मंगलवार, 28 अगस्त 2018

राजस्थानी आड़ी

ईण आड़ी रौ अर्थ बताऔ?

पीपळी रै चोर बंध्यो, देख पणियारी रोई।
काईं थारै सग्गो लागै, काईं लागै थारै सोई।।
नीं म्हारै सग्गो लागै, नीं लागै म्हारै सोई।
ईं रै बाप रो बैन्दोई, म्हारै लागतो नणदोई।।

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