रविवार, 7 अक्टूबर 2018

नवी बीनणी

मारवाङी कविता 
नवी बीनणी

कोड करे जी कोड करे
सगऴो घर लाड करे
देवर चावे म्हांसूँ बोले
पण नवी बीनणी लाज मरे

चोटी इणरी नागण है
जाणे उतरतो फागण है
बोले तो यूँ लागे ज्यूँ
बिना गत री जागण है

चूङ कङी बेङी हाँयली
नवी बीनणी पेरे कोनी
भारी भारी टोटियाँ
कानाँ में अब टेरे कोनी

डोकरी डोकरे सूँ कँवळे लारे
छाने बाताँ करे है
म्हें सुण्यो है आंपाळो बेटो
बीनणी ऊँ डरे है

कानाँ में इयरफोन लगा
फिल्मी गाणा सुणे है|
डीजे आळा गीताँ पे आ
भोपी ज्यूँ धूणे है||

बतळावे तो बोले कोनी
बोले तो बोले गाळियाँ|
सासू ने गवायो मोरीयो
चलो बजाओ ताळियाँ||

अँगूठा छाप सासू आगे
अँगरेजी री नाङ हिलावे|
आई वाई बिन बोले कोनी
इडियट गळो फाङ चिल्लावे

चैटिंग-वैटिंग आदत पङगी
आ आदत अब छूटे कोनी|
अँगरेजी आळा फलका अ
फोङियाँ बिगर फूटे कोनी|

सुसरो जद माँगे डोडा
नवी बीनणी भाँगे गोडा
डोडा बिना चाले कोनी
बुढा टाँगङा हाले कोनी

बीङी चिलम माँगे तो
कालिंदर ज्युँ लेवे डस
ऊपर सूँ अँगरेजी छाँटे
स्मोकिंग इज डेंजरस

पाङोसियाँ री लुगायाँ सँग
दिनङो बीते बाताँ मेँ|
हथायाँ री कोडावण
घर मोङी आवे राताँ में|

घर आताँ ही होवे चैकिंग
ज्यू जनधन आळा खाता मे
जै निकळे कोई कमी पेशी
ले लट्ठ ने हाथाँ मे
सासूजी रा मौर पकाया
नवी बीनणी लाताँ में

बीनणी जीमै चुपङी रोटी
सासू ने जीमावे कोरी
बिना ग्रीस हाड घूमे कोनी
कटे आ जिंदगी दोरी

राम रटण गी उमर में
मरां मरां री रट रटे
सुसरे जी री बैठक लागे
कुतो बेवे जठे

आखे घर गा जूठा ठाँव
सासू अब धो
करम तो कदी फूटा
अब किस्मत नै रो

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