पड़ा.
लेकिन मोदी जी की सरकार ने दहाड़ते हुए कहा कि हमारे सैनिक को बिना शर्त अविलम्ब रिहा कर वर्ना गंभीर परिणाम भुगतने को तैयार रह. यह अपार हर्ष का विषय है कि अब  पाकिस्तान कल अभिनन्दन को बिना शर्त रिहा करने जा रहा है.
मित्रों कुल  मिलाकर मोदी जी पाकिस्तान को मार भी रहे हैं और हद तो यह है कि रोने भी नहीं दे रहे है
 भाईयो यह नया भारत है ना कि मनमोहन सिंह का भारत।  जब 2008 मे वायुसेना ने सरकार से एयर स्ट्राइक की अनुमति मांगती रह गई और सरकार ने अनुमति नहीं दी. आज का भारतीय नेतृत्व न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि चीन से भी आँखों में आँखें डालकर बातें करता है डरने का तो प्रश्न ही नहीं उठता है जब तक मोदी है तब तक अपने देश मे  डरने की आवश्यकता नहीं है। और ये चमचे कल तक कह रहे थे कि मोदी बार बार विदेश क्यो जाता है ।
मित्रों,  भारत की सेना कभी भी  कमजोर नहीं थी । 1962 में भी नहीं जब चीन के हाथों भारत को हार का सामना करना पड़ा था  बल्कि कमजोर था तो हमारा नेतृत्व.  यह हमारा सौभाग्य है कि आज भारत का जितना वैश्विक रूतबा है पहले कभी नहीं था. इतिहास के पन्नों को अगर हम पलट कर देखें तो 1969 में इस्लामिक राष्ट्रों की बैठक में से भारत के प्रतिनिधियों को बैठक स्थल से वापस लौटा दिया गया था क्योंकि पाकिस्तान ने बैठक के बहिष्कार की धमकी दी थी और कल उसी इस्लामिक राष्ट्रों की बैठक में भारत पहली बार गेस्ट ऑफ़ ऑनर बनने जा रहा है. पाकिस्तान एक बार फिर से बहिष्कार की धमकी दे रहा लेकिन आज उस कंगाल की तरफ कोई ध्यान ही नहीं दे रहा. चमचे तो यही समझते रहे कि मोदी भी हमारी तरह मौज-मस्ती उड़ाने विदेश जाता है। 
मित्रो ये मोदीजी का  नया भारत तब तक अपने बढ़ते कदम को नहीं रोकेगा जब तक पापिस्तान की धरती से आतंकवाद को जड़-मूल से समाप्त नहीं कर दिया जाता और मसूद, सईद जैसे आतंकी सरगनाओं को भारत के हवाले नहीं कर दिया जाता. पाकिस्तान को यह अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए कि भारत की दुश्मनी पाकिस्तान के साथ नहीं है, बिलकुल नहीं है बल्कि उसकी दुश्मनी सिर्फ और सिर्फ आतंकवाद से है. हालाँकि इस बीच भारत ने पिछले तीन  दिनों में विश्व समुदाय को यह जरूर बता दिया है कि भविष्य में विश्व का नेतृत्व कोई और देश नहीं बल्कि हमारा भारत करेगा. सूरज हमेशा पूरब से उगता है और इस बार भी दुनिया को अपनी धमक और चमक से चकाचौंध कर देनेवाला सूरज पूरब से उदित हो रहा है और उसका नाम है भारत. अंत में भारत की जय, भारत की सेना की जय और भारत के उस तेजस्वी नेतृत्व की जय जिसके सिर पर फिलहाल भारत के मान-सम्मान की पगड़ी गर्व से सुशोभित हो रही है.और आगे भी होती रहेगी। 
जय हिंद जय भारत
गुमनाराम  पटेल सिनली

