•पिता की सख्ती बर्दाश करो, ताकी काबील बन सको,
•पिता की बातें गौर से सुनो, ताकी दुसरो की न सुननी पड़े,
•पिता के सामने ऊंचा मत बोलो वरना भगवान तुमको निचा कर देगा,
•पिता का सम्मान करो, ताकी तुम्हारी संतान तुम्हारा सम्मान करे,
•पिता की इज्जत करो, ताकी इससे फायदा उठा सको,
•पिता का हुक्म मानो, ताकी खुश हाल रह सको,
•पिता के सामने नजरे झुका कर रखो, ताकी भगवान तुमको दुनियां मे आगे करे,
•पिता एक किताब है जिसपर अनुभव लिखा जाता है,
•पिता के आंसु तुम्हारे सामने न गिरे, वरना भगवान तुम्हे दुनिया से गिरा देगा,पिता
एक एसी हस्ती है ...!!!!
माँ का मुकाम तो बेशक़ अपनी जगह है ! पर पिता का भी कुछ कम नही, माँ के कदमों मे स्वर्ग है पर पिता स्वर्ग का दरवाजा है, अगर दरवाज़ा ना ख़ुला तो अंदर कैसे जाओगे ?
जो गरमी हो या सर्दी अपने बच्चों की रोज़ी रोटी की फ़िक्र में परेशान रहता है, ना कोइ पिता के जैसा प्यार दे सकता है ना कर सकता है, अपने बच्चों से !!
याद रख़े सुरज गरम ज़रूर होता है मगर डूब जाए तो अंधेरा छा जाता है, !!
आओ आज़ सब मिलकर उस अज़ीम हस्ती के लिए कामना करते है..|
हे भगवान मेरे पिता को सेहत ओर तंदुरस्ती देना। उनकी तमाम परेशानी को दूर कर, और उन्हें हमेंशा हमारे लिए खुश रख़।
सोमवार, 29 अक्टूबर 2018
पिता का सम्मान
रविवार, 28 अक्टूबर 2018
मारवाडी दोहा
राम राम जी
1
चरका मरका चाबतां,
चंचल होगी चांच ।
फीका लागै फलकिया,
अकरा सेकै आंच ।
करमां रो कीट लागै ।
2
नेता नाटक मांडिया,
ले नेता री ओट ।
नेता नै नेता चुणै,
जनता घालै बोट ।।
लोक सिधारो परलोक ।।
3
लोक घालै बोटड़ा,
नेता भोगै राज ।
लोकराज रै आंगणै,
देखो कैड़ा काज ।।
जोग संजोग री बात।।
4
हाकम रै हाकम नहीँ,
चोर न जामै चोर ।
नेता तो नेता जणै,
नीँ दाता रो जोर ।।
नेता जस अमीबा ।।
5
चोरी जारी स्मगलिँग,
है नेता रै नाम ।
आं कामां नै टालगै,
दूजो केड़ो काम।।
आप बिकै नी बापड़ा ।।
6
जनता हाथां हार गै,
हाट करावै बंद।
फेर ऐ खुल्ला सांडिया,
खूब खिंडावै गंद ।।
जिताओ बाळो आगड़ा।।
7
चोळा बदळै रोजगा,
चालां रो नीँ अंत ।
भाषण देवै जोरगा,
वादां में नीँ तंत।।
कियां घड्या रामजी ।।
8
नेता मरियां कामणी,
माता मरियां पूत।
बो इज होवै पाटवी,
जो मोटो है ऊत ।।
मारो साळां रै जूत ।।
9
बोट घलावै बापजी,
दे कंठां मेँ हाथ ।
जीत बजावै ढोलड़ा,
अणनाथ्या हे नाथ ।।
पोल मेँ बजावै ढोल ।।
10
बाजो बाजै जीत गो,
नेता घर मेँ रोज ।
हारै जनता बापड़ी,
भूखी टाबर फोज ।।
घालो ओज्यूं बोट।।
11
नेता खावै धापगै,
जनता भूखी भेड़ ।
पांच साल मेँ कतरगै,
पाछी चाढै गेड़ ।।
राम ई राखसी टेक ।।
12
नेता मुख है मोवणां,
धोळा धारै भेस ।
जीत्यां जावै आंतरा,
हार्यां करै कळेस ।।
दे बोट काटो कळेस ।।
13
पाटै बैठ्या धाड़वी,
