सोमवार, 23 मई 2016

Gyan of the day

शब्दों के दांत नहीं होते है लेकिन शब्द जब काटते है तो दर्द बहुत होता है और कभी कभी घाव इतने गहरे हो जाते है की जीवन समाप्त हो जाता है परन्तु घाव नहीं भरते............. इसलिए जीवन में जब भी बोलो मीठा बोलो मधुर बोलों 'शब्द' 'शब्द' सब कोई कहे, 'शब्द' के हाथ न पांव; एक 'शब्द' 'औषधि" करे, और एक 'शब्द' करे 'सौ' 'घाव"...! "जो 'भाग्य' में है वह भाग कर आएगा.., जो नहीं है वह आकर भी भाग 'जाएगा"..! प्रभू' को भी पसंद नहीं 'सख्ती' 'बयान' में, इसी लिए 'हड्डी' नहीं दी, 'जबान' में...! जब भी अपनी शख्शियत पर अहंकार हो, एक फेरा शमशान का जरुर लगा लेना। और.... जब भी अपने परमात्मा से प्यार हो, किसी भूखे को अपने हाथों से खिला देना। जब भी अपनी ताक़त पर गुरुर हो, एक फेरा वृद्धा आश्रम का लगा लेना। और…. जब भी आपका सिर श्रद्धा से झुका हो, अपने माँ बाप के पैर जरूर दबा देना। जीभ जन्म से होती है और मृत्यु तक रहती है क्योकि वो कोमल होती है. दाँत जन्म के बाद में आते है और मृत्यु से पहले चले जाते हैं... क्योकि वो कठोर होते है। छोटा बनके रहोगे तो मिलेगी हर बड़ी रहमत... बड़ा होने पर तो माँ भी गोद से उतार देती है.. किस्मत और पत्नी भले ही परेशान करती है लेकिन जब साथ देती हैं तो ज़िन्दगी बदल देती हैं.।। "प्रेम चाहिये तो समर्पण खर्च करना होगा। विश्वास चाहिये तो निष्ठा खर्च करनी होगी। साथ चाहिये तो समय खर्च करना होगा। किसने कहा रिश्ते मुफ्त मिलते हैं । मुफ्त तो हवा भी नहीं मिलती । एक साँस भी तब आती है, जब एक साँस छोड़ी जाती है!!"

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें