मंगलवार, 2 अक्टूबर 2018

व्यंग्य बाण

राम राम सा
व्यंग्य बाण

अगर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने घोषणा की कि उन्होंने मंगल ग्रह पर पानी खोज निकाला है. अब इस घटना पर हमारे देश की राजनीति में कैसी प्रतिक्रियाएं हुईं, जरा देखिये

–नरेन्द्र मोदी :
मितरों … 60 साल हो गए देश आज़ाद हुए, आज तक पानी मिला क्या ? (जनता – नहीं मिला …) तो अब मंगल ग्रह पर पानी मिलने के बाद मैं आप सबसे पूछना चाहता हूँ कि …

आपको बुध पर पानी चाहिए कि नही चाहिए ?… (जनता – चाहिए …)

आपको शुक्र पर पानी चाहिए कि नहीं चाहिए ?… (जनता – चाहिए…)

आपको शनि पर पानी चाहिए कि नहीं चाहिए ?… (जनता – चाहिए …)

तो आपसे मेरी हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि इस राजस्थान चुनाव में मुझे अपना आशीर्वाद दीजिये और भाजपा की सरकार बनवाइए ….
 
राहुल गांधी :

पानी … पानी क्या होता है ? …. आज मैं आपको बताता हूँ कि पानी क्या होता है ? …. पानी, दरअसल पानी होता है … ये जो मंगल ग्रह का पानी है, वो किसानों और मजदूरों का पानी है …. गरीबों का पानी है, और ये सूटबूट की सरकार …. ये मोदी सरकार … उस पानी को उद्योगपतियों को देना चाहती है…. लेकिन मैं आपको ये बताने आया हूँ कि हम ऐसा होने नहीं देंगे ….

अरविन्द केजरीवाल :

मंगल पर पानी ढूँढने के लिए मैं वैज्ञानिकों को बधाई देता हूँ लेकिन ये केंद्र की सरकार …. पानी का कंट्रोल अपने हाथों में रखना चाहती है, दिल्ली की चुनी हुई सरकार को पानी से दूर रखना चाहती है …

ओवैसी :

कोई ये न समझे कि मंगल के पानी पर सिर्फ किसी एक कौम का हक है …. ध्यान रहे कि उस पानी पर मुसलमानों का भी बराबर का हक है…

लालू यादव :

ई मंगल पे पानी, मंगल पे पानी, मंगल पे पानी का करता है रे ? धुत …! अरे ऊ तो बिहार का पानी है जो हमरे गया से जाता है …. गया में जा के पुरखों को पानी देते हो कि नहीं ? बोलिए ? उहै पानी पहुँचता है मंगल पे … बुडबक!

जी न्यूज़ :

यहाँ आपके लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि मोदी जी इस देश के ऐसे पहले प्रधानमन्त्री बन गए हैं जिनके कार्यकाल में मंगल पर पानी मिला है …. !!!

दीपक चौरसिया :

इस वक़्त मैं मंगल पर हूँ और जैसा कि यहाँ मैं देख पा रहा हूँ ये दरअसल एक स्विमिंग पूल है, जो ललित मोदी का है, जो अपनी पत्नी के इलाज के लिए पेरिस हिल्टन के साथ यहाँ आये हुए हैं.

अशोक गहलोत :

     ये सब राजे सरकार की चाल  है जो  ये पानी पहले  हमने निकाला था पर महारानी सब हमारी ही योजना को बदलकर दुसरा नाम दिया है  ये हमारी जंगल  का नाम मंगल कर दिया है  आजकल पानी ज्यादा मिलाने लगी है इलेक्शन आने वाले है  जब पानी  से बिजली निकलेगी तो पानी काम क्या आयेगा और ये पानी पहले से ही था जब हमारे पूर्वज सब्जिया उगाते थे 

फेस्बुकिया मोदी भक्त :

… देख लो, इसे कहते हैं अच्छे दिन …. तुम लोग साले पैट्रोल की मंहगाई का रोना ही रोते रहना, बस !   कभी देश के बारे मे भी सोचो

गाँव धवा से

.....अरे ये पानी तो वही है जो दस सालो से हम आगे जाने नही देते है ये वो ही पानी है एकदम काला काला । लास्ट हमारे गाँव तक ही सीमित है ।इस पर हमारा ही हक है अब हम ही मंगल ग्रह पर रायड़ा बोयेन्गे अगर मंगल ग्रह पर पहले पानी नही था हमारी मेहनत है जो 10 साल से जोजरी का पानी रोककर रखा है ।10 साल के बाद हमे पता चला है की पीछे से इतना पानी आता है और जाता कहाँ है ? नासा हमारा हक छिन रही है ।
 

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