रविवार, 2 फ़रवरी 2020

छानो ही कोनी रेवे

दर्द गोडा रो..
संग मोडा रो..
करणो होडा रो...छानो कोनी रेवे ....
खायडो खिचड...
चिपेडो चिँचड...
आदत को लिचड...छानो कोनी रेवे...
घराँ बाजेडा सोट...
छिटकायडा होठ...
जाटणी रो रोट...छानो कोनी रेवे...
माँगेडा बूँट...
खायडी सूँठ..
पाँवलो ऊँट...छानो कोनी रेवे...
फौजी की फीँत...
भोपी रो गीत...
झुठी प्रीत...छानी कोनी रेवे....
आँधी आती..
गाँव का बराती..
मतलब को साथी...छानो कोनी रेवे....
भाँग खायडो...
दारू पीयेडो..
अर माँ को बिगाडेडो...छानो कोनी रेवे....

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