बुधवार, 9 जनवरी 2019

संसद भवन मे राफेल

।।राम राम सा ।।
।।जय हिंद जय ।।
मित्रो जब हम पहली दुसरी कक्षा मे पढते थे तब कागज के जहाज बनाकर उडाया करते थे । वो भी कक्षा मे नही बाहर जाकर उडाते थे वो दृश्य कल वापस देखने को मिला ।  हम सब जिस सांसदो को चुनकर भेजते है वो तो आजकाल कागज के जहाज बनाकर संसद की कार्यवाही को हुड़दंग कर रोकते हुये नजर आये। इन लोगों को कागज़ के जहाज बनाकर संसद में उड़ाने में जरा सी भी शर्म नही आ रही इन सांसदों को ,क्या ये वही है जिनके कंधों पर लोकतंत्र की इज़्ज़त मतदाताओ ने रखी है और ये लोग गुंडागर्दी कर धूल में मिला रहे है
,यह दुष्कृत्य देश के लिये कतई सही नहीं है  ।
आज मुझे एक बात बहुत खटक रही है कि  घर पर अक्सर मेरे बच्चे किताबों के पन्ने फाड़ कर उनके हवाई जहाज बनाकर उड़ाते हैं तो मैं उन्हें बहुत  डाँटता हूँ कि कागज की कद्र किया करो
मगर कल संसद में कागज के हवाई जहाज उड़ते देखा तो मुझे  लगा कि शायद बच्चे  सही दिशा में जा रहे हैं।
क्या पता कागज के जहाज उड़ाते-उड़ाते भविष्य में सांसद बन  जायें?
संसद को तो मजाक का अड्डा बना दिया है कभी आँखे मारो तो कभी आँखो में आँखे डालो
जिसे  नेता को NCC के बारे में कुछ पता नहीं, वह  राफेल जहाज़ पर रटा रटाया पाठ पढ़ रहा है बेचारे पप्पू को दुनियादारी मालुम नही उसको जो सिखाया जाता है वही बोलता है।
अरे भाई इनको पहले की तरह कोई भी डील मे कमिसन मिलना जो बन्द हो गया है ।

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