गुरुवार, 9 अप्रैल 2015

एक आधुनिक शादी

एक आधुनिक शादी के बुफ़े जीमण में फंसे ताऊ की व्यथा - मै रपट लिखास्यु थाणा मे मै फंस ग्यो बुफे खाणा मे मने बात समज मी नी आवे गाजर टमाटर गोभी काचा खावे हाथ मे प्लेट लेने लैण लगावे काऊन्टर सु काऊन्टर पर जावे ज्यु मगतो फिरे दाणा ने मै फस ग्यो बुफे खाणा मे । बाजोट पोतीया जिमण थाल ईण सगलो रो पड ग्यो काल ऊबा ऊबा ही खाई रिया माल देश री गधेडी पुरब री चाल पेला जेडो मिठास कटे भाणा मे मै फस ग्यो बुफे खाणा मे । एक हाथ मे प्लेट लिरावो साग मिठाई भैलाई खावौ भीड मे लोगो रा धक्का खावो घुमता फिरता भोजन पावो ज्यु बलद फिरे घोणा मे मै फस ग्यो बुफे खाणा मे । सगला व्यंजन लावना दोरा ले भी आवो तो संभालना दोरा भीड भाड ती बचावणा दोरा ढुल जावेला रुखालना दोरा मै डाफाचुक हो गयो जोधाणा मे मै फंस ग्यो बुफे खाणा मे । आर्केस्टा वाला नाचे गावे बिन्द बिन्दणी हँसता जावे घर वाला लिफावा लिरावे सगलो रो ध्यान है गाणा मे मै फस ग्यो बुफे खाणा मे बुढा बढेरा किकर खावे सामे बिन्द बिन्दनी सगला रे सामे हाथ मिलावे विकलांगो ने कुण जिमावे टाबर टिबर भुखा ही जावे कोई बेठा ने कोई ऊबा ही खावे ईण लोगो ने कुण समजावे देखा देखी होड लगावे सब लागा है आणा जाणा मे मै फस ग्यो बुफे खाणा मे ।

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