।। राम राम सा ।।
पटेल सिनली रो जब यूँ बोले, श्रावण बोले मोर।
कुत्ते तभी भौंकते भाई , जब दिखें गली में चोर।।
वफ़ादार तो होवे हैं कुत्ते, नर हैं नमक हराम ।
मिली जिणने कुत्ते की उपमा, चमकियो ऊणरो नाम ।।
फेसबूक क्या, व्हाटसअप में भी मचा हुआ है शोर ।
देख रैया है टकटकी लगा के ,रिया ढौर का ढौर ।।
होवे ज्यो पूँछ कुत्ते री टेढ़ी , टेढ़े भी मेरे सवाल ।
जबाव उन्हीं को दे सकूँ हूँ ,कहें जो माई का लाल ।।
खुद को जो समझे है शेर, वो क्या होगा नाचीज़ ।
अहंकार मे मत रहो भायो ,थोड़ी तो राखो तमीज़।।
।।धन्यवाद।।
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