मंगलवार, 14 सितंबर 2021
दुःखद समाचार
बड़े दुख के साथ सुचित किया जाता है कि आज श्रीमान लक्खाराम सुपुत्र धुङाराम जी मालवी निवासी -सिणली मालवियो का वास जिनका पेर्थक गांव सिनली में दिनांक 14/09/2021 को देहांत (स्वर्गवास) हो गया है। हरि इच्छा प्रबल है। भगवान उस महान आत्मा को शांति प्रदान करे व इस दुःख की घड़ी में परिवार को सहने की आत्मबल हिम्मत दे।
🙏🙏"उस दिवंगत आत्मा को मेरा सत - सत नमन"🙏🙏
!!!नम आंखों से श्रदाँजलि !!!
सोमवार, 19 अप्रैल 2021
कोरोना महामारी
। राम राम सा ।।
दुनिया में अभी तक कोरोना की कोई दवाई तो नहीं बनी है वेक्सिन के बाद संक्रमण का खतरा थोड़ा कम हो सकता है लेकिन पूर्णरूप से नही होगा । इसलिये अभी भी सब लोग नियमों का पालन करे । आने वाले दिनो मे शादीयो का सीजन है लोग ज्यादा संख्या मे इकट्ठे ना हो तो बेहतर होगा । सरकार ने पचास लोगो तक का परमिसन दे रखा है लेकिन नियमो की पालना करते हुये ज्यादा भीड़ ना कराये । क्योंकि वैक्सिनेशन के बाद भी काफी तादाद में लोग पॉजिटिव हो रहे हैं भारत मे तो वेक्सिन के बाद पोजिटिव ज्यादा नही है लेकीन विदेशों के आंकड़ों पर नजर डालें तो जो देश भारत के मुकाबले अधिक संपन्न एवं विकसित देश हैं वहां पर हमारे मुकाबले तेज़ी से और अधिक मात्रा में हुई वैक्सिनेशन के बाद में आई कोरोना की दूसरी एवं तीसरी लहर ने खासा बवाल मचा रखा है। कई देशो मे लॉक डाउन भी चल रहा है।
अब जो असल समस्या पूरी दुनिया के सामने आ रही है वो है वेक्सिनेशन के बाद भी संक्रमण का घातक रूप अर्थात वैक्सिनेशन के मामले में भारत से आगे कई देश ऐसे हैं जहां वैक्सिनेशन बहुत तेज़ी के साथ की गई है लेकिन इसके बाद कोरोना की तीसरी लहर ने वहां तबाही मचाई है।
कोरोना है या नहीं, वैक्सीन का अभी तक कितना योगदान इससे लडने में है, भीड़ से फैलता है या इतना छोटा होने के चलते हवा से ही फैलकर तबाही मचाता है यह सब कुछ एक तरह से स्पष्ट नही है ऐसे में यह तो सच कि केवल जनता ही नही बल्कि सरकारों के भी हाथ पांव फूले हुये हैं। लेकिन कुछ तो है जो पिछ्ले दौ महिनो मे लोग हॉस्पिटल भी नहीं जा रहे उनमें भी अचानक मरने वालों की तादाद बहुत ज़्यादा बढ़ी है
पिछले साल बुजुर्गों कि मौत काफी संख्या में हुई थी लेकिन पिछ्ले दौ महिनो मे साधारण मौतों में बुजुर्गों के साथ युवाओं की मौते ज्यादा हुई है इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि कुछ तो है जो लोगों की ज़िंदगी छीनता जा रहा है और फिर यह सवाल खड़ा होता है कि अगर कोरोना नहीं है तो फिर क्या है?
