शनिवार, 11 जनवरी 2020

CAA का विरोध क्यो ?

।। राम राम सा ।।
मित्रो हम सब जानते है कि गद्दार और बेईमान लोग मोदीजी को सहन नहीं कर पा रहे हैं
मित्रो जब से मोदी जी प्रधान मंत्री बने हैं तब से विरोधियों की एक पूरी सेना उनके सामने आ खड़ी हुई  है ।

देखा जाए तो शुरुआत तो तब ही हो गई थी जब वह गुजरात के मुख्य मंत्री थे. लेकिन तब बात सिर्फ गुजरात तक सीमित थी. अब बात देश की है इसलिए यह जानना ज़रूरी है कि कौन लोग हैं जो उनके विरोध में हैं.

सबसे ऊपर तो वही लोग हैं जो सत्ता से अलग हो गये हैं. इन में से कई ऐसे भी हैं जो देश पर राज करना अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझते हैं.

फिर वह लोग जिनकी ऊपर की कमाई बंद हो गई है या कम हो गई  है. कई लोगों पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं. वह सब भयभीत हैं, इसलिए विरोध में लामबंध हो गये हैं.

फिर वह अफसर जिन्हें अब समय पर दफ्तर आना पड़ता है. और जिन्हें अब काम करना पड़ता है. (पिछली सरकारों के समय तो खराब रिपोर्ट होने पर भी प्रमोशन हो जाता था).

वह उद्योगपति और व्यापारी जो अब तक बैंकों से लोन लेकर अपना कारोबार चला रहे थे, उनके लिए मुसीबतें खड़ी  हो रही हैं. बिना टेक्स भरे   करोडों का व्यापार करते थे आज टेक्स भरना पड़ता है । 

रक्षा मंत्रालय, रेल मंत्रालय और दूसरे विभागों  में सक्रिय दलाल जो अब तक हर सौदे में अपनी हिस्सा पाते थे, वह कैसे चुप रह सकते हैं.

मीडिया के वह लोग जिन्हें अब तक वीआईपी माना जाता था और वह सोशल एक्टिविस्ट जो देश के भाग्य-विधाता बने हुए थे, यह सब नई व्यवस्था से अप्रसन्न हैं. क्योकि उन्हे सरकार कि झूठी प्रशंसा करने के करोड़ों रुपये मिलते थे  वो बन्द हो गये है ।

फिर कई गैर-सरकारी-संस्थाएं हैं जिन्हें बाहरी और भीतरी शक्तियों से संरक्षण मिला हुआ है, वह भी विरोधी दल में जा मिली हैं.

देश की अलग-अलग संस्थाओं में जो नक्सलवादी (अर्बन नक्सल) और उनके समर्थक सक्रिय है वह एक खतरनाक रास्ते पर चल पड़े है और उन्होंने इस्लामिक आतंकवादियों से गठजोड़ कर  लिया है.

पिछले पाँच-छह वर्षों से जो झूठी ब्यानबाज़ी चल रही है वह एक सोची-समझी योजना प्रतीत होती है. इस योजना की सबसे बड़ी सफलता है सी ए ए के विरोध में चलाया गया झूठ का अभियान. इस संशोधन के किसी भी विरोधी ने यह स्पष्ट नहीं किया कि पकिस्तान, बँगला देश, अफगानिस्तान से आये हिन्दू, सिख, इत्यादि लोगों को  भारत की नागरिकता क्यों न दी जाए.  बस  हर एक इस संशोधन को मुसलमानों के लिए अहितकर बता कर लोगों का भड़का रहा है जबकि सत्य तो यह है कि इस संशोधन का भारत के किसी नागरिक से, चाहे वह हिन्दू हो या मुसलमान, कोई लेना-देना ही नहीं है.

पर तरस तो उन अभागे आम लोगों पर आता है जो सहर्ष इन कुटिल लोगों के हाथों  का मोहरा बन जाते हैं.
दूर-दूर तक अभी हमारे पास उनके जैसा दृढ इच्छाशक्ति वाला नेता नहीं है जो इतना मेहनती हो और ईमानदार हो।
मोदी जी पर पुरा विश्वास रखें ।वह इंसान इस देश का सपने मे भी कोई अहित नही कर सकता है , बाकि सब राजनीति और सत्ता का खेल हैं।
गुमना राम पटेल सिनली जोधपुर

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