बुधवार, 27 फ़रवरी 2019

आन्जना समाज के मार्गदर्शक सन्त श्री किशना राम जी महाराज

।। राम राम सा ।।
महंत श्री श्री १००८ संतशिरोमणि श्री किशनाराम जी महाराज शिकारपुरा (लूनी) पीठाधीश महंत श्री किशनाराम जी महाराज का ननिहाल रोहिचा (कल्ला) में भाखररामजी कुरड के यंहा माता श्रीमती चुन्नीबाई की कोख से दिनांक 20 अक्टूम्बर, १९३० को जन्म हुआ |
किशनारामजी के पिताजी का नाम वजारामजी ओड सुपुत्र श्री विरमारामजी हैं जो (लूनी) के रहने वाले हैं |
सात वर्ष की  अवस्था में किशानारामजी के स्वास्थ्य में दिनोदिन गिरावट आती गयी, इस कारण वजारामजी किशनारामजी को शिकारपुरा आश्रम लेकर जाते और समाधी की परिक्रमा देकर वापस घर लोट आते, इसी बिच वजारामजी की भेंट महंत श्री देवारामजी महाराज के साथ हुयी, जिन्होंने किशनारामजी को अपने सानिध्य में रखने की इच्छा जाहिर की, तब वजारामजी ने अपने परिवार वालो से सलाह-मशविरा करके देवारामजी महाराज के सानिध्य में शिकारपुरा आश्रम को सुदुर्प कर दिया|
फिर  देवारामजी महाराज के सानिध्य में किशनारामजी की प्राथमिक शिक्षा आरम्भ हुयी तथा साथ ही धर्म और समाज सम्बन्धी जानकारिया भी देते रहे| प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद जोधपुर से स्नातर की शिक्षा प्राप्त की तथा साथ ही आयुर्वेद शिक्षा (रजि. संख्या ६४६४ ए) का भी ज्ञान प्राप्त किया | शिक्षा ग्रहण करने के बाद महंत श्री देवारामजी ने शिकारपुरा आश्रम की जिम्मेदारी श्री किशनाराम जी को सॉप दी |
तत्पक्षात  अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए महंत श्री देवारामजी के देवलोक गमन के बाद आषाढ़ वद ४ बुधवार विक्रम संवत २०५३ को शिकारपुरा आश्रम के गादीपति बने | पीठाधीश बनने के बाद महंत श्री किशनाराम जी महाराज ने अपने गुरु के बतलाये हुए रास्ते पर चलते हुए समाज के चहुमुखी विकास के लिए दिन-रात एक कर दिया| किशनारामजी हँसमुख एवं मिलनसार व्यक्तित्व के धनि थे | वे गरीब जनता की निशुल्क तथा सेवा भाव करतेसे उपचार करते थे | किशनारामजी ने अपना पूरा जीवन जन सेवा और गौ सेवा में समर्पित कर दिया |
आश्रम में  आने वाले दर्शनार्थियों में छोटे से बड़े तक के लिए भोजन की निशुल्क वयवस्था वर्षो से चल रही हैं, महंत श्री का कहना था की मंदिर में बनाने वाली प्रसाद आने वाले हर श्रदालुओ को मिलनी चाहिए | इसलिए आश्रम का भोजनालय २४ घंटे खुला रहता हैं | यह व्यवस्था बिना किसी भेदभाव अनवरत चल रही हैं, इसलिए हर जाती धर्म के हजारो भक्त आपके अनुयायी हैं |
किशनारामजी महाराज ने समाज के चहुमुखी विकास के लिए सर्वप्रथम बालिका शिक्षा एवं मृत्युभोज पर ज्यादा जोर दिया, शिक्षण संस्थानों एवं छात्रावासों का निर्माण करवाया | किशनारामजी के प्रयास से राजारामजी आश्रम, शिकारपुरा में श्री राधेकृष्ण मंदिर का निर्माण, जोधपुर के पाल रोड में संत श्री देवारामजी छात्रावास एवं कॉलेज का निर्माण, आहोर में श्री राजारामजी आंजना पटेल छात्रावास का निर्माण, जालोर में श्री राजारामजी आंजना पटेल छात्रावास का निर्माण, दिल्ली में शिक्षण संस्थान के लिए भूमि की खरीद, हरिद्वार एवं रामदेवरा में धर्मशाला का निर्माण, माउंट आबू में श्री राजारामजी छात्रावास एवं शिक्षण संस्थान का निर्माण इत्यादि अनेक कार्य संपन किये | तथा कल्याणपुर में श्री राजारामजी चिकित्सालय का शिलान्यास भी किशानारामजी के कर कमलो द्वारा हुआ | वर्तमान में राजस्थान में ६०, गुजरात में ४८, मद्यप्रदेश में ३५, कर्नाटका में १०, महारास्त्र में ६, तमिलनाडु में ४ छात्रावास का निर्माण हुआ जो एक रिकॉर्ड हैं |
इसी  दरमियान किशनारामजी ने कलबी आंजना समाज को एक सूत्र में पिरोने के लिए अखिल भारतीय आंजना (पटेल) समाज महासभा का गठन किया | जिसके जरिये महंत जी ने समूचे भारत में फैले हुए आंजना समाज को एक नयी दिशा प्रदान की, जिसके फलस्वरूप आज समाज की छवि रास्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी हैं | महंत श्री किशनारामजी ने हमेशा समाज के लोगो को सावित्व एवं संस्कारपूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा दी तथा बाल-विवाह पर रोक एवं बालिका शिक्षा पर ज्यादा जोर दिया | किशनारामजी समाज में समाज सुधारक के नाम से भी जाने जाते हैं |
आंजना समाज  के लिए किशनारामजी ने तन-मन-धन से प्रयास करके समाज को एक उन्नतिशील समाज की दौड़ में शामिल करके ७७ वर्ष की अवस्था में दिनांक ६.१.२००७ को परमात्मा में लीन हो गए |

