शनिवार, 29 दिसंबर 2018

सरपंच चुनाव 2019 ,20 री तैयारियाँ

सरपंच चुनाव 2019 री तैयारियाँ
पद का नाम - सरपंच
योग्यता - अब 8v पास की जरुरत नही (अनपढ ही चालेला)
कुल पद - हर गांव मे एक ( घणा मत अङुवडजो)
उम्र - 21 से ऊपर चलेगी( जिवता हो जब तोई )
वेतन - असीमित (घोटाळा करीया जाओ
मजा लिया जाओ)
आवेदन की तिथि-  दिसम्बर  कोई भी तारीख 2019 (लारे रेगा जिको भलेई खाज
खिणो)
परिक्षा की तिथि-  जनवरी  2020 मे  (तैयारीयां  चलू कर दो नितर फेल ठोकिज जावो ला)
सेलेबस -हलवा ,दाल पुडी सब्जी (दारू ,
बियर, अमल डोडा री व्यवस्था इ अलग सु
राखणी पड़ेला )
इच्छुक कोई भी अनपढ़ व्यक्ति 40-50 लाख रुपये जेब मे
हो तो ही तैयारियाँ शुरु कर दे
पढे-लिखे लोगो की कोई जरुरत  भी नही है ना ही  मान्य नही होंगे
(थाकोङिया माथा फोङी मती करजो गुदङा बिक
जावेला)
लाभ - जिण अनपढ़  भाई बहिन रे मन मे सरपंच बणवा री ख्वाईश ही वा इण राज मे पूरी होवेला
गुमना राम चौधरी सिनली 

सर्दी रा दोहा

*सरदी रा सात दूहा *
मा बणावै लूपरियो, सागै सूंठी चाय ।
गूदड़ ओढ्यां गटकल्यां, डाडा आवै दाय ।1।
धंवर धारी धूजणी , खोटी खावै खाल ।
मा औढावै गूदड़ा , ढाबै सगळी चाल ।2।
ताती ताती मूंफळी , भेल खावां मिठाण ।
रातां काढां आंख सूं , आवै नीं ओसाण ।3।
तिल सकरिया'र पापड़ी, घेवर फीणी दूध ।
मायड़ हाथां खायगै , गूदड़ लेवां रूध ।4।
काचर मूळा भेळगै , साग बणावै माय ।
बाजर आळा रोट में, गुड़ घी आवै दाय ।5।
गुड़ री रांधै राबड़ी , थाळी मेँ दै घाल ।
सातूं सुख जाओ आंतरा , छोडां स्सै सुआल ।6।
सरदी आई सांतरी , खायो लागै अंग ।
ओच्छा राख्यां गूदड़ा , होस्यां बेजा तंग ।7।

भूलग्या

राम राम सा
भूलग्या
"""""""""""""
कंप्यूटर रो आयो जमानो कलम चलाणीं भूलग्या।
मोबाईल में नंबर रेग्या लोग ठिकाणां भूलग्या।

धोती पगडी पाग भूलग्या मूंछ्यां ऊपर ताव भूलग्या।
शहर आयकर गांव भूलग्या बडेरां रा नांव भूलग्या ।

हेलो केवे हाथ मिलावे रामासामा भूलग्या।
गधा राग में गावणं लाग्या सारेगामा भूलग्या ।

बोतल ल्याणीं याद रेयगी दाणां ल्याणां भूलग्या ।
होटलां रो चस्को लाग्यो घर रा खाणां भूलग्या ।

बे टिचकारा भूलगी ऐ खंखारा भूलग्या ।
लुगायां पर रोब जमाणां मरद बिचारा भूलग्या ।

जवानी रा जोश मांयनें बुढापा नें भूलग्या ।
हम दो हमारे दो आपरा मा बापां ने भूलग्या ।

संस्कृति नें भूलग्या खुद री भाषा भूलग्या ।
लोकगीतां री रागां भूल्या खेल तमाशा भूलग्या ।

