।। जय श्री कृष्णा ।।
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राम राम सा
ग्रुप रा सभी लाडला मेम्बरो ने म्हारा घणा हेत सूँ राम राम सा । आजकल सोशल मिडिया रे माध्यम सूँ ही आपा आपस मे हालचाल जाण सको हो । बहुत ही अच्छी सुविधा हुई है ।पण मित्रो काले रे दिन इण ग्रुप ने देखने ईयाँ समझ मेह्ह आई कि आपाँ दूर दूर भले ही बैठा हाँ। पर दूर दूर बैठा ही आपस मे लड़ सकाँ। मन री भड़ास निकाल सकाँ । उँची आवाज सूँ बात कर सकाँ। और वह भी एकदम नीडर होय ने क्योकि इणमे लारलो कोई भी डर नही है ,अगर आमने सामने हुवे तो कोई एक दो बटिड़ बालवा रो भी डर लागे ।ग्रुप री लडाई मे आपने किणी बात रो कोई भी डर नही है ।जिणने ज्यो मर्जी आवे ज्यो ही बोलो । पहले पढौ, समझो और पछे पोस्ट रो पडउत्तर देरावो । ईंण बाता मे जो भी कमी है वो है अधुरी शिक्षा। क्योकि अधुरो ज्ञान हासील कर ने ओपें देसावर आ गया । ईण बाता री ईण बदलता समय मे नुई पीढी ने घणी जरुरत है एक वडेरौ री कहावत है कि
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राम राम सा
ग्रुप रा सभी लाडला मेम्बरो ने म्हारा घणा हेत सूँ राम राम सा । आजकल सोशल मिडिया रे माध्यम सूँ ही आपा आपस मे हालचाल जाण सको हो । बहुत ही अच्छी सुविधा हुई है ।पण मित्रो काले रे दिन इण ग्रुप ने देखने ईयाँ समझ मेह्ह आई कि आपाँ दूर दूर भले ही बैठा हाँ। पर दूर दूर बैठा ही आपस मे लड़ सकाँ। मन री भड़ास निकाल सकाँ । उँची आवाज सूँ बात कर सकाँ। और वह भी एकदम नीडर होय ने क्योकि इणमे लारलो कोई भी डर नही है ,अगर आमने सामने हुवे तो कोई एक दो बटिड़ बालवा रो भी डर लागे ।ग्रुप री लडाई मे आपने किणी बात रो कोई भी डर नही है ।जिणने ज्यो मर्जी आवे ज्यो ही बोलो । पहले पढौ, समझो और पछे पोस्ट रो पडउत्तर देरावो । ईंण बाता मे जो भी कमी है वो है अधुरी शिक्षा। क्योकि अधुरो ज्ञान हासील कर ने ओपें देसावर आ गया । ईण बाता री ईण बदलता समय मे नुई पीढी ने घणी जरुरत है एक वडेरौ री कहावत है कि
बारह कौसा बोली पलटे , वनफल पलटे पाकां
बरस छतीस जोबन पलटे,लखण ना पलटे लांखा
गाव्ँ रा सगला भाई देसावर आ ग्या और लारे बैठा ,अन्धो मे कोणा राजा हो ग्या।
जैसे कोई आन्धा रे हाथ मे बटेर लगी कि अपणे आप को शिकारी समझ बैठा। जब हम किसी को मना करते है कि भाई फालतु पोस्ट मत भेजो और हम खुद ही उसी पोस्ट को बार मना करने भी भेजते रहते है तो किसी भाई ने एक मिसाल दी थी कि श्रीमान खुद तो बैन्गन खाये और ओरो को परहेज बताये। आ वात कणाई कणाई घर मे भी सुणिजे कि गुरुजी वैन्गण खाये औरो ने उपदेश दे । और ये बात कोई व्यक्ती विशेष के लिये नही लिखी थी कि भाई ने पूरी खान दान को ही गालिया देनी शुरु कर दी आप सामाजिक कार्यकर्ता हो कुछ सोच समझ के जबाव दिया करो और अगर उसने बात आपके कोमेण्ट के लिये कही तो भी कुछ गलत नही थी
आप अपने भेजे हुये मेसेज देख सकते है एक एक मेसेज तीन तीन बार आया है जब हम खुद ही गलती करके दुसरो को गाली देने लगोगे। तो यह कौनसा न्याय है
जब ंमै कभी कभी फेसबूक ,ट्विटर,या ब्लोग पर कुछ लिखता हु तो कई लोग मेरी सराहना भी करते है और कोई कोई खरी खोटी भी सुनाते है सबकी अपनी अपनी सोच है अगर मै भी आपकी तरह औकात या माई का लाल करने लग जाऊ तो शाम तक लडाई ही चले ।यह सोशल ंमिडिया है सबके अलग विचार है अलग आदर्श है।
किसी भाई को कुछ गलत लगे तो अपना विचार रख सकते है ।
धन्यवाद सा ।।
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