मोदी है तो मुमकिन है एयर स्ट्राईक 2

।।  राम राम सा  ।।
मित्रो कल भारतीय सेना द्वारा पकिस्तान मे घुसकर  आतंकवादी  ठिकानों एयरइसट्राईक हमला करने के बाद पुरे भारत के सभी लोगो  भारत सरकार के साहसी कदम उठाने की सरहना भी  की सभी ने भारतीय सेना बधाई भी दी । मैने पुरे दिन मे सोशल मीडिया कुछ विडियो भी देखे  पोस्ट भी पढ़ी  सब ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये । पर जिसकी जैसी सोच  समझ होगी वैसे ही लिखेंगे  । सब कुछ देखने के बाद मै  हमारे देश में बैठे हुए दोगले इन्सानो से पूछना चाहता हूँ कि  कुछ लोग भों. वाले बोल रहे हैं कि बधाई सेना को दो मोदी को नहीं, अरे अकल के अन्धो  सेना तभी जीतती है जब देश का राजा ताकतवर हो
बाकी हमला तो संसद और मुंबई पर भी हुआ था तब सेना नहीं थी क्या ? यही सेना तो मनमोहन के पास भी थी। सिर्फ हिम्मत नही थी 
कुछ लोग मीराज2000 के लिये इन्द्रा गान्धी को श्रेय  दे  रहे है इं लोगो के दोगलेपन की बहुत हदे ही पार हो गई। अब आज  इंद्रा का नाम लेकर उन्हें श्रेय देना चाहते हो और जब सारा देश मोदीजी को श्रेय देकर हर जगह "मोदी मोदी" के नारे लगा रहा है तो अपने ही देश  राहुल  जैसे ग़द्दार बोलते है हमला तो वायुसेना ने किया मै पूछना चाहता हुँ कि   फिर मुम्बई हमले के समय वायु सेना ने हमला क्यों नहीं किया ?
जब भी कोई बात आती है तो यह कहने से नही चूकते है कि 1971 का युद्ध इंदिरा गांधी ने लड़ा था पकिस्तान के टुकड़े इन्द्रा गान्धी ने किये  लेकिन ये कल  वाला हमला  तो वायुसेना ने किया है ।  जिस पार्टी ने 1962 की हार के लिए अपने रक्षा मंत्री को दोषी मान पद से हटा दिया था, जिस पार्टी ने 1971 की जीत के लिए प्रधानमंत्री को दुर्गा तक की उपाधि दे दी थी, वही आज कह रही है कि पाकिस्तान में घुस कर हमले करने के लिए ‘वायु सेना के पायलटों को सलाम करता हूं। वाह ! क्या बात है । अरे भाई सलाम वायु सेना को भी तुम मजबूरी मे कर रहे  हो । 
कल  सुबह से ही मुझे  फेसबूक व्हाटसअप ट्वीटर   पर बहुत सारे बधाई के सन्देश देखने को मिले ,लेकिन जितने भी दोगलेपन  वाले है उनकी ऐसी फटी हुई है कि मजबूरी में सेना को बधाई तो दे रहे है लेकिन साथ में मोदी जी को गाली भी दे रहे है और  चमसे तो ऐसे चुप है जैसे वायु सेना ने उनके ससुराल में बम्ब डाल दिया हो
इन हरामखोरों में ये डर पैदा करने के लिए मै तो  मोदी जी को धन्यवाद देता हूँ  और सभी से ये अपील करता हुँ कि दोबारा  सरकार बनाने का मौका दे ।
गुमना राम पटेल सिनली

