एक बच्चा अपनी माँ के साथ मंदिर गया । मन्दिर के मुख्य-द्वार पर पत्थर के बने दो शेर को देख बच्चा रोने लगा और कहा कि वह काट लेगा ।
मां ने समझाया कि ये पत्थर के बने हैं, यह काट नहीं सकता ।
आगे बढ़ने पर वह पत्थर के बने दो मुस्टंडे द्वारपाल हाथ में भला लिए खड़ा था को देखा ।
बच्चा फिर रोने लगा और कहा कि यह मुझे मार देगा ।
माँ ने फिर समझाया कि ये पत्थर के बने है यह तम्हें नहीं मार सकता ।
अब बच्चा मन्दिर के अंदर पहुंच गया ।
माँ ने फूल आरती मूर्ति पर चढ़ाने लगा ।
बच्चा - मां ये क्या कर रही हो ?
" देख नहीं रहे हो पूजा कर भगवान से कुछ मांग रही हूं "- माँ ने कहा ।
बच्चे ने बड़ी मासूमियत से कहा की ये भी तो पत्थर के बने हैं यह कैसे कुछ दे सकता है ।
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