राम राम सा
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मित्रो बेरोजगारी की समस्या पुरे विश्व मे है लेकिन भारत जैसे देश मे बेरोजगारी थोड़े दिनों का खेल नहीं है।इसके बहुत सारे कारण हैं।सबसे पहले तो तेज रफ्तार से बढ़ती आबादी जिसमें 4बीबियाँ और 24बच्चे वालों की बड़ी भूमिका है।दूसरा नं० आता है बड़े पैमाने पर आटोमेशन और कम्प्यूटरीकरण और तीसरा बडा कारण है 70सालों से नेहरू गांधी परिवार की गलत नीतियाँ और भ्रष्टाचार। अब मोदी ने जब बढती आबादी के बारे मे ठौस निर्णय लेने की बात की तो कोन्ग्रेसीयो का पिछ्वाडा ही सुलग गया ।
और सबसे बड़ा कारण हमारी सरकारें स्वयं हैंं जिनके कारण धीरे-धीरे चुपके-चुपके न जाने कब हमारी हजारों करोड़ों नौकरियों पर बांग्लादेशी और रोहिग्याओं का कब्जा हो गया।और हमारे नेता बेरोजगारी और भुखमरी के गाने गाते रहे।
मित्रो ज्यादा वर्ष नहीं हुए है ।इन्दिरा गान्धी सरकार के आखिर के 5 वर्ष और यूपीए के दस वर्ष ये वो समय था जब मनरेगा और रिज़र्वेशन के लालीपाप ने अचानक हमारे ग्रामीणों और खेतो मे काम करने वाले मजदूरों तथा अन्य कामगारों को इतना अमीर बना दिया ( सिर्फ सोचने में नाकि सही मायने में) कि उन्हें छोटे मोटे घरेलू और खेती के काम में शर्म आने लगी। जिसका फायदा बंगलादेशियों ने उठाया और धीरे भारतीयों को विस्थापित करते गये।
आज हालत यह हैकि तथाकथित पढ़े लिखे ग्रामीण युवक खेत पर जाने में भी कतराने लगे हैं फल यह हुआ कि खेती का काम करने वाले नहीं रहे। लोग मनरेगा के कुचक्र मे बिना काम के पैसे का आनंद लेते रहे।किसान की उपज कम होती गयी लागत बढ़ती गयी नौबत आत्महत्या तक पहुंच गयी पर ग्रामीण युवा बाबूगीरी के सपने में जड़ होकर रह गये।शहरी इलाकों का हाल भी अलग नहीं रहा।छोटेमोटे काम कोई करना नहीं चाह रहा।पर बड़ा काम तो पढ़ाई और योग्यता मांगता है या रिजर्वेशन का स्पोर्ट।
सबका एक ही परिणाम हुआ विदशियों ने वे सारे मौके हथिया लिये। हमारे देश के लोग अब बेरोजगारी का रोना रो रहे हैं।इतने सारे खाली दिमाग वालों के पास अब दो ही काम बचे हैं , चोरी- डकैती-गुंडागर्दी या फिर नेतागिरी-धरना-प्रदर्शन- आन्दोलन क्योंकि छोटा काम इनको करने मे शर्म भी आती है। मोदी ने जब उदाहरण के तौर पकोडे की बात क्या की पुरा विपक्ष उछल पड़ा ये कैसा काम है । आरे भाई कभी हमारे जोधपुर आइये सूर्या समोसे जालोरी गेट जनता स्वीट पोकर मिष्ठान , अरोड़ा आदि के मिर्चीबड़े मे लाईन मे खड़े रहना पड़ता है। क्या वो रोजगार नही है । हजारो लोग काम करते है । चमचो तुम को तो मनरेगा बिना कांम किये फोगट वाला चच्का कागा हुआ है ।
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