घर आयां ने करे वेलकम खम्मा खम्मा भूलग्या ।
भजन मंडल्यां भाडा की जागण जम्मा भूलग्या ।

बिना मतलब बात करे नीं रिश्ता नाता भूलग्या ।
गाय बेचकर गंडक ल्यावे खुद री जातां भूलग्या ।

कांण कायदा भूलग्या लाज शरम नें भूलग्या ।
खाणं पांण पेराणं भूलग्या नेम धरम नें भूलग्या ।

घर री खेती भूलग्या घर रा धीणां भूलग्या ।
नुवां नुंवां शौक पालकर सुख सुं जीणां भूलग्या ।

राजस्थानी कविता

राम राम सा

<<  शुभ रात्री  दौस्तो  >>
जद तू मिलसी बेलिया करस्यूँ मन री बात ।
बध बध देस्यू ओळमा भर भर रोस्यूँ बाँथ ॥
पैली तारिख लागताँ जागै घर ओ भाग ।
मनियाडर री बाट मँ बाप उडावै काग ॥
फागण राच्यो फोगला रागाँ रची धमाल ।
चाल सपन तूँ गाँव री गळीयाँ मँ ले चाल ॥
घर, गळियारा, सायना, सेजाँ सुख री छाँव् ।
दो रोट्या रै कारणै पेट छुडावै गाँव ॥
चैत चुरावै चित्त नै चित्त आयो चित्तचोर ।
गौर बणाती गौरडी खुद बणगी गणगौर ॥
चपडासी है सा’ब रो बूढो ठेरो बाप ।
बडै घराणै भोगरयो गेल जनम रा पाप॥
बेली तरसै गांव मँ मन मँ तरसै हेत ।
घिर घिर तरसै एकली सेजाँ मँ परणेत ॥
भाँत भाँत री बात है बात बात दुभाँत ।
परदेशाँ रा लोगडा ज्यूँ हाथी रा दांत ॥
गळै मशीनाँ मँ सदा गांवा री सै मौज ।
परदेसाँ मै गांगलो घर रो राजा भोज ॥
बैठ भलाईँ डागळै मत कर कागा कांव ।
चित चैते अर नैण मँ गूमण लागै गांव ।।
बडा बडेरा कैंवता पंडित और पिरोत।
बडै भाग और पुन्न सूँ मिलै गांव री मौत ।|
लोग चौकसी राखता खुद बांका सिरदार ।
बांकडला परदेस मँ बणग्या चौकीदार ॥
मरती बेळ्या आदमी रटै राम र्रो नांव ।
म्हारी सांसा साथ ही चित्त सू जासी गांव ॥
मै परदेशी दरद हूँ तू गांवा री मौज ।
मै हू सूरज जेठ रो तूँ धरती आसोज॥
बेमाता रा आंकङा मेट्या मिटे नै एक ।
गूंगै री ज्यू गांव रा दिन भर सुपना देख ॥
दादोसा पुचकारता दादा करता लाड ।
पीसाँ खातर आपजी दियो दिसावर काढ ।।
मायड रोयी रात भर रह्यो खांसतो बाप ।
जिण घर रो बारणो मै छोड्यो चुपचाप ॥
जद सूँ परदेसी हुयो भूल्यो सगळा काम ।
गांवा रो हंस बोलणौ कीया भूलू राम ॥

