!! शुभ् प्रभात !!
___! नमस्कार मित्रो !
❇ जय श्री कृष्णा ❇
❇ जय श्री राधे कृष्णा ❇
राजस्थानी भासा में मिठास घणो।
मरूधर रै कण-कण में मिठास।
अठै अंतस री आवाज मिनख भी समझै अर जीव-जिनावर भी। मिनख रै अंतस रो भाव जीव-जिनावर अर जीव-जिनावर री वेळा-कुवेळा निकळी बोली नै मिनख समझै।
सुण'र अंदाजो भरै। समै अर काळ सूं जोड़ै।
सूण-कसूण सूं जोड़ै।
कित्ती निराळी बात कै टिचकारयां पसु चालै तो बुचकारयां थमै। पीठ पर थापी मारयां भैंस पावसै तो अड्यो-अड्यो बोल्यां घणो हेज करै।
धिराणी रै कनै आवै।
चिमठी सूं दुहारकी बणै।
छी-छी बोल्यां पाणी पीवै।
हीयो-हीयो बोल्यां गाय हेज करै।
जै-जै बोल्यां ऊंट बैठै तो तुवक-तुवक करयां पाणी री चरड़क भरै।
और्रक-और्रक बोल्यां टोडारू आवै तो कर्रक-कर्रक करयां झोटो।
पूस-पूस बोल्यां मिनकी आवै तो छिर-छिर बोल्यां पाछी जावै। चै-चै बोल्यां छाळी आवै तो ठिरर-ठिरर बोल्यां भेड जावै। डरिक-डरिक बोल्यां खागड़ दड़ूकै तो हीयो-हीयो बोल्यां गाय।
जिनावरां री बोली रा ई लूंठा अर निराळा नांव।
गाय रांभै तो भैंस रिड़कै। छाळी मिमियावै तो ऊंट अर डाग अरड़ावै।
कुत्तो भूंसै। कूकरियां यानी कूरियां सारू कैबा चालै- 'अठारियो अटकै, उनीसीयो पटकै अर बीसीयै रै मूँडै मांय चुसियो लटकै ।' पंजां में अठारा, अन्नीस अर बीस नूरियां रै आधार पर न्यारा-न्यारा नांव।
आधी रात नै मोर किरळायोड़ा अर कुत्ता कूके़डा माड़ा मानीजै। कैवै- आज तो मोरिया कोजा कूकै। भाइयो, कै तो धरणी धूजसी कै कोई बूढो-ठेरो जा'सी।
दूहो है-
रातां बोलै कागला, दिन में बोलै स्याळ।
कै नगरी रो राजा मरै, कै पड़ैलो काळ।।
स्याळ रातां बोलै तो जमानो रसै।
कागलो दिन में बोलै तो घणो सुहावै।
मंडेरी माथै बोलै तो घरां बटाऊ आवण रो सुगन मानै।
बै'ण आपरै बीरै नै बेगो आवण रो सनेसो कागलै नै देवै।
परदेसी पीव नै बुलावण सारू सोनै री चांच मढावण रा कोल करीजै।
जे ऐ कुबेळा बोलै तो आंरी बोली रा अरथ साव उल्टा होज्यावै।
बुधवार, 2 जनवरी 2019
मरूधर रे कण-कण मे मिठास
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