सरकार द्वारा पिछले साल कई लोगो को सामान्य फ्लू होने पर भी कोरोना पोजिटिव बताकर गलत आंकड़े देना भी संदेहास्पद था लेकिन अब जो कोरोना लहर है वो बहुत ही खतरनाक है । पिछ्ले साल समय पर लोकडाउन लगने व सावधानी बरतने से लोग संक्रमित कम हुये थे लेकिन धीरे-धीरे लोगो की लापरवाही के कारण आज ये संक्रमण हमारे देश मे तेजी के साथ फेल रहा है सभी मित्रो से निवेदन है कि जितना हो सके भिड़-भाड़ से बचे व अन्य लोगो को भी जागरूक करे ।
गुमनाराम चौधरी सिनली
दुनिया में अभी तक कोरोना की कोई दवाई तो नहीं बनी है वेक्सिन के बाद संक्रमण का खतरा थोड़ा कम हो सकता है लेकिन पूर्णरूप से नही होगा । इसलिये अभी भी सब लोग नियमों का पालन करे । आने वाले दिनो मे शादीयो का सीजन है लोग ज्यादा संख्या मे इकट्ठे ना हो तो बेहतर होगा । सरकार ने पचास लोगो तक का परमिसन दे रखा है लेकिन नियमो की पालना करते हुये ज्यादा भीड़ ना कराये । क्योंकि वैक्सिनेशन के बाद भी काफी तादाद में लोग पॉजिटिव हो रहे हैं भारत मे तो वेक्सिन के बाद पोजिटिव ज्यादा नही है लेकीन विदेशों के आंकड़ों पर नजर डालें तो जो देश भारत के मुकाबले अधिक संपन्न एवं विकसित देश हैं वहां पर हमारे मुकाबले तेज़ी से और अधिक मात्रा में हुई वैक्सिनेशन के बाद में आई कोरोना की दूसरी एवं तीसरी लहर ने खासा बवाल मचा रखा है। कई देशो मे लॉक डाउन भी चल रहा है।
अब जो असल समस्या पूरी दुनिया के सामने आ रही है वो है वेक्सिनेशन के बाद भी संक्रमण का घातक रूप अर्थात वैक्सिनेशन के मामले में भारत से आगे कई देश ऐसे हैं जहां वैक्सिनेशन बहुत तेज़ी के साथ की गई है लेकिन इसके बाद कोरोना की तीसरी लहर ने वहां तबाही मचाई है।
कोरोना है या नहीं, वैक्सीन का अभी तक कितना योगदान इससे लडने में है, भीड़ से फैलता है या इतना छोटा होने के चलते हवा से ही फैलकर तबाही मचाता है यह सब कुछ एक तरह से स्पष्ट नही है ऐसे में यह तो सच कि केवल जनता ही नही बल्कि सरकारों के भी हाथ पांव फूले हुये हैं। लेकिन कुछ तो है जो पिछ्ले दौ महिनो मे लोग हॉस्पिटल भी नहीं जा रहे उनमें भी अचानक मरने वालों की तादाद बहुत ज़्यादा बढ़ी है
पिछले साल बुजुर्गों कि मौत काफी संख्या में हुई थी लेकिन पिछ्ले दौ महिनो मे साधारण मौतों में बुजुर्गों के साथ युवाओं की मौते ज्यादा हुई है इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि कुछ तो है जो लोगों की ज़िंदगी छीनता जा रहा है और फिर यह सवाल खड़ा होता है कि अगर कोरोना नहीं है तो फिर क्या है?