नितगा खोसै कान ।
नेता भाखै आपनै,
चोखो पावै मान ।।
नमो कळजुगी औतार ।।
14
सेडो चालै नाक मेँ,
मुंडै काढै गाळ ।
नेता मांगै बोटड़ा,
कूकर गळसी दाळ ।।
रामजी ई रुखाळसी ।।
15
लोकराज रै गोरवैं,
खूब पळै है सांड ।
चरणो बांरो धरम है,
बांध्यां राखो पांड ।।
करणी तो भरणी पड़ै।।
16
काळू ल्यायो टिगटड़ी,
बणग्यो काळूराम ।
जनता टेक्या बोटड़ा,
जैपर बण्यो मुकाम ।।
इयां ई तिरै ठीकरी ।।
17
धापी आई परणगै,
नेता जी रै लार ।
नेता राखै चोकसी,
बा टोरै सरकार ।।
पतिबरता है बापड़ी।।
18
नेता पूग्यो सुरग मेँ,
धापी रैगी लार।
ओ'दो मांग्यो लारलां,
धापी देगी धार।।
धणी री तो ही कुरसी।।
19
नेता चाबी झालगै,
कूए मेँ दी न्हाख ।
लोकराज रै बारणै,
अब तूं बैठ्यो झांख ।।
फसा ली कुतड़ी कादै।।
20
लोगां पूछी पारटी,
नेता होग्यो मौन ।
नेता पूछी पारटी,
कर नेता नै फोन ।।
बदळी तो कोनीँ आज।।
21
बेल्यां मांगी पारटी,
नेता मारी डांट।।
पारटी म्हारी खुद गी,
है देवणगी आंट ।।
पारटी बदळै क देवै ।।
22
बोट घालो धपटवां,
नीँ तो करस्यूं झोड़।
नीँ छोडूंला गांव मेँ,
भाज्या फिरस्यो खोड़।।
बोट सूं कटसी पापो ।।
23
नेतावंश विशेष है,
औ’दै रो हकदार ।
नेतण जाम्यौ सेडलौ,
बणसी बो सरदार ॥
ऊंदर जामसी ऊंदर ॥
24
नेता फ़ळ तलवार रो,
बधै बुढापै धार ।
आडौ पटकै राज नै,
खा जावै खार ॥
और के खाडा खोदै ॥
25
नेता भासण ठोकियो,
ढीली करगै राफ़ ।
म्हानै टेको बोटडा़,
पाणी देस्यां साफ़ ॥
जा पछै नै’र बंद है ॥
26
नेता टोरी बातडी़,
दे वादां री पांड ।
अबकै आपां जीतगै,
करस्यां खेत कमांड ॥
छावनी खोली छेकड़ ॥
बीस दूहा पूंछ आळा
[१]
साग बणायो सोहनी,मिरचां दी बुरकाय ।
जीमण बैठ्यौ सायबो, मुंडै लागी लाय ॥
बोलण री टाळ होगी ॥
[२]
काचर छौलै कामणी,माळा पौवै बीन ।
डोरै चाढै ऐक-दो, कोठै ठौकै तीन ॥
जा रे काचर रा बीज ॥
[३]
घरां बणाई लापसी ,मिंदर लागी धौक ।
मीट-मसाला नीं पकै।,दारू पर भी रोक ॥
देव ता सोफ़ी होणां ॥
[४]
कार ल्याया काको सा,काकी मांग्या हिंडा ।
काको जाबक नाटग्या,काकी दिंधी खिंडा ॥
अब ले लै लाडी पींडा ॥
[५]
देख जलेबी हाट पर,घरां ढूक्या बणाण ।
जेवडा़ सा गूंथ लिया, रस घाली रामाण ॥
ल्यो, और लेल्यौ पंगा ॥
[६]
छोरै नै उडीकतां, टाबर होग्या पांच ।
चूण चाटियौ सफ़ाचट,भूखी सोवै चांच ॥
रोयल्यौ जामणियां नैं ॥
[७]
जेबां राखै कांगसी, सिर में कोनीं बाळ ।
गंजो भाख्यां बाप जी,साम्हीं काढै गाळ ॥
ले ओ मोडां सूं पंगा ॥
[८]
रूंख लगाया बापजी,बेटां दिया उपाड़ ।
कीकर फ़ळसी खेतडा़,खावण ढूकी बाड़ ॥
दो लगाओ कान तळै ॥
[९]
रोटी दोरी खावणी, मैं’गाई में आज ।
आंख्यां मींची बापजी,बोटां थरप्यै राज ॥
बोट ई खोलसी आंख ॥
[१०]
बोटां आळै राज में,है नोटां रा खेल ।
बिन नोटां रै भायला,सांचा जावै ज़ेल ॥