शुक्रवार, 15 फ़रवरी 2019

पुलवामा हमले मे शहीद हुए देश के सपूतो को हार्दिक नमन् श्रदाँजलि

जय श्री राम
मित्रो इस जघन्य काण्ड में शहीद हुए देश के सपूतों को हार्दिक नमन;श्रद्धांजलि !
इन शहीदों के परिवारों के समक्ष महान शोक की घडी में पूरा देश शामिल है ।हर भारतवासी की आखें दुःख में नम हैं.।
पर हमारे  देश मे भी  गद्दारो की कमी नही है पाकिस्तान से तो हम निपट सकते हैं पर देश के अंदर छुपे देश के दुश्मनों से निपटना मुश्किल है। जो जे एन यू, ,ए एम यू जैसे विश्वविद्यालय में भारत के खिलाफ नारेबाज़ी सरे आम होती है और उन्हें समर्थन देने के लिए केजरीवाल, राहुल गांधी,  जैसे नेता पहुँच जाते हैं। आज ही राहुल गांधी व मायावती सरकार को हर कार्यवाही पर समर्थन देने की बात कर रहे थे, उधर सुरजेवाला राजनीतिक बयानबाज़ी कर रहे थे। मायावती ए एम यू में नारेबाज़ी करने वालों के खिलाफ कार्यवाही पर विरोध भी प्रकट कर चुकी हैं। आज तक राहुल सहित किसी भी कोन्ग्रेसी नेता के मुँह से आतंकवाद के खिलाफ एक भी शब्द बोलते हुए नही सुना है  ऐसे में कांग्रेस पर कैसे विश्वास करें कि वह किसी भी कार्यवाही का समर्थन करेगी। हमारे देश मे
सेना को गाली दिया जाता है
अफजल जिन्ना की बरसी मनाई जाती है
सेना पर पत्थर फेकने वाले की पैरवी होती है
विमान खरीदे जाने पर सवाल उठाये जाते हैं
सर्जिकल स्ट्राइक पर 2 साल तक सबूत मांगे जाते हैं ।
कल मैने  टीवी डिबेट देखा और पहले भी बहुत बार देखा है ये  कांग्रेस प्रवक्ता बोल रहे थे कि कहां गई 56 इंच की छाती , नवाज शरीफ के निमंत्रण मे मोदी क्यो गये ? मुझे ऐसा लग रहा था की अगर मोदी निमंत्रण मे न गये होते और 56 इंच की बात न किये होते तो यह हमला न होता। माननीयों में इतनी बेशर्मी दुनिया के किसी देश मे नही होगी। मोदी चाहकर भी कुछ नहीं कर पाये , एक सर्जिकल स्ट्राइक के बाद इतना बखेड़ा खड़ा कर दिया गया कि दूसरे सर्जिकल स्ट्राइक के विषय मे मोदी सोच भी नहीं सके।
कुछ देशद्रोही आज तक सबूत मांग रहे है।  अब बाहरी दुश्मन से निपटना आसान है देश के अंदर बैठे दुश्मनों से निपटना मुश्किल है। जब सेना ने म्यांमार में जाकर आतंकवादियों से बदला लिया तो देश के दुश्मनों ने इसकी तारीफ करने के बदले इसे झूठा करार देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जब सर्जिकल स्ट्राइक हुई तो कांग्रेस और केजरीवाल सबूत माँगने लगे। फिर बाद में जब सबूत मिल गए तो अब केजरीवाल समर्थक व अन्य दलों के समर्थक इसे राजनीतिक हितों के लिए की गयी कार्यवाही बताने लगे। असल में यह लोग चाहते ही नहीं है कि हम कोई बदला लें। यह लोग पाकिस्तान का अहित देख ही नहीं सकते। इनको तो अफसोस है कि मोदी के कारण पाकिस्तान आज विश्व में अलग थलग पड़ गया है। आज कंगाल होने के कगार पर है ।
देश  सुरक्षा मे इतनी बड़ी भूल  कैसे हो गई जब हमारे देश में कार से एक बोतल भी राज्य की सरहद से पार नहीं होने देते  है तो एक गाड़ी मे इतना विस्फोटक सामग्री कैसे ले गए ? ये काम गद्दारो के अलावा कोई नही कर सकता है।   
एक बार फिर से देश के सपूतों को हार्दिक नमन;श्रद्धांजलि !
गुमनाराम पटेल सिनली