थोडे समय बाद मे ऐ चीज़ें देखण ना मिलेगी

राम राम सा

<<  शुभ रात्री  दौस्तो  >>
थोड़े समय बाद शायद आप
न ऐ चीज
नही मिलेगी
लुगाइयों का घाघरा,
खिचड़ी का बाजरा,
सिरसम का साग, सिर पे
पाग,...
... औंगण में ऊखल, कूण म मूसल,
घरां म लस्सी, लत्ते टांगण
की रस्सी
आग चूल्हे की, संटी बीन
(दुल्हे) की,
पहलवानां का लंगोट,
हनुमानजी का रोट,
घूंघट आली लुगाई, गावं म
दाई,
घरां म बुड्ढे, बैठकां म
मुड्ढे,
बास्सी रोटी अर अचार,
गली म घुमते लुहार,
खांड का कसार, टींट
का अचार,
कांसी की थाली, डांगर के
पाली,
बीजणा नौ डांडी का, दूध
दही घी हांडी का,
रसोई म दरात,
बालकां की स्याही की दा
बटेऊआं की शान, बहुआं
की आन,
ताऊ का हुक्का, ब्याह
का रुक्का,
पाटडे में नहाणा, पत्तल पे
खाणा,
पाणी भरेडा देग, भाण-
बेट्याँ का नेग ।
थारे जैसे दोस्त , अर
म्हारे जिसी पोस्ट ।

म्हांनै चौखो लागे राजस्थान

राम राम सा

<<  शुभ रात्री  दौस्तो  >>
जद तू मिलसी बेलिया करस्यूँ मन री बात ।
बध बध देस्यू ओळमा भर भर रोस्यूँ बाँथ ॥
पैली तारिख लागताँ जागै घर ओ भाग ।
मनियाडर री बाट मँ बाप उडावै काग ॥
फागण राच्यो फोगला रागाँ रची धमाल ।
चाल सपन तूँ गाँव री गळीयाँ मँ ले चाल ॥
घर, गळियारा, सायना, सेजाँ सुख री छाँव् ।
दो रोट्या रै कारणै पेट छुडावै गाँव ॥
चैत चुरावै चित्त नै चित्त आयो चित्तचोर ।
गौर बणाती गौरडी खुद बणगी गणगौर ॥
चपडासी है सा’ब रो बूढो ठेरो बाप ।
बडै घराणै भोगरयो गेल जनम रा पाप॥
बेली तरसै गांव मँ मन मँ तरसै हेत ।
घिर घिर तरसै एकली सेजाँ मँ परणेत ॥
भाँत भाँत री बात है बात बात दुभाँत ।
परदेशाँ रा लोगडा ज्यूँ हाथी रा दांत ॥
गळै मशीनाँ मँ सदा गांवा री सै मौज ।
परदेसाँ मै गांगलो घर रो राजा भोज ॥
बैठ भलाईँ डागळै मत कर कागा कांव ।
चित चैते अर नैण मँ गूमण लागै गांव ।।
बडा बडेरा कैंवता पंडित और पिरोत।
बडै भाग और पुन्न सूँ मिलै गांव री मौत ।|
लोग चौकसी राखता खुद बांका सिरदार ।
बांकडला परदेस मँ बणग्या चौकीदार ॥
मरती बेळ्या आदमी रटै राम र्रो नांव ।
म्हारी सांसा साथ ही चित्त सू जासी गांव ॥
मै परदेशी दरद हूँ तू गांवा री मौज ।
मै हू सूरज जेठ रो तूँ धरती आसोज॥
बेमाता रा आंकङा मेट्या मिटे नै एक ।
गूंगै री ज्यू गांव रा दिन भर सुपना देख ॥
दादोसा पुचकारता दादा करता लाड ।
पीसाँ खातर आपजी दियो दिसावर काढ ।।
मायड रोयी रात भर रह्यो खांसतो बाप ।
जिण घर रो बारणो मै छोड्यो चुपचाप ॥
जद सूँ परदेसी हुयो भूल्यो सगळा काम ।
गांवा रो हंस बोलणौ कीया भूलू राम ॥