बोट में मिलग्यौ खोट ॥
[११]
घणौ कमायो सायबा, घरां पधारो आय ।
रासण खूट्यो आसरै,बिज़ळी झपका खाय ॥
बो देस्सी तन्नै न्योळी ॥
[१२]
चावळ खावै धपटवां, रोटी खावै सात ।
ऐडी़ म्हारै कामणी,क्या कै’णी है बात ॥
हाथै कीन्या कामणां
[१३]
पगां न चालै कामणीं,चढवां मांगै कार ।
टायरडा़ तौबा करै, देख मैम रो भार ॥
तो टरकडो़ बपराओ ॥
[१४]
मामा ल्याया मायरौ,गाभां री भरमार ।
भाणूं गाभा छौडगै, मांगण ढूक्यौ कार ॥
के बाप परणायौ है ॥
[१५]
टाबर मांगै टैम पर, रोटी गाभा चाय ।
धणीं न ल्यावै रोकडो,धीणै टळगी गाय ॥
चाल ो सांभौ कटौरो ॥
[१६]
हेत हबोळा चालतां ,फ़ोन दियो घुंकाय ।
बातां चालै रसभरी ,कुण देवै छुडवाय ॥
बिल ई काट सी पापो ॥
[१७]
मायत सोरी पाळगै,छोरी दी परणाय ।
वज़न पूछ्यौ सायबै,कुण देवै तुलवाय ॥
धरमक ांटो ई देखो ॥
[१८]
गधो भाख्यां आप गधी,भेजो लियो लगाय ।
नैनो जुग रो हो भलो,ऐ.जी. सूं धिक जाय ॥
गळब ंधी तो बाज सी ॥
[१९]
रोटी मांगी सायबां, काची दी झलाय ।
मैडम बैठी साम्हनै,डरतै ली गटकाय ॥
तो किस्सै कूए में पडै़ ॥
[२०]
मायड़ भाषा रै बिनां, म्हारो मुंडौ बंद ।
नीं जाणां म्हे बापजी,कूकर कटसी फ़ंद ॥
घाल गळ में साफ़लियो ॥
दस दूहा पूंछ आळा
[१]
बाबो राखतो बकरी,दूध देंती छटांक ।
चारो चरगै धपटवों,पछै चूसती फ़ांक ॥
पढगी होणी दो आंक ॥
[२]
मैडम करती नौकरी,धणी करतो राड़ ।
धणीं पीसतो पीसणौ,मैडम पीसै जाड़ ॥
धाकौ तो धिक्कै ई हो ॥
[३]
पंडत पाळ्यौ कूकडो़,झांझरकै देंतो बांग ।
लौग रेंवता ताक में,ज़बरौ मंड्यौ सांग ॥
पंडत री पूछ बधगी ॥
[५]
ठेको खुलग्यौ गांव में,सगळा होया चूंच ॥
रोज रोज गी पींवतां, बुक होई आगूंच ॥
सै’र रो भाडो़ बचग्यौ ॥
[६]
डैण पींवतौ धपटवीं, डॊकरी ही नराज़ ।
पीहर जास्यूं भाजगै,छोडौ आजो आज ॥
आ डोकरी मरवा सी ॥
[७]
काकै मांगी काकडी़, काकी घाली दाळ ।
काकै ठोकी लात री,काकी काढी गाळ ॥
काल पाछा राजी ल्यौ ॥
[८]
रंग गौरा आंख बडी,काया ज अपरम्पार ॥
कहो भायली आपके, पातळिया भरतार ॥
म्हा रला बांदर लागै ॥
[९]
जनता मांगी रोटडी,नेता मांग्या बोट ।
जनता तो भूखी सडी़,नेता जीमै नोट ॥
भाग है आप आप रा ॥
[१०]
चोरी करतो पेमलौ,जारी भी भरपूर ॥
नेता बणग्यौ जीतगै,दिल्ली काढै़ टूर ॥
चलो कळेस तो कटग्यौ ॥
सोमवार, 22 अक्टूबर 2018
गरीब जनता
सुप्रभातम्.*
जब सीमेंट खाद बीज मजदूर जब किसी को भी महगाई नहीं दिखती ।100ग्राम दाल को एक परिबार खाता हैआपके हिसाव से 10रु की 5आदमी के परिबार में एक आदमी के हिस्से में 2रु ।एक आदमी 10 रु का पानी एक बार में पिता है लेकिन उसकी कोई जिक्र तक नही करता क्योंकि बो शहरी उत्पाद है। खाने पीने की बस्तु गांब व् गरीब का उत्पाद हैं ।खाने पीने की ब्स्तुओ की कीमतें उसकी उत्पादन लागत से भी कम हैं जबकि इनको पैदा करने बाले 70% हैं लेकिन उन पर अपनी आवाज को सरकार व् शहरों में पहुचाने का कोई साधन नही है ।