रविवार, 10 फ़रवरी 2019

मियाँ बीवी की लड़ाई


*सुबह सुबह मिया बीवी के झगड़ा हो गया,*

बीवी गुस्से मे बोली - बस, बहुत कर लिया बरदाश्त, अब एक मिनट भी तुम्हारे साथ नही रह सकती।

*पति भी गुस्से मे था, बोला "मैं भी तुम्हे झेलते झेलते तंग आ चुका हुं।*

पति गुस्से मे ही दफ्तर चले गया पत्नी ने अपनी मां को फ़ोन किया और बताया के वो सब छोड़ छाड़ कर बच्चो समेत मायके आ रही है, अब और ज़्यादा नही रह सकती इस जहन्नुम मे।

*मां ने कहा -  बेटी बहु बन के आराम से वही बैठ, तेरी बड़ी बहन भी अपने पति से लड़कर आई थी, और इसी ज़िद्द मे तलाक लेकर बैठी हुई है, अब तुने वही ड्रामा शुरू कर दिया है, ख़बरदार जो तुने इधर कदम भी रखा तो... सुलह कर ले पति से, वो इतना बुरा भी नही है।*

मां ने लाल झंडी दिखाई तो बेटी के होश ठिकाने आ गए और वो फूट फूट कर रो दी, जब रोकर थकी तो दिल हल्का हो चुका था,
पति के साथ लड़ाई का सीन सोचा तो अपनी खुद की भी काफ़ी गलतियां नज़र आई।

*मुहं हाथ धोकर फ्रेश हुई और पति के पसंद की डीश बनाना शुरू कर दी, और साथ स्पेशल खीर भी बना ली, सोचा कि शाम को पति से माफ़ी मांग लुंगी, अपना घर फिर भी अपना ही होता है पति शाम को जब घर आया तो पत्नी ने उसका अच्छे से स्वागत किया, जैसे सुबह कुछ हुआ ही ना हो पति को भी हैरत हुई। खाना खाने के बाद पति जब खीर खा रहा था तो बोला डिअर, कभी कभार मैं भी ज़्यादती कर जाता हुं, तुम दिल पर मत लिया करो, इंसान हुं, गुस्सा आ ही जाता है"।*

पति पत्नी का शुक्रिया अदा कर रहा था, और पत्नी दिल ही दिल मे अपनी मां को दुआएं दे रही थी, जिसकी सख़्ती ने उसको अपना फैसला बदलने पर मजबूर किया था, वरना तो जज़्बाती फैसला घर तबाह कर देता।

*अगर माँ-बाप अपनी शादीशुदा बेटी की हर जायज़ नाजायज़ बात को सपोर्ट करना बंद कर दे तो रिश्ते बच जाते है।*

