आजकल माँ-बाप अपने छोटे से बच्चे को भी हॉस्टल में डाल देते हैं,
बाद में वो ही बच्चे अपने माँ- बाप को वृद्धाश्रम में डालते हैं।
यह बिल्कुल स्वभाविक हैं।
क्योंकि उन नादानों को क्या पता की सेवा और संस्कार क्या होते हैं उन्हें तो इनसे दूर ही रखा गया है।
जिन लोगों को अपने को अपने बच्चों को देने के लिए समय नहीं हैं तो बच्चों से यह उम्मीद रखना सर्वथा अनुचित हैं।
छोटी उम्र में उन पर दबाव डालकर डॉक्टर और इंजीनियर बनने को कहा जाता हैं।
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