फिर भी में निवेदन करूंगा उन धरती पुत्रों से जो शहर में बस के अपनी जड़ों को भूल कर महगाई महगाई चिल्लाते हैं ।क्या आप खाने पीने जो की जरूरी है ।उस पर बिलकुल खर्च नहीं करना चाहते ।और जो शहरी गरीब हैं बो वेचारे अपनी खेती जो अलाभकारी है उसको छोड़ कर कीड़े मकोड़े का जीवन जीने को मजबूर हैं ।इस शहर में ।महगाई का राग अलापने बाले गांव व् किसानों के दुश्मन हैं ।होना तो ये चाहिए गांव के कच्चे मॉल को गांव मे ही पक्का करके शहरों में बेच जाय ।बो भी सोलर उर्जा से फेक्ट्री चलें ।तो महगाई बेरोजगारी गरीबी स्वत खत्म हो जाएगी ।
धरती धौरां री
राम राम सा
¤¤¤¤¤¤
मानसरोवर सूं उड़ हंसौ, मरुथळ मांही आयौ
धोरां री धरती नै पंछी, देख-देख चकरायौ
धूळ उड़ै अर लूंवा बाजै, आ धरती अणजाणी
वन-विरछां री बात न पूछौ, ना पिवण नै पाणी
दूर नीम री डाळी माथै, मोर निजर में आयौ,
हंसौ उड़कर गयौ मोर नै, मन रौ भेद बतायौ
अरे बावळा, अठै पड़्यौ क्यूं, बिरथा जलम गमावै
मानसरोवर चाल’र भाया, क्यूं ना सुख सरसावै
मोती-वरणौ निरमळ पाणी, अर विरछां री छाया
रोम-रोम नै तिरपत करसी, वनदेवी री माया
साची थारी बात सुरंगी, सुण सरसावै काया
जलम-भोम सगळा नै सुगणी, प्यारी लागै भाया
मरुधर रौ रस ना जाणै थूं, मानसरोवर वासी
ऊंडै पाणी रौ गुण न्यारौ, भोळा वचन-विलासी
दूजी डाळी बैठ्यौ विखधर, निजर हंस रै आयौ
सांप-सांप करतौ उड़ चाल्यौ, अंबर में घबरायौ
मोर उतावळ करी सांप पर, करड़ी चूंच चलाई
विखधर री सगळी काया नै, टुकड़ा कर गटकाई
अब हंस नै ठाह पड़ी आ, मोरां सूं मतवाळी
मानसरोवर सूं हद ऊंची, धरती धोरां वाळी
गुरुवार, 18 अक्टूबर 2018
मोदीजी ने क्या किया ?
"मोदी जी ने क्या किया"
👉 रेलवे स्टेशनों में स्वचालित सीढियों में चढता व्यक्ति पूछता है मोदी ने क्या किया?
👉 रेलवे स्टेशनों पर फ्री WiFi का इस्तेमाल करता हुआ व्यक्ति पूछता है मोदी ने क्या किया?
👉 प्लेटफॉर्म पर 5₹ में एक लीटर आरओ पानी खरीद कर पीने वाला पूछ रहा है मोदी ने क्या किया?
👉 जिन्हें बात-बात पर डाक्यूमेंट सत्यापन नही करने पड़ रहे वो पूछते हैं मोदी ने क्या किया?
👉 रेलवे, बस स्टेशनों और सार्वजनिक स्थानों में बने शौचालयों में शौच करता व्यक्ति पूछता है कि मोदी ने क्या किया?
👉 मोबाईल द्वारा पानी, बिजली और आनलाइन मनी ट्रांसफर करता व्यक्ति पूछता है मोदी ने क्या किया?
👉 जिन शहरों के हाईवे में घंटो जाम लगता था वहां 80 किमी पर घंटे की रफ्तार से गाड़ी चलाता व्यक्ति पूछता है मोदी ने क्या किया?
👉 वन रैंक वन पेंशन जिनको मिली वो पूछते हैं मोदी ने क्या किया?
👉 सरकारी कर्मचारी पंच लगने पर समय से काम पर आने लगे और पूछते हैं मोदी ने क्या किया?
