सोमवार, 28 जनवरी 2019

ज्वारे का जूस


ज्वारे का जूस.
ये सिर्फ जूस नहीं परफेक्ट औषधि है ,क‌ई असाध्य रोगों का इलाज है खास कर खून की कमी वाले लोगों के लिए ब्लड यूनिट का काम करता है इसलिए इसको "ग्रीन ब्लड" कहते हैं।इसको बनाना बहुत आसान है,,घर में ही ट्रे,गमला, मिट्टी या प्लास्टिक के कुंडिए में गेंहू को उगाकर लगभग सात दिन के ज्वारे का हरा जूस सुबह खालीपेट पीना इतना गुणकारी है कि हमारे शरीर में खून की कमी को पूरा कर हीमोग्लोबिन को उच्चतम स्तर तक बढा देता है। कोई बीमार है तो पिलाइए और आप स्वस्थ हैं तो भी पीजिए क्योंकि हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा ही कार्यक्षमता तय करती है। जितना ज्यादा  हीमोग्लोबिन होगा उतने घंटे बिना थके आराम से काम कर सकते हैं। वाकई ये ज्वारे का जूस इतना इफेक्टिव है कि किसी को कोई भी बीमारी हो, शरीर बिल्कुल कमजोर हो गया हो, कोई दवाई काम नहीं कर रही हो, तो उसको  महीने भर सुबह शाम खाली पेट ये ग्रीन जूस पिला दीजिए। 10 दिन बाद ही चमत्कारिक चेंज नजर आएगा और 1 महीने बाद तो आप ही नहीं डॉ. भी हैरान रह जाएंगे कि ये वही मरीज है,, इसलिए हमारे सांस्कृतिक धार्मिक मान्यताओं में भी ज्वारे को हर शुभ काम में सम्मिलित किया गया है,, विश्वास न हो तो गूगल पर सर्च कीजिए,,बाजार में व्हीट ग्रास पैकिंग बिकता है,, मैं ये सब आपको इसलिए बता रहा हूं ये अनुभव मेरा खुद का है जब कुछ साल पहले पिताजी के ऑपरेशन के बाद स्थिति बिगड़ गई थी और लगातार बुखार व हिमोग्लोबिन की अत्यधिक कमी,,क‌ई यूनिट ब्लड और 36 यूनिट प्लाजमा चढाने और डेढ महीने एडमिट रखने के बाद डॉक्टरों ने हाथ झटक दिए कि अब कुछ नहीं हो सकता,, हॉस्पिटल से घर आ गए,,उस दौरान मैंने ये ज्वारा जूस के असाधारण गुणों के बारे में पढा था,,आयुर्वेद पे इंटरेस्ट था तो  हमने ये जूस रेग्युलर सुबह शाम पिलाना शुरू किया,,और इस ग्रीन ब्लड का चमत्कार देखिए कि खुद उठने की स्थिति में नहीं थे और अब कुछ दिनों में ही तेजी से सुधार होने लगा,,और फिर हम वापस सिर्फ दिखाने के लिए हॉस्पिटल ग‌ए, हिमोग्लोबिन टेस्ट करवाया तो डॉ.भी हैरान,, हिमोग्लोबिन 10.5 आया,वे डॉक्टर जिन्होंने जिसके अब तक दिन बीत जाने की सोची थी वो ही इंसान उनके सामने बिना सहारे चल के आ रहा है,,ये कैसे हुआ,,हमने बताया ये ज्वारे के जूस का कमाल है और उन्होंने माना,,उसके बाद से हर साल हम ये ज्वारा उगा कर जूस सभी पीते हैं,,आज ये वाकया इसलिए याद आया और आपके साथ शेअर करने का सोचा कि तीन दिन से अपने गांव में चल रहे RSETI कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम में कल खेती की बातों के साथ विशेषज्ञ डॉ श्याम लाल हर्ष किसानों को ज्वारे के जूस का महत्व बता रहे थे,,हम पहले से कर रहे हैं उनको पता चलने पर फिर वो अपने घर आए और हमारे जैविक खेती सिस्टम के साथ ज्वारे का स्टेंड  देखा और बातों बातों में उन्होंने भी कहा कि हमारे साथ भी ऐसा ही अनुभव हो चुका है,, उनके नजदीकी रिश्तेदार को भी बीमार होने पर डॉक्टरों ने काफी डरा दिया,,क‌ई तरह के टेस्ट के बाद ब्लड चढाया, रोज अनेकों टेबलेट्स, इंजेक्शन वगैरह के साथ अनेकों हिदायतें,, हमेशा कुछ दवाइयां लेते रहना होगा,, रिश्तेदारों की तरह तरह की  सलाह दिल्ली ले जाइए, अहमदाबाद जाइए,,फिर इन्होंने भी मिली जानकारी से ज्वारे उगाए और जूस पिलाना शुरू किया,,और वाकई अभी उनकी सभी दवाइयां बंद है और ज्वारे के साथ गाजर, टमाटर, चुकंदर,पालक का मिक्स जूस पिलाते हैं,,और स्वस्थ जिंदगी फिर से,,आप सबके साथ ये लंबें और ऊबाऊ अनुभव शेअर करने का मकसद यही है कि प्रकृति ने हमें स्वस्थ रखने के लिए इतनी सारी चीज़ें उपलब्ध कराई है तो क्यों ना हम सब इसका लाभ उठाएं,, ऐसे आसान और फ्री में उपलब्ध इतनी गुणकारी चीज का लाभ हर घर तक पहुंचे,,हालांकि मार्केट में यही डिब्बा बंद व्हीट ग्रास 500 सौ रूपए तक में उपलब्ध है,, इसके कैप्सूल भी बिकते हैं,,मगर हम क्यों खरीदें जब घर पर इसको बिल्कुल आसानी से बना सकते हैं, अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी है तो आप लगाइए ज्वारे,, पीजिए और पिलाइए,, और स्वस्थ जिंदगी का लुत्फ उठाइए

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