सोमवार, 21 मार्च 2016

Jindagi ke 5 sach

"" ज़िन्दगी के पाँच सच ~ सच नं. 1 -: माँ के सिवा कोई वफादार नही हो सकता…!!! ──────────────────────── सच नं. 2 -: गरीब का कोई दोस्त नही हो सकता…!! ──────────────────────── सच नं. 3 -: आज भी लोग अच्छी सोच को नही, अच्छी सूरत को तरजीह देते हैं…!!! ──────────────────────── सच नं. 4 -: इज्जत सिर्फ पैसे की है, इंसान की नही…!!! ──────────────────────── सच न. 5 -: जिस शख्स को अपना खास समझो…. अधिकतर वही शख्स दुख दर्द देता है…!!! गीता में लिखा है कि....... अगर कोई इन्सान बहुत हंसता है , तो अंदर से वो बहुत अकेला है अगर कोई इन्सान बहुत सोता है , तो अंदर से वो बहुत उदास है अगर कोई इन्सान खुद को बहुत मजबूत दिखाता है और रोता नही , तो वो अंदर से बहुत कमजोर है अगर कोई जरा जरा सी बात पर रो देता है तो वो बहुत मासूम और नाजुक दिल का है अगर कोई हर बात पर नाराज़ हो जाता है तो वो अंदर से बहुत अकेला और जिन्दगी में प्यार की कमी महसूस करता है लोगों को समझने की कोशिश कीजिये ,जिन्दगी किसी का इंतज़ार नही करती , लोगों को एहसास कराइए की वो आप के लिए कितने खास है!!!

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