👉 जिनको तीन-तीन महीनें चक्कर लगाने पडते थे अब 15 दिन में जिनके पासपोर्ट बन रहे हैं वो पूछतें हैं मोदी ने क्या किया?
👉 जिनको गैस लेने के लिए अब घंटो लाइन में नहीं लगना पड़ता वो भी पूछ रहे है मोदी ने क्या किया?
👉 जिनके घर गैस सिलेंडर बुकिंग के अगले दिन पहुंच जाती है वो भी पूछते है मोदी ने क्या किया?
👉 जिनको यूरिया के लिए अब लाठियां नहीं खानी पड़ रही है वो भी पूछते है मोदी ने क्या किया?
👉 बैंकों में बिना गारंटर के शून्य बैलेंस खाते खुले लोग पूछते हैं मोदी ने क्या किया?
👉 जिनको मुफ्त रसोई गैस और मुफ्त बिजली कनेक्शन मिला वो पूछते हैं मोदी ने क्या किया?
👉 जिस हार्ट के ईलाज में ढाई लाख का खर्चा आता था अब वह आधी से कम कीमत पर हो रहा है फिर पूछते हो मोदी ने क्या किया?
👉 मोदी राज में जिन 60 करोड़ लोगों के आराम से आधार कार्ड बन गये वे पूछते हैं मोदी ने क्या किया?
👉 5.5 करोड़ मुफ्त एलपीजी कनेक्शन बांट दिए, 3 करोड़ का नया लक्ष्य ले कर चल रहे है और पूछते हो मोदी ने क्या किया?
👉 गरीबों के लिए अब तक 1.07 करोड़ घर बनवाए जा चुके है फिर भी पूछते है मोदी ने क्या किया?
👉 सैनिकों के लिए आधुनिक हथियार, राफेल लड़ाकू विमान, अपाचे हेलीकॉप्टर, चिनूक हेलीकॉप्टर, गोला बारूद, बुलेप्रूफ जैकेट, नाइट विजन डिवाइस इत्यादि की खरीद की जा रही है फिर भी पूछे है मोदी ने क्या किया?
👉 हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए नए एयरपोर्ट और हवाई पट्टियों का निर्माण किया जा रहा है और 900 नए हवाई जहाज खरीदे जा रहे है फिर भी पूछते हो मोदी ने क्या किया?
👉 111 राष्ट्रीय जलमार्गों का विकास किया जा रहा है जिससे माल ढुलाई लागत कम हो सके और व्यापारियों को राहत मिलेगी लेकिन फिर भी पूछेंगे की मोदी ने क्या किया?
👉 नोटबंदी और जी एस टी जैसा युगान्तकारी काम मोदी राज में हुआ और किन्तु जिनकी मति वंशवादी गुलामी ने हर ली वो पूछते हैं मोदी ने क्या किया?
👉 तीन तलाक जैसी मुसलिम समाज की बीमारी से मुक्ति का कानून लोक सभा में पास है। विपक्षि दलों नें विरोध किया, राज्य सभा में अटका दिया, लोग पूछते हैं मोदी ने क्या किया?
👉 आर्थिक अपराधों की रोकथाम के लिए इकोनोमिक ऑफेंडर्स बिल दोनों सदनों से पास करवा दिया फिर भी लोग पूछते है मोदी ने क्या किया?
👉 बैंको के एनपीए को वापस बैंको में लाने के लिए आईबीसी लॉ बना दिया, फिर भी पूछेंगे मोदी ने क्या किया?
👉 200/300 रुपए में मिलने वाला एल ई डी बल्ब 60/70 रुपए में खरीद कर बिजली बिल बचाने वाले पूछते है मोदी ने क्या किया?
👉 400/500 रुपए में मिलने वाली दवाइयां अब 100/150 रुपए में जेनेरिक दवाई खरीद कर पैसे बचाने वाले पूछते है मोदी ने क्या किया?
👉 घर बनवाने के लिए 3 लाख तक की ऋण सब्सिडी पाने वाला पूछता है मोदी ने क्या किया?
4 वर्षों में मोदी ने वो किया है जिसकी देश को सख्त जरूरत थी और जो 20-30 वर्ष पहले हो जाना चाहिए था, लेकिन नामदार सरकारें तो घोटाले करने में व्यस्त थी और जागरूक व भोली भाली जनता नामदारों की सरकारें बनवाने में व्यस्त थी....
