गुरुवार, 28 जुलाई 2016
Bharat ke P.M. Modiji
मैं मोदी जी के किसी भी कदम की आलोचना नहीं करता हूँ,
भले ही वो फौरी तौर पर गलत ही क्यों न हों?
सोचिए अटल जी की सरकार गिरा कर हमने क्या पा लिया
था, और मोदी जी को गिरा कर हम क्या पा लेंगे ?
हमारे पूर्वजों की गलतियों की सजा तो हमने पाई और अब
मोदी जी की आलोचना कर के हमें भी वही गलती की
पुनरावर्ती नहीं होने देनी है. स्वयं और सम्पूर्ण समाज को
जगाना ही अब सर्वोपरी धर्म होगा अन्यथा विनाश होना
निश्चित होगा !
जेएनयू मामले पर कुछ नासमझ हिन्दू ही मोदी जी की टाँग
खींच रहे थे मगर मोदी किन परिस्थितियों से लड़ रहे हैं इसका
किसी को भी अंदाज़ा ही नहीं है। वो आदमी ये सब किसके
लिए कर रहा है, कौन है आगे पीछे?
मोदी से अगर किसी को कुछ फायदा है तो वो सिर्फ हमें हैं,
हमारे बड़े होते बच्चों को है और आने वाली पीढ़ी को है।
इसलिये हर परिस्थिति में मोदी का साथ देना है। अभी वक़्त
अंपायर बनने का नहीं कट्टर समर्थक बने रहने का है। 2019 का
चुनाव जिताने के बाद 2021 से हमें हर सवाल का जवाब बिना
मांगे ही मिलने लगेगा। 60 बरसों की गंदगी इतनी जल्दी साफ़
नहीं होगी फिर भी मोदी जिस रफ्तार से सभी चुनौतियों से
निपटते हुए काम कर रहे हैं ये किसी साधारण आदमी के बस की
बात नहीं हैं।
आज मुझे ये कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं कि मोदी जी कुछ
दिव्य गुणों से लबरेज़ हैं, ईश्वर ने एक महान् नेता हमें दिया है। इस
नेता को अगर हमने पूरी ताक़त से साथ नहीं दिया तो हम अपने
बच्चों से कभी नज़रें नहीं मिला पाएंगे।
न्यायपालिका, मीडिया, नौकरशाही हर क्षेत्र को कांग्रेस ने
भ्रष्टाचार के खाद पानी से उसकी जड़ें बहुत गहरे तक जमाकर देश
की नींव को खोखला कर दिया है। देश की अर्थव्यवस्था,
विकास की रफ़्तार को बीमार, बेहद बीमार कर दिया है।
किसी भी कदम की सूचना तुरंत कांग्रेस के पास पहुँच जाती है।
विरोधियों और भीतरघातियों से निपटना आसान नहीं है।
साथ साथ विकास की रफ़्तार को बनाये रखना बड़ी चुनौती
है।
व्यापार चौपट हो जाने पर उसे फिर से सँभालने, ज़माने में ही
बरसों लग जाते हैं। फिर यहाँ तो पूरा देश, पूरा सिस्टम ही चौपट
है। बीमारी गंभीर है और इसकी कई बड़ी सर्जरी करनी पड़ेगी,
वक़्त लगेगा, पूरी ताक़त से मोदी जी का साथ देना होगा,
सेवा करनी होगी, धैर्य और विश्वास रखना होगा तभी ठीक
होगी, लेकिन होगी ज़रूर।
मुझे गर्व है अपने प्रधानमंत्री पर !! ...
मोदी जी जैसी दिव्यात्मा पर ।।.
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