सोमवार, 23 मई 2016

village and city

एक गाँव की लड़की अपनी माँ का काम बटाती हैं और शहर की लड़की काम बढा़ती हैं। गाँव की लड़की 10-12 वर्ष की आयु में ही घरेलू कार्यों में निपुण हो जाती हैं। रोटी बनाना, कपड़ें धोना, छोटे भाई-बहनो का ख्याल रखना, पशुओं को चारा डालना, खेतों में काम, पढाई भी करना आदि कई काम हैं जो वो करती हैं, इसलिए माँ को भी सहारा मिल जाता हैं। --------------- शहर की लड़कियाँ सिर्फ बहाने बनाने में निपुण होती हैं ट्यूशन का नाम लेकर किसी के साथ डेट पर जाना, थोड़ा सा डांटने पर रो देना, आदि कई फालतू काम हैं जिसके कारण आज उनके घरवालों को बदनामी झेलनी पड़ती हैं। ********* हम गाँव वालों को गर्व हैं कि यहाँ संस्कारी बहनें रहती हैं।

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