सरकार द्वारा पिछले साल कई लोगो को सामान्य फ्लू होने पर भी कोरोना पोजिटिव बताकर गलत आंकड़े देना भी संदेहास्पद था लेकिन अब जो कोरोना लहर है वो बहुत ही खतरनाक है । पिछ्ले साल समय पर लोकडाउन लगने व सावधानी बरतने से लोग संक्रमित कम हुये थे लेकिन धीरे-धीरे लोगो की लापरवाही के कारण आज ये संक्रमण हमारे देश मे तेजी के साथ फेल रहा है सभी मित्रो से निवेदन है कि जितना हो सके भिड़-भाड़ से बचे व अन्य लोगो को भी जागरूक करे ।
गुमनाराम चौधरी सिनली
बुधवार, 7 अप्रैल 2021
मर्त्युभोज के साथ साथ और भी कई कुरीतियां हैं
।। राम राम सा ।।
मर्त्युभोज के बारे मे सभी के अपने-अपने तर्क हो सकते हैं। आज इसे हम सामाजिक बुराई कह सकते है।पहले के जमाने के हिसाब से आजकल इसमे बहुत विकृतिया आ गयी है । आजकल के हालातों पर नजर डालें तो आज वाकई में यह बहुत खर्चीला बन चुका है। लोग होड़ाहोड मृत्यु भोज के नाम पर आज लाखों रुपए खर्च कर रहे हैं । जिसका कोई मतलब नहीं है। पुराने जमाने की बात बिलकुल अलग थी मेरे देखने मे 40 वर्ष पहले व आज मे बहुत अन्तर हुआ है बुजुर्गो की माने तो पहले ये प्रथा एकदम अलग थी सिर्फ राजा-महाराजाओं और सक्षम लोगों के द्वारा ही खर्च किया जाता था। और अब हर आदमी स्वयं को श्रेष्ठ मानने लगा है। मेरे पास भी धन है मै उनसे कम नही हुँ । यह दिखाने के लिए ही खर्च किया जाता है। भोजन के साथ नशीली वस्तुएँ व दिखावा बहुत हो गया है । पहले दिखावा नही था एक दुसरे के सहयोग से काम होता था मृत्यु के बाद आने वाले मेहमानों रिस्तेदारो दामाद, समधी, बेटी व अन्य आत्मीय जनों व समाज के लोगो को भोजन कराया जाता था। किसी रिस्तेदार के दुनिया से चले जाने के बाद भी उसके संबंधियों का घर से नाता बना रहे। परिवार व रिश्तेदार एकजुट रहें।रिश्तेदारों और समाज के लोगों को सामूहिक रूप से भोजन कराया जाता है। वो ही लोग खाना बनाते और वोही खाते थे । सादे भोजन के अलावा कुछ खर्च नही होता था ।लोगो के एक दुसरे से मिलने का एक यही एक मौका होता था । इसी को ही आजकल मृत्युभोज कहा जाने लगा है।आज यह इतना खर्चीला हो गया है कि कई दुखी परिवारों की कमर टूट जाती है वे कर्ज में डूब जाते हैं । समय के साथ इसमें जो आजकल जो विकृतियां आई हैं, बस इन्हें दूर करके इसे पहले जैसा पुन: स्थापित किया जा सकता है। लेकिन यह सम्भव नहीं है। आज कोई भी कार्य जन सहयोग से नही होता है । आप सिर्फ मर्त्युभोज को ही ना देखे शादी समारोह पर भी नजर डाले ।आज चाहे कोई कितना ही गरीब क्यौ ना हो शादी मे बारात के लिए गाड़ी जरुरी d.j. जरुरी सूट-बूट जरुरी ,खाने मे तरह तरह के व्यंजन जरुरी और भी कई अनगिनत खर्चे जो सभी होड़ा होड़ हो रहे है । सिर्फ मर्त्युभोज ही कुरुती नही है । और भी कई कुरीतियां हैं जो हमे खोखला कर रही है।
गुमनाराम चौधरी सिनली
शनिवार, 30 जनवरी 2021
श्री राम मन्दिर निर्माण कार्य हेतु भेंट
आज लूणी तहसील के सिनली ग्राम-आँजणा कलबी समाज की ओर से दान राशि 2,00151 पूज्य महन्त श्री दयारामजी महाराज श्री को सप्रेम भेंट किया भगवान श्री राम मंदिर निर्माण कार्य हेतु यता योग दान किया सिनली आँजणा समाज के युवाओं व बुजुर्गो का धन्यवाद!
"जय श्री राम"
"जय श्री राजेश्वर भगवान "
गाँव सिनली, तहसील- लुणी, जिला -जोधपुर
मंगलवार, 5 जनवरी 2021
दुखःद समाचार
बड़े दुख के साथ सुचित किया जाता है कि आज भूराराम उम्र
16 वर्ष सुपुत्र दल्लाराम जी मालवी निवासी -सिणली मालवियो की ढाणी जिनका पेर्थक गांव सिनली में दिनांक 5/01/2021 को देहांत (स्वर्गवास) हो गया है। हरि इच्छा प्रबल है। भगवान उस महान आत्मा को शांति प्रदान करे व इस दुःख की घड़ी में परिवार को सहने की आत्मबल हिम्मत दे।🙏🙏"उस दिवंगत आत्मा को मेरा सत - सत नमन"🙏🙏
!!!नम आंखों से श्रदाँजलि !!!
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