शनिवार, 9 फ़रवरी 2019

परदेशी रो दर्द

मै परदेशी दरद हूँ तू गांवा री मौज ।
मै हू सूरज जेठ रो तूँ धरतीआसोज॥
बेमाता रा आंकङा मेट्या मिटे नै एक ।
गूंगैरी ज्यू गांव रा दिन भर सुपना देख॥
दादोसा पुचकारता दादा करता लाड ।
पीसाँ खातर आपजी दियो दिसावर काढ।।
मायड रोयी रात भर रह्यो खांसतो बाप ।
जिण घर रो बारणो मै छोड्यो चुपचाप॥
जद सूँ परदेसी हुयो भूल्यो सगळा काम ।
गांवा रो हंस बोलणौ कीया भूलूराम ॥
गरजै बरसै गांव मै चौमासै रो मेह ।
सेजा बरसै सायनी परदेसी रो नेह ॥
कुणचुपकै सी कान मै कग्यो मन री बात ।रातहमेशाआवतीरातनैआयीरात॥
आंगण मांड्या मांडणा कंवलै मांड्या गीत ।
मन री मैडी मांड दी मरवण थारी प्रीत ॥
दोरा सोराँ दिन ढल्यो जपताँ थारो नाम ।
च्यार पहर री रात आ कीयाँ ढळसी राम॥
सांपा री गत जी उठी पुरवाई मँ याद ।
प्रीत पुराणै दरद रै घांवा पडी मवाद॥
नैण बिछायाँ मारगाँ मन रा खोल कपाट ।
चढ चौबारै सायनी जोती हुसी बाट॥
प्रीत करी गैला हुया लाजाँ तोङी पाळ ।
दिन भर चुगिया चिरडा रात्यु काढी गाळ॥
पाती लिखदे डाकिया लिखदे सात सलाम ।
उपर लिखदे पीवरो नीचै म्हारो नांम॥
दीप जळास्यु हेत रा दीवाळी रो नाम ।
इण का तिकतो आ घराँओ!परदेसी राम॥
जोबण घेर घुमेर है निरखै सारो गांव ।
म्हारै होठाँ आयग्यो परदेसी रो नांव॥
जीव जळावै डाकियो बांटै घर घर डाक ।
म्हारै घर रै आंगणै कदै न देख झांक॥
मैडी उभी कामणी कामण गारो फाग ।
उडतो सो मन प्रीत रो रोज उडावै काग ॥
बागाँ कोयल गांवती खेता गाता मोर ।
जबअम्बर मँ बादळी घिरता लोराँ लोर॥
बाबल रै घर खेलती दरद न जाण्यो कोय ।
साजन थारै आंगणै उमर बिताई रोय ॥
बाबल सूंपी गाय ज्यूँ परदेसी रै लार ।
मार एक बर ज्यान सूँ तडपा के मत मार ॥
नणद,जिठाणी,जेठसा दयोराणी अर सास ।
सगलाँ रै रैताँ थका थाँ बिन घणी उदास॥
सुस्ताले मन पावणा गांव प्रीत री पाळ ।
मिनख पणैरै नांव पर सहर सूगली गाळ॥
सहर डूंगरी दूर री दीखै घणी सरूप ।
सहर बस्याँ बेरो पडै किणरो कैडो रूप॥
खाणो पीणो बैठणो घडी नही बिसराम ।
बो जावै परदेस मँ जिण रो रूसै राम

राजस्थानी फ्रिज

।। राम राम सा ।।
      °•°•°•°•°•°•°•°•°
   राजास्थानी  फ्रिज
घड़ला सीतल नीर रा, कतरा करां बखाण।
हिम सूं थारो हेत है, जळ इमरत रै पाण॥
घड़ला थारो नीर तो, कामधेन रो छीर।
मन रो पंछी जा लगै, मानसरां रै तीर॥
घड़ला थारा नीर में, गंग जमन रो सीर।
नरमद मिल गौदावरी, हर हर लेवै पीर॥
जितरी ताती लू चलै, उतरो ठंडो नीर।
तन तिरलोकी राजवी, मन व्है मलयागीर॥
बियाबान धर थार में, एक बिरछ री छांव।
मिल जावै जळ-गागरी, बो इन्नर रो गांव॥
रेत कणां झळ नीसरै, भाटै भाटै आग।
झर झर सीतल जळ झरै, घड़ला थारा भाग॥
इक गुटकी में किसन है, दो गुटकी में राम।
गटक-गटक पी लै मनां, होज्या ब्रह्म समान॥