सियाले री ठंड

ठंड पडे़ है ठाकरां, काठा पहनो कोट ।
दूध गटकाओ रात में,रंजर जीमो रोट॥

ठंड पडे है जोरकी,पतली लागे सौड़।
चाय पकौड़ी मूंफली, इण सर्दी रो तोड़ ॥

डांफर चाले भूंडकी ,चोवण लाग्यो नाक ।
कांमल राखां ओडके,सिगडी तापां हाथ ॥

काया धुझे ठाठरे, मुँडो छोडे भाफ ।
दिनुगे पेली चावडी, नहानो धोनो पाप ॥

गूदड़ माथे गुदड़ा , ओढंया राखो आप ।
ताता चेपो गुलगुला , चाय पिओ अणमाप ॥

🙏🏽🙏🏽सियाले री खम्मा घणी 🙏🏽🙏🏽

शुक्रवार, 28 दिसंबर 2018

रंगीलो राजस्थान

राम राम सा

ऊँचा-ऊँचा धोरा अठै, लाम्बो रेगिस्तान।
कोसां कोस रुंख कोनी, तपतो राजस्थान।।
फोगला अर कैर अठै, करै भौम पर राज।
गोडावण रा जोङा अठै, मरुधर रा ताज।।
कुंवा रो खारो पाणी, पीवै भैत मिनख।
मेह रो पालर पाणी, ब्होत जुगत सूं रख।।
कोरी कोरी टीबङी, उङै रेत असमान।
सणसणाट यूं बाज रही, जणुं सरगम रा गीत।।
सोनै ज्यूं चमके रेत, चाँदनी रातां में।
रेत री महिमा गावै, चारण आपरी बातां में।।
इटकण मिटकण दही चटोकण, खेलै बाल गोपाल अठै।
गुल्ली डंडा खेल प्यारा, कुरां कुरां और कठै।।
अरावली रा डोंगर ऊंचा, आबू शान मेवाङ री।
चम्बल घाटी तिस मिटावै, माही जान मारवाङ री।।
हवेलियाँ निरखो शेखावाटी री, जयपुर में हवामहल।
चित्तौङ रा दुर्ग निरखो, डीग रा निरखो जलमहल।।
संगमरमर बखान करै, भौम री सांची बात।
ऊजळै देश री ऊजळी माटी, परखी जांची बात।।
धोरा देखो थार रा, कोर निकळी धोरां री।
रेत चालै पाणी ज्यूं,
पून चालै जोरां री।।
भूली चूकी मेह होवै, बाजरा ग्वार उपजावै।
मोठ मूँग पल्लै पङे तो, सगळा कांख बजावै।।
पुष्कर रो जग में नाम, मेहन्दीपुर भी नाम कमावै।
अजमेर आवै सगळा धर्मी, रुणेचा जातरु पैदल जावै।।
रोहिङै रा फूल भावै, रोहिङो खेतां री शान।
खेजङी सूँ याद आवै, अमृता बाई रो बलिदान।।
सोने री धरती अठै, चांदी रो असमान।
रंग रंगीलो रस भरियो, ओ म्हारो राजस्थान।।
रंग-रंगीलो राजस्थान, नाज करै है देस।
न्यारी-न्यारी बोली अठैगी, न्यारा-न्यारा भेस।।
राणा जेङो वीर अठै, राजस्थान री शान।
जयपुर जेङो नगर अठै, सैलानियां री जान।।
अरावली पर्वत ऊंचा घणा, कांई म्हे करां बखान।
राजकनाळ लाम्बी घणी, मरुधर रो वरदान।।
चेतक तुरंग हठीलो घणो, भामाशाह महादानी।
सांगा हिन्दू लाज बचावणा, जौहर पद्मण रानी।।
ढोला मरवण प्रेम कहाणी, गावै कवि सुजान।
आल्हा ऊदल वीर कहाणी, चारण करै बखान।।
जैपुर कोटा अर् बीकाणा, जग में मान बढावै।
अलवर उदैपुर जोधाणा भी, राजस्थान री शान कहावै।।
गोगामेङी गोगो धुकै, रुणेचा रामदेव जी।
सालासर हनुमानजी बैठ्या, कोळू पाबूदेव जी।।
पल्लु में काळका माता, देशनोक में माँ करणी।
सुन्धा परबत री सुन्धा माता, तीनूं लोक दुख हरणी।।
राठी गौ री शान प्यारी, बैल नागौरी चोखा घणा।
नसल ऊंट री एक जाणी, बीकाणै में जो नाचणा।।
घूमर घालै गोरियां, माणस बजावै चंग।
होळी खेलै देवर भाभी, उङै कसूमल रंग।।
जयपुर में गणगौर सवारी, राजसी ठाठ दिखावै।
दशहरो मेळो कोटा रो, धरमी मान बढावै।।
साफा अठै जोधपुर रा, परदेशां कीर्ति बखाणै।
मोजङी भी न्यारी-न्यारी, देशोदेश जाणै।।

