शुक्रवार, 24 जनवरी 2020

प्रासीन रियासत काल मे ठिकानों का प्रबंधक और स्टाफ

रियासत काल के  ठिकानों का प्रबंध और स्टाफ :
कामदार (ठिकाने का पूरा मैनेजमेंट देखना )  फौजदार (ठिकाने का लो एंड आर्डर देखना )  पोतेदार ( पैसा/कैश  का लेन-देन देखना )  कोठारी ( कोठार देखता था )  भंडारी (भंडार देखता था )
हवालदार (पट्टे के हर गाँव का हवालदार होता था ,जो हवाले का काम देखता था  आबदारखानादार ( दारू का प्रोडक्शन और वितरण )
रसालदार (घोड़ो का इंचार्ज ) खासा
रसोददार ( royal family के लिए खाना बनाने  वाला ) बारगी
रसोड़दार ( बाकि के स्टाफ और लोगो के लिए खाना बनाने वाला ) 
चोबदार ( पर्सनल असिस्टेंस ठाकुर साब का ) छड़ीदार ( सोने की छड़ी वाला सुपीरियर होता था ,चांदी की छड़ी रखने वाला जूनियर होता था ) 
सलेहखानेदार ( वेपन्स का रख-रखाव )  खीलीखानेदार (उंट का सामान और टेंट के सामान का ध्यान रखने वाला )
चरवाहदार ( घोड़ो की देख भाल रखने वाला )  डोडीदार ( जनाना और मरदाना डोडीयो का ध्यान रखने वाला ) 
पोलची ( बाहर की पोल का पहरेदार )
दरोगा/ हजुरिये (  ठाकुर साब के पर्सनल  काम देखना ) 
नाई ( खाना serve करना पानी भरना आदि काम )
धाभाई ( बाहर दरीखाने में आये मेहमान और मिलने आये लोगो को पानी पिलाना ,अमल ,चिलम की मनवार करनी आदि काम )
डावडीया : जनाने में royal family की लेडीज का पर्सनल काम देखना ) 
ढोलनिया /दमामी : जनाने में रहकर छोटे –मोटे काम करती थी ) 
दाईमाँ ( गुजर जाति की बुजुर्ग महिला जो जनाने में रहती थी ) गाँव भाम्बी ( गाँव के लोगो तक ठाकुर साब का सन्देश.आदेश पहूचना, ठिकाने के बेगार के काम करवाने के लिए मजदुर लाना ) कनवारिया ( चार दिशा की ज़मीनों के चार अलग अलग कनवरिया होते थे जो ये देखते थे की कोई ठिकाने की ज़मीनों में बिगाड या चोरी तो नहीं कर रहा है ) 
नंगारची (नंगारे बजने वाला )  बाकियवाला (बाकिया बजने वाला ) 
सहनाई वाला (सहनाई बजने वाला ) 
पोलपात (चारण ) भिस्ती ( गढ़ में और ठाकुर साब के अपने गाँव में बाहर निकलने पर आगे आगे पानी का छिडकाव करना ताकि मिट्ठी ना उड़े ) 
कुम्भार ( कुओ से पानी लाना और भरना ) 
जज ( ठाकुर साब के नहीं होने पर मुकदमो के फैसले करने वाला ) 
वकील ( all legal work, legal एडवाइजर ठिकाने के मुक़दमे, कागज़ आदि को स्टेट में पेश करना )

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