सोमवार, 23 मई 2016

राजस्थानी song

"सज संवर कर", तैयार बैठी हूँ, थारै इंतज़ार में, 'सुणेहरी' आख्या मैय, थारै ही सपन्या है, क़द थे, म्हारै होसोयो, पिया रे, पिया रे... थारै विन ,ना लागैय् ,म्हारों जीया रे, केसरिया बालम पधारों, म्हारै देश..... म्हारै माथैया री विन्दली, चमकै थाणे देख़ क़े, कदे धनि थे, घरा आओ गा, थारै ही सपन्या मैय, रात कैट, क़द थे, म्हारै होसोयो... पिया रे, पिया रे.... केसरिया बालम पधारो, म्हारै देश, थारै विन, ना लागेय, म्हारों जीयो रे... म्हारै गले की गल्सरी, हत्था आरै, कगन्ना, पिया थाणे, बुलावे दिन व जीनी रात मैय, थे क़द म्हारै होसयो, पिया रे, पिया रे..... केसरिया बालम पधारों, म्हारै देश, थारै विन, ना लागेय, म्हारौ जीयो रे... थारै ही सपन्या में, म्हारै ठण्डी रात केटेय, पिया थारै, दिन मान्य, पहाड़ सा लगैय, बोलों थे, क़द आवोगें, म्हारै थे क़द होसोयो, पिया रे पिया रे..... केसरिया बालम, पधारों म्हारै देश, थारै विन ना लगैय, म्हारौ जीया रे..

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