तुम भी खाओ हम भी खाए की नीति को मोदी जी ने आते ही एक झटके में समाप्त कर दिया, अभी जितना खाते है उसका हिसाब देना पड़ता है, पहले जब तक जियो घी पियो वाली नीति थी, अभी रेवड़ियां नहीं बांटी जा रही, जितने लोगों ने देश को लूटा है उन सब को लूट का धन वापस लौटना ही पड़ेगा....
भारत के इतिहास में नरेंद्र मोदी जी पहले ऐसे नेता है जिनका परिवार सामान्य जिंदगी बिताता है, कोई आलीशान बांग्ला, गाड़ी या बैंक बलैंस नहीं बनाया है मोदी जी ने जबकि कुछ नेताओ के पुत्र तो पैदा ही पेट्रोल पंप ले कर हुए है....
मोदी ने अपना जीवन बिना स्वार्थ भारत माता की सेवा के लिए खपा दिया और कुछ लोग बेशर्मों की तरह पूछते है मोदी ने क्या किया??? ऐसा नेता दुबारा नहीं मिलेगा, भारत को कोहिनूर हीरा मिला है ।
असफलता के मन्त्र
राम राम सा
😎 असफलता के 20 मंत्र
1.कमाओ पावली ओर खर्चो
रूपियो 😎
2. रोज मनको री भुडी करो 😎
3.डोड हुशयारी करो 😎
4. कॊई गरीब आदमी वे तो
वणरी मजाक उडाओ 😎
5. हर आदमी री टोंग खोसो 😎
6. रॊज सुबे 9-10 वजे उठो
राते 1-2 वजे सुओ 😎
7. रॊज उधार लो ओर घी
पीओ 😎
8. अपनी मर्जी हो वो करो 😎
9. रॊज दुशमनी पैदा करो 😎
10. नास्तिक बनो 😎
11. कदी पार्थना मत करो
वेणु वेई जको परो वेई 😎
12. चलते तीर को पकडो़ 😎
13. पुरो दाडो वोट्स अप फेस
बुक पे online रेणो 😎
14. बीजो रो सुख ने देकी देकी
नॆ पतलो वेणो 😎
15. खुब निन्दा करो - खुब
मनको री पंचायती करो 😎
16. रॊज नेगेटिव सोचो 😎
17. ओपणी हुशियारी मनको ने
वतावणी 😎
18. छोटा मोटा कोम मे हाथ
नी गालणो
करोड़ो रिस वात करणी 😎
19. आराम करो
सुता रो।
TV दॆखो
गाणा सुणो 😎
🙏 20. महापुरुषा रो खुब
अनादर करो 😎
😜 जो कोई अण मंतरो रो पालन करी वो उडा कुडा़ मे पडी
ओर घणो वेगो फेल वेई जाइ। 😜😜😂
बारहखडी
बाराखडी-
क. कमले क।
का. कंने का।
कि. पच्छूं कि।
की. अग्यूकी।
कु. ल्होडे कु।
कू. वड़े कू।
के. एक मत के।
कै दोमत कै।
को. काना कण मत को।
कौ. दोदो मात कन्यार कौ।
कं. मस्ते मींडी कं।
कः आगल मींडी रो कः।
क का कि की कु कू के कै को कौ कं कः
ख खा खि खी खु खू खे खै खो खौ खं खः
ग गा गि गी गु गू गे गै गो गौ गं गः
घ घा घि घी घु घू घे घै घो घौ घं घः
ड़ ड़ा ड़ि ड़ी ड़ु ड़ू ड़े ड़ै ड़ौ ड़ौ ड़ं ड़ः
च चा चि ची चु चू चे चै चो चौ चं चः
छ छा छि छी छु छू छे छै छो छौ छं छः
ज जा जि जी जु जू जे जै जो जौ जं जः
झ झा झि झी झु झू झे झै झो झौ झं झः
ञ ञा ञि ञी ञु ञू ञे ञै ञो ञौ ञं ञः
ट टा टि टी टु टू टे टै टो टौ टं टः
ठ ठा ठि ठी ठु ठू ठे ठै ठो ठौ ठं ठः
ड डा डि डी डु डू डे डै डो डौ डं डः
ढ ढा ढि ढी ढु ढू ढे ढै ढो ढौ ढं ढः
ण णा णि णी णु णू णे णै णो णौ णं णः
त ता ति ती तु तू ते तै तो तौ तं तः
थ था थि थी थु थू थे थै थो थौ थं थः
द दा दि दी दु दू दे दै दो दौ दं दः
ध धा धि धी धु धू धे धै धो धौ धं धः
