****साँची बात ****
काया- माया बादळ छाया,
खोज मिटे ज्यूँ पाणी में,
मिनखजमारै विष मत घोळी,
थोड़ी सी जिंदगाणी में,
अधबीच रामत छोड़ अधूरी,
पलक झपे उठ जाणी में,
मिनखजमारै विष मत घोळी,
थोड़ी सी जिंदगाणी में,
आंख्यां मीच अपुठो दोङै, लारै खाडा कावळ है,
सावचेत हु पग धर करणी, कोनी ठीक ऊतावळ है,
सोने रा डूंगर मत जाणी, अळगा जितरा सावळ है,
चेत रेत में रळ जावेला, तिलक माथला चावळ है,
हाथ मसळतो रह जावेला,
कीं नीं आणी जाणी में,
मिनखजमारै विष मत घोळी,
थोड़ी सी जिंदगाणी में,
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