मंगलवार, 24 मार्च 2015

देशी intresting....................

दस पूंछ आळा दूहा ============ [१] सरदी आई सायबा,गाभा बधग्या डी’ल । थांरी आसां कूकतां,आंख्यां बणगी झील ॥ सरदी में नुहासी के ॥ [२] चाय बणाऊं सायबा,घालूं अदरख लूंग । खीचड़ रांधूं कूटवों, भेळ बाजरी मूंग ॥ पछै दळसी छाती पर ॥ [३] खेतां हरखै बाजरी,धरती करै रचाव । थारै आयां सायबा, ढूंढो करै बणाव॥ थारै काचरी तळीजै ॥ [४] भल आया थे सायबा,आंगण ढूक्यो चाव । घिरती फ़िरती नाचती,मन में उठै उमाव ॥ नोटडि़ या ल्यायो दिखै ॥ [५] थां बिन सूनां सायबा,गांव गुवाडी़ खेत । टाबर सेकै रोजगा , म्हानै थारो हेत ॥ ल्यो रमाओ टाबरिया ॥ [६] थारै आयां सायबा, बोल्या डेडर मोर । आभै चमकी बीजळी,बादळ गाज्या जोर ॥ फ़ेर तो पक्की रांद मंडगी ॥ [७] काग उडा़या सायबा ,थांरी आवण आस । कागै मनस्या पूरदी ,प्राण पांगरया ल्हास ॥ आ लागी कागलै री ॥ [८] थारै सारू सायबा , राता पै’रूं बेस । सुरमो सारूं आंख में,बीणी गूंथूं केस ॥ फ़ेर काढ़्सी अक्कल तो॥ [९] सेजां पोढो़ सायबा , छाती लेऊं भीड़ । सुणगै आखर प्रेम रा,मेटूं मन री पीड़ ॥ अब कोनीं बचै लाडी ॥ [१०] सूरज चढियो सायबा ,बेजां सोणो पाप । चाय बणाऊं सांतरी ,चूल्हो बाळो आप ॥ अब किस्सै कूए में पड़सी ॥

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