न ना नि नी नु नू ने नै नो नौ नं नः
प पा पि पी पु पू पे पै पो पौ पं पः
फ फा फि फी फु फू फे फै फो फौ फं फः
ब बा बि बी बु बू बे बै बो बौ बं बः
भ भा भि भी भु भू भे भै भो भौ भं भः
म मा मि मी मु मू मे मै मो मौ मं मः
य या यि यी यु यू ये यै यो यौ यं यः
र रा रि री रु रू रे रै रो रौ रं रः
ल ला लि ली लु लू ले लै लो लौ लं लः
व वा वि वी वु वू वे वै वो वौ वं वः
श शा शि शी शु शू शे शै शो शौ शं शः
ष षा षि षी षु षू षे षै षो षौ षं षः
स सा सो सी सु सू से सै सो सौ सं सः
ह हा हि ही हु हू हे है हो हौ हं हः
ल ला लि ली लु लू ले लै लो लौ लं लः
क्ष क्षा क्षि क्षी क्षी क्षु क्षू क्षे क्षै क्षो क्षौ क्षं क्षः
त्र त्रा त्रि त्री त्रु त्रू त्रे त्रै त्रो त्रौ त्रं त्रः
ज्ञ ज्ञा ज्ञि ज्ञी ज्ञु ज्ञू ज्ञे ज्ञै ज्ञो ज्ञौ ज्ञं ज्ञः
अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ अं अः।।
मंगलवार, 16 अक्टूबर 2018
पुराणों पढ़ाई ंंमन्त्र
¤¤¤¤¤¤
पाटी पाटी सूख जा
विद्या विद्या आ जा ।
पाटी करे चम चम
विद्या आवे धम धम
पैला मारवाड रा टाबर इण मंत्र सूं पढाई मे होशियार होवता ।
आजकल रा टाबरियो ने ओ मंत्र याद नी है ,
इण वास्तै आजकल रा
टाबरिया पढाई मे कमजोर होवण लागगा । म्हें तो पहली कक्षा मे पाटी सूँ ही पढिया हा। आजकल पहली कक्षा रा टाबरियो ने किताबो और कोपियौ रो बोझ दे दियो है ।
ओ मन्त्र आजकल लुप्त होवण री कगार पर है
म्है लोग इण मंत्र स़ू पढ़ाई कर ने होशियार व्हियोडा हों...
सोमवार, 15 अक्टूबर 2018
मोतियाबिंद से बचाव और उपचार
असगन्ध 100 ग्राम,
बड़ी पीपर 100 ग्राम,
आँवला 100 ग्राम,
बहेड़ा 100 ग्राम,
हरड़ 100 ग्राम,
इलायची छोटी 25 ग्राम। प्रत्येक का चूर्ण बनाकर अच्छी तरह मिलाकर रख लें। इसमें से एक चम्मच की मात्रा दूध के साथ नित्य खाली पेट सुबह-शाम लें। साथ ही त्रिफला जल से नित्य प्रातः आँखें धोएँ। इससे आँख का बढ़ता हुआ नंबर रुक जाता है। लंबे समय तक प्रयोग करने से चश्मे का नंबर अवश्य कम हो जाता है।
रविवार, 14 अक्टूबर 2018
आंखो का चश्मा हटाने के लिये
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आंखें भगवान का दिया अनमोल तोहफा है। साथ ही आंखें हमारे शरीर का सबसे कोमल और संवेदनशील अंग भी हैं। जिसमें छोटी-सी परेशानी जिंदगी भर की तकलीफ बन सकती है। आंखों को स्वस्थ रखने के लिए आंखों की सही देखभाल बहुत जरुरी है। आंखों की सही देखरेख व पोषण के अभाव में ही अधिकतर लोगों को चश्मा लगता है और एक बार जिन लोगों को चश्मा लगा होता है उनके नंबर बढ़ जाते हैं या आंखों संबंधी और कई अन्य समस्याएं उन्हें घेर लेती हैं।अगर आपके साथ भी आंखों में पानी आना, जलन होना, आंखे लाल हो जाना या सूजन आना जैसी समस्याएं हो जाती हैं तो अपनी आंखों को स्वस्थ रखने के लिए जरूर आजमाएं नीचे लिखे टिप्स....