गाँव की फेसबुक न्युज

गाम की फेसबुक न्यूज
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1.बतेरी ने लीलू की फ्रेंड रिक्वेस्ट मंजूर कर ली,गली में लठ बाजन का खतरा।
2.ताऊ नथू चबूतरे पे होक्का पीवे था 10 ताई like ठोक गयी,ताऊ ख़ुशी में पागल,बचने की कोई उम्मीद ना है।
3.पाला नाई,दुकान में ऑनलाइन,कसूती भीड़,नंबर लागण का कोई चांस ना है।
4.2 शराबी कल रात ठेका आगे मिले दारू गेल फोटो अपलोड करे थे,नशा ज्यादा हो गया,रात भर आवारा कुतो की गेले सोए।
5.गुहांड में रात को दो झोटा की कसूती घुलाई ,लोगु ने लट्ठ मार के किया लाइक।
6.कसूते जाड़े में गाँव का भुंडा हाल,जड़े भी जावो,उड़े ही लोग सिणड काड के भीता पे न्यू मारे हँ,जैसे वॉट्सऐप की घंटी बाजे है।
7.कालू ताऊ पोते ने न्यू कहव था - जा अनदर से मेरे नकली दाँतों का सैट लेकर आ ।
पोता न्यू बोला - मगर अभी खाना नहीँ बना दादा जी ।
कालू ताऊ - खाना किसे खाना है पगले ?
मुझे तो सामने वाली रामपयारी को प्रोफाईल
पिक्चर वाली एक smile देनी है !

फेसबुक के फायदे

!! शुभ् प्रभात !!
फ़ेसबुक के फ़ायदे -
1) सड़को पर झगड़े बंद हो गये, अब
पेज और ग्रुप में गाली गलौच
होती है.
2) प्रेमी युगल गार्डेन के बदले
फ़ेसबुक में मिलते हैं.
3) हजारों दोस्त बनाकर अच्छी बातें करते हे और पडौसी से बोलचाल बन्द है
4) नये दोस्त फ़ेसबुक में बनते हैं.
5) गर्ल फ़्रेंड फ़ेसबुक पर
खोजी जाती है
6) सामाजिक और राजनैतिक चर्चा नुक्कड़ पर चाय वाले के
स्थान पर फ़ेसबुक पेज में होती है.
7) लड़के सड़को के स्थान पर
फ़ेसबुक पेज में लड़कीयो को छेड़ते
हैं.
ज़ोर से हँसने के स्थान पर LOl, ROFL का इस्तेमाल
किया जाता है.
9) जन्मदिन फ़ेसबुक पर
मनाया जाता है, और अंजान
मित्रों द्वारा भी शुभकामनायें
दी जाती हैं.
10) माँ-बाप के लिये समय
नहीं होता लेकिन 'I Love Mom-सब कहते है

मारवाडी का डंका पुरे विश्व मे

बाज़ार में एक मारवाड़ी की छोटी सी दुकान थी
अचानक एक दिन
उसकी दुकान के सामने एक बड़ा स्टोर खुल गया।
स्टोर वाले ने बेनर टांग दिया : "घी 300 ₹ किलो"
मारवाड़ी ने भी बोर्ड लगा दिया : 'घी 280 ₹ किलो'
स्टोर वाले ने फिर अगले दिन बेनर टांग दिया : "घी 260 ₹"
मारवाड़ी ने फिर बोर्ड पे लिख दिया : 'घी 240 ₹'
ये रोज की मारामारी देख के एक सज्जन ने मारवाड़ी को समझाया कि वो बड़ा स्टोर है,
वो घाटा भी उठा लेंगे,
तुम उनसे ज्यादा दिन मुकाबला नहीं कर पाओगे इसलिए उसकी बराबरी मत करो।
मारवाड़ी ने उन सज्जन की ओर सिर से पाँव तक देखा और बोला
"हम घी रखते ही नहीं"
...😀😀😏

राजस्थान चालीसा

🐪 राजस्थान चालीसा🐪
------------------------

उत्तर देख्यो दिख्खणं देख्यो देश दिसावर सारा देख्या, पणं
हीरा तो चमके है बालू रेत में।
मोतीडा भलके है म्हारा देस में।

रणबंका सिरदार अठै है।
मोटा साहूकार अठै है।
तीखोडी तलवार अठै है।
भालां री भणकार अठै है।
साफा छुणगादार अठै है।
नितरा तीज तिंवार अठै है।
बाजर मोठ जंवार अठै है।
मीठोडी मनवार अठै है।
अन धन रा भंडार अठै है।
दानी अर दातार अठै है।
कामणगारी नार अठै है।
मुंछ्यांला मोट्यार अठै है।
पो पाटी परभात अठै है।
तारां छाई रात अठै है।
अर,तेजो तो गावे है करसा खेत में।
हीरा तो चमके है
--------------------।

झीणो जैसलमेर अठै है।
बांको बीकानेर अठै है।
जोधाणों जालोर अठे है ।
अलवर अर आमेर अठै है।
सिवाणों सांचोर अठै है।
जैपर सांगानेर अठै है।
रुडो रणथंबोर अठै है।
भरतपुर नागौर अठै है।
उदयापुर मेवाड अठै है।
मोटो गढ चित्तोड अठै है।
झुंझनूं सीकर शहर अठै है।
कोटा पाटणं फेर अठै है।
आबू अर अजमेर अठै है।
छोटा मोटा फेर अठै है।
अर,डूगरपुर सुहाणों वागड देस में।
हीरा तो चमके है
-------------------।

पाणीं री पणिहार अठै है।
तीजां तणां तिंवार अठै है।
रुपलडी गणगौर अठै है।
सारस कुरजां मोर अठै है।
पायल री झणकार अठै है।
चुडलां री खणकार अठै है।
अलगोजां री तान अठै है।
घूंघट में मुसकान अठै है।
खमां घणीं रो मान अठै है।
मिनखां री पहचाण अठै है।
मिनखां में भगवान अठै है।
घर आया मेहमान अठै है।
मीठी बोली मान अठै है।
दया धरम अर दान अठै है।
अर मनडा तो रंगियोडा मीठा हेत में।
हीरा तो चमके है बालू रेत में।
मोतीडा भलके है म्हारा देस में।
    --------------------------।
गौरी पुत्र गणेश अठै है।
मीरां बाई रो देश अठै है।
मोटो पुष्कर धाम अठै है।
सालासर हनुमान अठै है।
रूणीचे रा राम अठै है।
गलता तीरथ धाम अठै है।
महावीर भगवान अठै है।
खाटू वाला श्याम अठै है।
चारभुजा श्रीनाथ अठै है।
मेंहदीपुर हनुमान अठै है।
दधिमती री गोठ अठै है।
रणचंडी तन्नोट अठै है।
करणी मां रो नांव अठै है।
डिग्गीपुरी कल्याण अठै है।
गोगाजी रा थान अठै है।
सेवा भगती ग्यान अठै है।
अर कितरो तो बखाणूं मरुधर देस नें।
हीरा तो चमके है
-------------------------।

