रियासत काल के ठिकानों का प्रबंध और स्टाफ :
कामदार (ठिकाने का पूरा मैनेजमेंट देखना ) फौजदार (ठिकाने का लो एंड आर्डर देखना ) पोतेदार ( पैसा/कैश का लेन-देन देखना ) कोठारी ( कोठार देखता था ) भंडारी (भंडार देखता था )
हवालदार (पट्टे के हर गाँव का हवालदार होता था ,जो हवाले का काम देखता था आबदारखानादार ( दारू का प्रोडक्शन और वितरण )
रसालदार (घोड़ो का इंचार्ज ) खासा
रसोददार ( royal family के लिए खाना बनाने वाला ) बारगी
रसोड़दार ( बाकि के स्टाफ और लोगो के लिए खाना बनाने वाला )
चोबदार ( पर्सनल असिस्टेंस ठाकुर साब का ) छड़ीदार ( सोने की छड़ी वाला सुपीरियर होता था ,चांदी की छड़ी रखने वाला जूनियर होता था )
सलेहखानेदार ( वेपन्स का रख-रखाव ) खीलीखानेदार (उंट का सामान और टेंट के सामान का ध्यान रखने वाला )
चरवाहदार ( घोड़ो की देख भाल रखने वाला ) डोडीदार ( जनाना और मरदाना डोडीयो का ध्यान रखने वाला )
पोलची ( बाहर की पोल का पहरेदार )
दरोगा/ हजुरिये ( ठाकुर साब के पर्सनल काम देखना )
नाई ( खाना serve करना पानी भरना आदि काम )
धाभाई ( बाहर दरीखाने में आये मेहमान और मिलने आये लोगो को पानी पिलाना ,अमल ,चिलम की मनवार करनी आदि काम )
डावडीया : जनाने में royal family की लेडीज का पर्सनल काम देखना )
ढोलनिया /दमामी : जनाने में रहकर छोटे –मोटे काम करती थी )
दाईमाँ ( गुजर जाति की बुजुर्ग महिला जो जनाने में रहती थी ) गाँव भाम्बी ( गाँव के लोगो तक ठाकुर साब का सन्देश.आदेश पहूचना, ठिकाने के बेगार के काम करवाने के लिए मजदुर लाना ) कनवारिया ( चार दिशा की ज़मीनों के चार अलग अलग कनवरिया होते थे जो ये देखते थे की कोई ठिकाने की ज़मीनों में बिगाड या चोरी तो नहीं कर रहा है )
नंगारची (नंगारे बजने वाला ) बाकियवाला (बाकिया बजने वाला )
सहनाई वाला (सहनाई बजने वाला )
पोलपात (चारण ) भिस्ती ( गढ़ में और ठाकुर साब के अपने गाँव में बाहर निकलने पर आगे आगे पानी का छिडकाव करना ताकि मिट्ठी ना उड़े )
कुम्भार ( कुओ से पानी लाना और भरना )
जज ( ठाकुर साब के नहीं होने पर मुकदमो के फैसले करने वाला )
वकील ( all legal work, legal एडवाइजर ठिकाने के मुक़दमे, कागज़ आदि को स्टेट में पेश करना )
शुक्रवार, 24 जनवरी 2020
प्रासीन रियासत काल मे ठिकानों का प्रबंधक और स्टाफ
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