मंगलवार, 10 मई 2016

थोडा हंस लो

कपड़े हो गए छोटे 🙈 लाज कहाँ से आए रोटी हो गई ब्रैड ताकत कहाँ से आए फूल हो गए प्लास्टिक के खुशबू कहाँ से आए चेहरा हो गया मेकअप का रूप कहाँ से आए शिक्षक हो गए टयुशन के 📚 विद्या कहाँ से आए भोजन हो गए होटल के तंदरुस्ती कहाँ से आए प्रोग्राम हो गए केबल के संस्कार कहाँ से आए आदमी हो गए पैसे के 🙉 दया कहाँ से आए धंधे हो गए हायफाय बरकत कहाँ से आए ताले हौ गए पासवर्ड सैफटी कहाँ से आए भक्त हो गए स्वार्थी 👤 भगवान कहाँ से आए रिश्तेदार हो गये व्हाट्सऐप पे 🏃 मिलने कहाँ से आए 🍌🍏🌞🌿

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