जौहर रा सैनाणं अठै है।
गढ किला मैदान अठै है।
हरिया भरिया खेत अठै है।
मुखमल जेडी रेत अठै है।
मकराणा री खान अठै है।
मेहनतकश इंशान अठै है।
पगडी री पहचाणं अठै है।
ऊंटां सज्या पिलाणं अठै है।
चिरमी घूमर गैर अठै है।
मेला च्यारूंमेर अठै है।
सीधी सादी चाल अठै है।
गीतां में भी गाल अठै है।
सीमाडे री बाड अठै है।
बेरयां रा शमशाणं अठै है।
तिवाडी रो देश अठै है।
ऐडी धरती फेर कठै है ।
साची केवूं झूठ कठै है ।
समझौ तो बैंकूठ अठै है।
अर आवो नीं पधारो म्हारा देश में।
हीरा तो चमके है बालू रेत में।
मोतीडा झलके है म्हारा देश में।

गुरुवार, 27 दिसंबर 2018

किसानो की अनदेखी

राम राम सा
   भाईयो हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है यहाँ  आजादी के 70 साल बाद मे भी   किसानो की हालात मे कोई विशेष सुधार नहीं हुआ है किसानो  के लिये कोई भी सरकार आज तक ठोस कदम उठाने की कोशिश नही की गई है ।भारत में कृषि और किसानो की हालत दिनों-दिन बदतर होती जा रही हैं जिसके कारण अनेक किसान आत्महत्या तक करने पर मजबूर हो जा रहे हैं. भारत में आज भी 60% से 70% लोग कृषि पर निर्भर हैं. इस समस्या को हर सरकार जानती हैं पर उसके पास उचित समाधान नही हैं. भारतीय किसानो की हालत बहुत ख़राब हैं इस पर लोग केवल बहस करते हैं, राजनीति करते हैं और हाय-तौबा मचाकर भूल जाते हैं. पर इसके लिए कोई कारगर समाधान नही ढूढ़ा जाता हैं. है  भारत के नेताओं ने  तो सिर्फ किसानो को वोट बटोरने के लिये ही इस्तेमाल किया गया है। कभी फ़्री का झाँसा देकर कर्जमाफी का वायदा करके  किसानो के साथ  छलावा किया जा रहा है।
कर्ज माफी किसानों के साथ सबसे बड़ा छलावा है जो उन्हें आर्थिक रूप से असुरक्षित बना कर कर्ज के जाल में फँसाता जाता है। इससे वोट मिलते हैं पर समस्या बरक़रार रहती है। न किसानों का भला होता है और न खेती का।मोदी सरकार ने कर्ज माफी के बजाए दूसरे विकल्पों पर गौर कर एक सही कदम उठाया है ।आज किसानों की समस्याओं पर राजनीति करने वाले ज्यादा और उनकी समस्याओं की तरफ ध्यान देने वाले कम हैं। किसानों की खराब हालात के लिए भ्रष्टाचार भी जिम्मेवार है। इसीलिए जरूरतमंद किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है।
भारत की राजनीति इतनी ख़राब हैं कि इसमें अच्छे लोग बहुत कम आते हैं या आते ही नही. इसमें जो लोग गरीबो और किसानो के नाम पर वोट लेकर जीत जाते हैं फिर उन्ही को भूल जाते हैं. किसानो और गरीबो को लगता हैं इस बार कुछ अच्छा होगा. भारतीय राजनीति में सुधार होना चाहिए. कोई ऐसी पार्टी होनी चाहिए जिसमें एक ग़रीब भी चुनाव लड़ सके. यदि कोई नेता या राजनेता चुनाव प्रचार के समय कोई वादा करता हैं तो उसे पूरा करने की लिए कोर्ट आदेश दे क्योकि गलत वादों से चुनाव जीतना अपराध की श्रेणी में आनी चाहिए

