पोष मास सरदी पडे,कड कड हाड कंपात।
गरम अरोगो गुल गुला,सैणो सु प्रभात।।
प्रात काल न्हायो पछै,हरि सुमरण कर होठ।
दैणो बटन दबाय कर,बैश कीमती बोट।।
अतंस तणी अवाज सुण, अवनीपत ले ओट।
बिध बिध सोच बिचार ने,बंधव दीजै बोट।।
आपका अमूल्य बोट बहुत सोच विचार कर अवश्य दे😄😄💐💐🙏🏼🙏🏼
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