सोमवार, 29 अप्रैल 2019

जोधपुर लोकसभा चुनाव 2019 मे

राम राम सा
मित्रो आज हमारे यहाँ चुनाव जरूर था लोगो मे उत्साह तो थोड़ा कम दिख रहा था।  फिर भी ज्यादतर लोगो ने रास्ट्र हित के लिए और किसी ने पप्पू के लिये मतदान जरूर किया है ।  
मित्रो वैसे  आमतौर पर चुनावो मे तो पुरे देश मे छोटी बड़ी घटनाएँ होती ही है । वो भी पंचायत चुनावों मे ज्यादा होती है पर इस बार लोक सभा चुनाव मे जो हो रहा है इससे पहले कभी नहीं देखा था।  नेता अपने सता के अंहकार मे आचार संहिता का उल्लंघन करने से नही चूकते है । आज जो राजस्थान मे चुनाव हुये हैं वहाँ सत्ता के अंहकार मे कानुन् की धज्जियां कैसे उडी आप सब ने भी देखी ही है । जब पैसो का इस्तेमाल होगा तो लोग नेताओं के लिये सब कुछ करने को तैयार हो जाते है ।
मित्रों, ऐसा भी नहीं है कि चुनाव आयोग इस समस्या से अनभिज्ञ है. उसने प्रत्येक स्तर के चुनाव के लिए खर्च की सीमा तय कर रखी है. उम्मीदवारों से खर्च का लिखित हिसाब भी लिया जाता है लेकिन वास्तविकता तो यह है कि सबकुछ दिखावा होता है, औपचारिकता होती है. चुनावों के दौरान पैसे जब्त भी होते हैं लेकिन वो बहुत कम होते हैं.
मित्रों, कहने को तो चुनावों की घोषणा के साथ ही आचार-संहिता लागू हो जाती है लेकिन उनका पालन नहीं होता. कई बार उद्दण्ड उम्मीदवारों के खिलाफ आचार-संहिता उल्लंघन के मुकदमे भी दर्ज होते हैं लेकिन आज तक किसी नेता को इन मामलों में सजा मिली हो देखा नहीं गया. मैं पूछता हूँ कि आखिर क्या आवश्यकता है ऐसी आचार-संहिता की जो वास्तव में एक आचार संहिता ना होकर  लाचार-संहिता हो गई है ?  कहना न होगा कि जैसे हमारे देश में कानून बनते ही टूटने के लिए हैं.आज c.m.का बेटा भी अचार संहिता  कानुन का उल्लंघन करने लगे तो आम आदमी से क्या आशा कर सकते हैं।
और हमे तो  चुनावी माहौल देखकर पता चला है कि
अशोक जी देखेला आँखो से , भाई वैभव हारेला  लाखों से ।
जय हिन्द जय भारत

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