गुरुवार, 24 जनवरी 2019

हम वो आखिरी पीढ़ी है

।। जय श्री कृष्णा ।।
*👍🏻👍🏻हम वो आखरी पीढ़ी  हैं जिन्होंने -*
कई कई बार मिटटी के घरों में बैठ कर परियों और राजाओं की कहानियां सुनी

*👍🏻👍🏻हम वो आखरी लोग हैं जिन्होंने -*
जमीन पर बैठ कर खाना खाया है,  प्लेट में चाय पी है।

*👍🏻👍🏻हम वो आखरी लोग हैं जिन्होंने -*
बचपन में मोहल्ले के मैदानों में अपने दोस्तों के साथ पम्परागत खेल, गिल्ली डंडा, छुपा छिपी, खो खो, कबड्डी कंचे.. जैसे खेल खेले ।

*👍🏻👍🏻 हम वो आखरी पीढ़ी के लोग हैं जिन्होंने -*
कम (या बल्ब की पीली)  रोशनी में होम वर्क किया है और नावेल पढ़े हैं।

*👍🏻👍🏻हम वही पीढ़ी के लोग हैं जिन्होंने-*
अपनों के लिए अपने जज़्बात खतों में आदान प्रदान किये हैं ।

*👍🏻👍🏻हम वो आखरी पीढ़ी के लोग हैं जिन्होंने -*
कूलर, एसी या हीटर के बिना ही  बचपन गुज़ारा है।

*👍🏻👍🏻हम वो आखरी लोग हैं जिन्होंने -*
अक्सर अपने छोटे बालों में सरसों का ज्यादा  तेल लगा  कर स्कूल और शादियों में जाया करते थे।

*👍🏻👍🏻हम वो आखरी पीढ़ी के लोग हैं जिन्होंने-*
स्याही वाली  दवात या पेन से कॉपी,  किताबें, कपडे और हाथ काले, नीले किये।

*👍🏻👍🏻 हम वो आखरी लोग हैं जिन्होनें-*
टीचर्स से मार खाई है।

*👍🏻👍🏻हम वो आखरी लोग हैं जो-*
मोहल्ले के बुज़ुर्गों को दूर से देखकर नुक्कड़ से भाग कर घर आ जाया करते थे।

*👍🏻👍🏻हम वो आखरी लोग हैं जिन्होंने -*
अपने स्कूल के सफ़ेद केनवास शूज़ पर खड़िया का पेस्ट लगाकर चमकाये हैं।

*👍🏻👍🏻हम वो आखरी लोग हैं जिन्होंने -*
गोदरेज सोप की गोल डिबिया से साबुन लगाकर  शेव बनाई है।  जिन्होंने गुड़  की चाय पी है । काफी समय तक सुबह काला या लाल दंत मंजन या सफेद टूथ पाउडर ही इस्तेमाल किया है।

*👍🏻👍🏻हम निश्चित ही  वो आखिर लोग हैं जिन्होंने-*
चांदनी रातों में रेडियो पर BBC की ख़बरें, विविध भारती, आल इंडिया रेडियो जैसे  प्रोग्राम सुने हैं।

*👍🏻👍🏻कभी वो भी ज़माने थे-*

उस दौर के लोग बेशक़ ज्यादा पढ़े लिखे नहीं होते थे, उन लोगों के घर भले ही पक्के और  ऊंचे नहीं होते थे। मगर क़द में वो आज के इंसानों से कहीं ज्यादा बड़े हुआ करते थे।

अब तो लोग जितना पढ़ लिख रहे हैं उतना ही खुदगर्ज़ी, बेमुरव्वती, अनिश्चितता और अकेलेपन, व निराशा,  में खोते जा रहे हैं 🤔🤔

*हम ही वो खुशनसीब लोग हैं जिन्होंने रिश्तों की मिठास महसूस की है।*

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