सुप्रभातम्.
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जमाना ले बैठ्या....
ढोलां रा मकाना न,आरसीसी ले बैठी;
रोहिड़ा र किवाड़ा न,शिशम ले बैठी;
धोती हारा मोट्यारां न,जिन्स पेंट ले बैठी;
चरभर हारा खेलां न,तीन-पत्ती ले बैठी;
आटा हारा गुलगुलां न,बैसन हारी कचोरी ले बैठी;
पढन हारा छोरां न,वाट्सएप हारी चैटिंग ले बैठी;
ईस हारा मांचा न,डबल बेड ले बैठी;
ऊँट गाडा री सवारी न,हीरो होंडा ले बैठी;
काचरां र साग न,मिरच्यां ले बैठी;
टाबरां री सेहत न,होर्लेक्स री बोतल ले बैठी;
पटा हारा जांघियां न,रूपा बोक्सर ले बैठी;
मुर्गा छाप पटाखां न,एक सौ बीस साउन्ड री डब्बी
ले बैठी;
प्याजिया वाली बुज्जी न,नेस्ले मैगी ले बैठी;
गांव आला घिन्दड़ न,बिकाऊ क्रिकेट ले बैठी;
गांव आला छोरां न,बाणीयां री छोरीयां ले बैठी;
सिनली हारी मारवाड़ी ने,वाट्सएप वाली अंग्रेजी ले बैठी,
ज्यान हुं प्यारा भाया ने , लुगायां ले बैठी ||
रविवार, 4 नवंबर 2018
जमाना ले बैठ्या
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