मतीरा कविता

मरू मायड़ रा मिसरी मधरा
मीठा गटक मतीरा।
सोनै जिसड़ी रेतड़ली पर
जाणै पन्ना जड़िया,
चुरा सुरग स्यूं अठै मेलग्यो
कुण इमरत रा घड़िया?
आं अणमोलां आगै लुकग्या
लाजां मरता हीरा।
मरू मायड़ रा मिसरी मधरा
मीठा गटक मतीरा।
कामधेणु रा थण ही धरती
आं में दूया जाणै,
कलप बिरख रै फळ पर स्यावै
निलजो सुरग धिंगाणै।*
लीलो कापो गिरी गुलाबी
इंद्र धणख सा लीरा।
मरू मायड़ रा मिसरी मधरा
मीठा गटक मतीरा।
कुचर कुचर नै खपरी पीवो
गंगाजळ सो पांणी,
तिस तो कांईं चीज, भूख नै
ईं री घूंट भजाणी,
हरि-रस हूंतो फीको,
ओ रस, जे पी लेती मीरां!
मरू मायड़ रा मिसरी मधरा
मीठा गटक मतीरा।

मतीरा

मतीरा / तरबूज के बारे में सवाल जवाब

1. कैयां बेरो पड़ै की मतीरो पाच्गो/पाक्गो ?
जद मतीरा रो रंग पिंदा सूं पीलो सो पड़ ज्याय अर् बीको सूत(नाळ/तांतो) सूख ज्याय अर् ठोलो मारां जद ठन ठन री उवाज करबा लाग जावे जन मानल्यो की इको लम्बर आयगो !
आजकाल तो बेचबा आळा चाकू सूं च्यार कूंट को कूक्लो काड अर् भी चखावे हैं..
2. मतीरा न कैयांवणु काटणु चाहीजै ?
मतीरा न आडो काटणु चहिजे, काटबा को जुगाड़ न होवे जद कुहनी की देयर फोड़ नाखो !
3. मतीरा कतरा भांत का हूवैं हैं ?
भांत भी कई भांत की होवे है :
आकृति – गोळ, लांप
आकार – ढबल॒डी, बिल्डो
सतह – हरी धारी, छीमकाळो, धोळो
मांय सूं – लाल गिरी को, धोळी गिरी को, भुरभुरा, भरवां
स्वाद – मीठो, फीको, काचो
बीज – काळा बीज को, धोळा बीज को, भूरा बीज को
4. मतीरा का कुण कुणसा भाग हूवैं हैं ?
फोड़े जद बण ज्याय - खपरीया
काटता ही दो – ढबरीया.. बाने काट्यां सिपळिया
आंके अलावा मांय हुवे है गिरी अर् बीज
5. मतीरो और काई काई काम म् आवै ?
मतीरै रै काचै फळ नै लोइयो कैवै अर ईं री सबजी घणी सवाद बणै।
ढांढां न घाल देओ, बीज आगली साल बाबा म अर् बीजा न भून क भी खाया जावे.
जद दीवाळी रो त्यूंहार आवै जद लिछमी पूजा करे अर् इण मतीरै री गिरी निकाळ'र इण में बेजका कर देवै अर रात रै टेम टाबर इण में दीवो मेलै जद ओ सरूप घणू लागे.
होळी मंगळावै जद ईं नै होळी री झळ मांखर काढै तो आगली साल नाज जोरको होवे.
मतीरा में प्रति आक्सीकारक, एंथोसाइनिन, काक्सी-2 प्रतिरोधी, केरोटीन, ग्लूकोसाइडस, एल्कोलोइडस रसायन मिलते हैं।
6. मतीरा क ठोल्या मारबा को चक्कर काई है ?
अनुभवी ताऊ तो ठोल्या मार अर् मतीरा की ठन ठन उवाज सूं ही बेरो पाड़ लवें की कसोक निकल्सी मांय !
7. मतीरे की लड़ाई कठे हुई ?
बीकानेर और नागौर रियासतों के बीच एक अजब लडाई लड़ी गयी थी. एक मतीरे की बेल बीकानेर रियासत की सीमा में उगी किन्तु नागौर की सीमा में फ़ैल गयी. उस पर एक मतीरा यानि तरबूज लग गया. एक पक्ष का दावा था कि बेल हमारे इधर लगी है, दूसरे का दावा था कि फ़ल तो हमारी ज़मीन पर पड़ा है. उस मतीरे के हक़ को लेकर युद्ध हुआ. इतिहास में इसे "मतीरे की राड़" के नाम से जाना जाता है.
देवलियों पर उत्कीर्ण इबारत के मुताबिक यह लड़ाई विक्रम संवत् 1600 आसोज सुदी चौदस को हुई थी।

