शनिवार, 25 अगस्त 2018

शेर व कुत्ते


    ।। राम राम सा ।।

पटेल सिनली रो जब यूँ बोले, श्रावण बोले मोर।
कुत्ते तभी भौंकते भाई ,  जब दिखें गली में चोर।।

वफ़ादार  तो  होवे   हैं  कुत्ते, नर  हैं  नमक   हराम ।
मिली जिणने कुत्ते की उपमा, चमकियो ऊणरो नाम ।।

फेसबूक क्या, व्हाटसअप में भी मचा हुआ है शोर ।
देख रैया है टकटकी लगा के ,रिया ढौर का ढौर ।।

होवे  ज्यो पूँछ कुत्ते री टेढ़ी , टेढ़े भी मेरे  सवाल ।
जबाव उन्हीं को दे सकूँ  हूँ ,कहें जो माई का लाल ।।

खुद को जो समझे है शेर, वो क्या होगा नाचीज़ ।
अहंकार मे मत रहो भायो ,थोड़ी तो राखो तमीज़।।

।।धन्यवाद।।

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