- रूई को गुलाबजल में भिगोकर आंखों पर एक घंटा रखने से गर्मी से होने वाले नेत्र रोगों में आराम मिलता है।प्याज का रस आंखों में डालने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। रात को आठ बादाम की गिरी को पानी में डालकर छोड़ दें। सुबह उसे पीस कर पानी मिलाकर पी जाएं।रुई को गर्म दूध में भिगोकर ठंडा कर लें और फिर उसे आंखों पर रखें। आंखों को ठंडक मिलेगी।एक गिलास नींबू पानी रोज पीने से आंखों की ज्योति बढ़ती है।
- आंखों की रोशनी ठीक रखने के लिए विटामिन ए का महत्वपूर्ण योगदान है। गाजर, पपीता, आम, दूध, मक्खन का प्रयोग करें। आंखों की चारों ओर की सफाई रोगन बादाम या क्रीम से करें। हल्के हाथ से मालिश करें। रात को सोने से पूर्व करें और सोने से पूर्व क्रीम पोछ दें। आंखों का मेकअप काजल साबुन पानी से चेहरा धोकर तौलिया से रगड़ कर छुड़ाने का प्रयास न करें। इससे त्वचा पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं।
- सुबह उठते ही मुंह में पानी भर कर मुंह फुलाकर शीतल जल से आंखों पर छीटे मारना चाहिए। इससे आंखों की ज्योति बढ़ती है और आंखों की बीमारी दूर होती है।रात को मिट्टी के बर्तन में दो चम्मच त्रिफला एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह छानकर उस पानी से आंखे धोने से आंखे स्वस्थ रहती हैं ।
- सूखे नारियल की गिरी और 60 ग्राम शक्कर मिलकर प्रतिदिन एक सप्ताह तक खाने से आंखों के सामान्य रोगों में लाभ होता है। गन्ना व केला खाना आंखों के लिए हितकारी है। मसूर की दाल घी में छौंक लगाकर खाने से भी आंखों को शक्ति मिलती है।
- 1 गिलास ताजे और साफ पानी में नींबू का 5-6 बूँद रस टपका दो और इस पानी को साफ कपड़े से छान लो। इससे दिन में 1 बार आँखों को धोना चाहिए। धोने के बाद ठंडे पानी की पट्टी आँखों पर रखकर 5-10 मिनट लेटना चाहिए। इस प्रयोग से नेत्रज्योति बढ़ती है।
गुरुवार, 11 अक्टूबर 2018
एक बुद्धिमान वृद्ध
।।राम राम सा ।।
एक वृद्ध ट्रेन में सफर कर रहा था। राम नाम की माला घुमाते हुए। संयोग से वह कोच खाली था।
8-10 लड़के उस कोच में आये और बैठ कर मस्ती करने लगे । एक ने कहा चलो जँजीर खींचते है। दूसरे ने कहा यहाँ लिखा है कि 500रु. जुर्माना और 6 माह की कैद । तीसरे ने कहा तीन लोग है चँदा करके 500रु.जमा कर देंगे। चन्दा किया गया तो 500रु. की जगह पर 1200रु. जमा हो गए। जिनको पहले लड़के के जेब में रख दीये गये। तीसरे ने कहा जँजीर खींचते है,अगर कोई पूछेगा तो कह देंगे कि बूढ़े ने जँजीर खींची है। पैसे भी नहीं देने पड़ेंगे फिर तो।
बूढ़े ने हाथ जोड़ कर कहा, बच्चों मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है ? मुझे क्यों फंसा रहे हो ? लेकिन किसी को भी दया नहीं आई। जँजीर खींची गई तो सिपाही के साथ टी.टी.ई. आया तो तीनों लड़कों ने एक स्वर में कहा बूढे़ ने जँजीर खींची है।। टी.टी.ई. ने बूढ़े से कहा शर्म नहीं आती इस उम्र में ऐसी हरकत करते हुए,बूढ़े ने हाथ जोड़ कर कहा, साहब हाँ मैंने जँजीर खींची है। लेकिन मेरी बहुत मजबूरी थी। तो पुछा कि क्या मजबूरी थी? बूढ़े ने कहा मेरे पास केवल 1200रु. थे जिसे इन लड़कों ने छीन लिए और इस लड़के की जेब में रखे है।अब टीटीई ने सिपाही से कहा इसकी तलाशी लो।तलाशी ली गई तो लड़के की जेब से 1200रु. बरामद हुए जो वृद्ध को वापस कर दिये गये और उन लड़कों को अगले स्टेशन पर पुलिस के हवाले कर दिया गया ।पुलिस द्वारा ले जाते समय लड़कों ने वृद्ध की और देखा तो,वृद्ध ने सफेद दाढ़ी पर हाथ फेरते हुए कहा "ऐ धोळा ईयों ही कोनी आया"
*अंतर्राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस की हार्दिक बधाई!!*😃🙏