शुक्रवार, 1 फ़रवरी 2019

सिरसी की देवी मारिकम्बा माता जी (सिरसी )

।। राम राम सा ।।
मित्रो सिरसी मे मरिकम्बा माता जी  का मन्दिर भी बहुत पुराना है । यहाँ पर मै जब भी सिरसी आता हूँ  तो दर्शन जरुर करता हूँ। यहाँ पर हर दो साल मे मेला ( जातरे) लगता है । यहाँ कर्नाटक ही नही दुसरे राज्यो से भी  लोग  दर्शन करने के लिये आते है ।इस मंदिर का भी इतिहास पुराना ही है । स्थानीय लोगों के कहने के अनुसार यह लगभग  330 साल पहले बना हुआ है। 
सिरसी  की देवी मरिकम्बा माता जी की मुर्ति के बारे मे वहाँ के लोगो का कहना है कि  कुछ चोर अपना खजाना छुपाने के लिए जंगल में खुदाई कर रहे थे तब उन्हें यह मूर्ती मिली थी और उन्होने सिरसी में स्थापित कर दी थी।
स्थानीय लोगों कहते है की पहले  यहाँ पर एक प्रथा थी जिसे हम बलि प्रथा कहते है। यहां पर भैस, बकरी आदि जानवरों की बलि चढ़ा कर माता को उनका लहू पिलाते थे। अभी कुछ साल हो गए है जब से यह प्रथा बंद हो गयी है। यहाँ मंदिर में एक मोटा भैसा जरुर  बंधा है । जिसका लहू इंजेक्शन से निकाल कर माता को चढाते है।  यह बात मेरी समझ से तो बाहर है। मेरी इस पर कोई टिपण्णी नहीं है। मैंने केवल आपको जानकारी दी है। मै तो आज सिरसी की देवी मरिकम्बा माता जी  के दर्शन करके वापस मुंबई रवाना हो गया हूँ।
 




मधुकेशवर महादेव जी बनवासी

।। राम राम सा ।।
मित्रो भगवान शिवजी के मंदिर पूरी दुनिया में बने हुए हैं। भगवान शिव के कई ऐसे मंदिर हैं, जिनका संबंध पौराणिक समय से जुड़ा हुआ है। आज हम आपको भगवान शिव के एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो  सिरसी से 22 किलोमीटर दूर बनवासी  शहर मे मधुकेश्वार मंदिर है। वहाँ पर आज हम अपने  गनायत भलाराम जी व रमेश जी शंकर राम जी भँवर लाल जी और  भाई बबुलाल के साथ   दर्शन करने के लिये गये । और आज वहाँ पर हमारे पुराने मित्र खिमाराम जी से भी मुलाकात हो गई।
  बहुत ही पुराना शिवजी का  मंदिर है वहाँ के स्थानीय पुजारी से पूछने पर बताया कि ये शहर तो चार हजार वर्ष पुराना है और  ये मन्दिर  नवीं शताब्दी में बना हुआ है । मन्दिर मे नन्दी की बड़ी  मूर्ती बनी हुई है  जिसकी एक आँख  शिवलिंग के सामने व दुसरी आँख पार्वती के सामने है । कुछ स्थानीय लोगो का कहना है कि मन्दिर मे बना हुआ नन्दि जो पहले बहुत छोटा था जो धीरे-धीरे अपने आप बड़ा हो रहा है ।
यहाँ के स्थानीय लोगो कहना हैं कि  बनवासी शहर  कर्नाटक राज्य का प्राचीनतम शहर है।
गुमनाराम पटेल  सिनली