बुधवार, 11 फ़रवरी 2015

पढ्योङी बीनणी गाँव में :

एक बार शहर की मोकळी पढ़ेड़ी बीनणी पैली चोट सासरे आई... तो बीकि सासु दिन उगे ई बोली - 'ये बीनणी जा भैंस न फूस घाल्या'.... बीनणी गयी.. बा देख्यो की भैंस तो उगाळी करबा क लूम री ही अर मुंडा म "झाग" सा आ रिया हा ! जको बा तो, बा पगां ही पाछी आयगी... सासु पुछ्यो की घाल आई के ? बीनणी बोली - "सासु जी भैंस अभी खाना नहीं खाएगी, .... अभी तो वो मंजन कर रही है"

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