।। राम राम सा ।।
* *जीवन में तीन बाते
* *कभी भी हो सकती है...
* *1. पाप का उदय 'कब आ जाए..
* *2. गति का बंध कब हो जाए..
* *2. आयु का अंत कब हो जाए...
* *इसलिए अपने भाव ओर
* *कर्म ,ओर मन के परिणाम को काेमल रखने चाहिए.....!
* *रोजाना पढ़ो और चिंतन करो
* *पहला - मरना अवश्य है।
* *दूसरा - साथ कुछ नहीं जाना है।
* *तीसरा-जो करेगा वो भरेगा।
* *चौथा- जहाँ उलझो वहीं सुलझो।
* *पाँचवा- जो है उसमें संतोष करो।*
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