जय जवान जय किसान
जय हिन्द जय भारत

बुधवार, 26 दिसंबर 2018

राजस्थानी बाता

_______ बातां__________

बातां होवे कोई याद रखण री
होवे है कोई भूल जावण री,
मानव भोळो बात बता दे,
जो नहीं होवे बतावण री।

रोज ठगीजे जनता बापड़ी,
बातां सुण लोकलुभावण री,
सलाह लोग होठां पर राखे,
नीयत माथो फुटावण री।

मेहंदी हाथ लगावण री,
बातां प्रीतम रे आवण री,
माँ मुळके पण अंतस रोवे,
वेळा बेटी रे जावण री।

बातां ही घर ने नरक बणा दे,
कर दे मरुधरा सावण री,
नारी शक्ति रूपेण संस्थिता,
मत कर नादानी आग लगावण री।

बातां बेरुत री मत करो रे टाबरां,
समझो पीड़ समझावण री,
लाख टका रो मिनख थूं,
कर कोसिस कुसंग छुडावण री।

आजकल की बीमारियां

*हम तो फिर भी कहेंगे और सब कहते हैं कि विज्ञान बहुत तरक्की कर रहा है पर बीमारी घटने के बजाय बढ़ कैसे रही है?*
हर घर में कोई ना कोई दवाई क्यों खा रहा है? नहीं पता न ?
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मैं बताता हूँ, हुआ ये है कि हमारे रसोई की मूलभूत चीजों में बहुत मिलावट, गिरावट और घटियापन आ गया है।
कौन कौन सी हैं वो चीजें??
1. नमक
2. गुड़
3. तेल
4. घी
5. दूध
6. आटा
7. पानी
8. शक्कर

जी हाँ बस इन चीजों में सुधार कीजिये और 6 महीनो में फर्क देखिये।
1. सब से पहले समुंद्री नमक (आयोडीन नमक) को बदल के सेंधा नमक (रॉक सॉल्ट) कर दीजिये, वो भी बड़े टुकड़े लाके घर में ही कूट लें और हाँ नमक केवल रसोई बनाते वक्त ही डालें। टेबल पे रख के भोजन के समय डालने की आदत छोड़ें।

2. गुड़ हमेशा डार्क चॉकलेट कलर का ही लायें। सफ़ेद गुड़ में मिलावट होती है।
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3. रिफाइंड तेल के बदले घानी का फिल्टर तेल ही खायें, वो भी मुंगफली, तिल या सरसों; कोई अन्य नहीं।

4. घी असली वो है जो देसी गाय के दूध से दहीं, दहीं से मख्खन और मख्खन से बनता है। सीधे मलाई निकाल के या विदेशी गाय के दूध से जो बनता है, वो बटर आयल है, घी नहीं।
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5. दूध पिओ तो केवल देसी गाय का, नहीं तो पिओगे ही नहीं तो कोई नुकसान नहीं है।

6. आटा हमेशा मोटा पिसवाओ और बिना चोकर निकले प्रयोग में लाओ। मैदा कभी ना खायें।

7. पानी हमेशा मटके का या गुनगुना ही पीओ। ठंडा फ्रिज का पानी कभी नहीं पीना।
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8. चीनी सफ़ेद जहर है। उसकी जगह गुड़ ही खायें या शक्कर जो थोड़ी पीली होती है। बड़े टुकडों में मिलती है, उसे प्रयोग करें।

अब आप कहेंगे इतना कुछ कौन करेगा ?
टाइम नहीं है, तो टेंसन नहीं लेने का, मस्ती से जियो, कुछ नहीं होता है।

तो दोस्तों, आस-पास के जो लोग गोलियां खा रहे हैं, वो भी ऐसा ही सोचते थे लेकिन
अब वो हॉस्पिटल में डॉक्टर के चक्कर काटने में टाइम निकाल ही रहे हैं।

थोड़ा सा बदलाव और सेहत बनाओ।

दो कुख्यात बजरी तस्कर गिरप्तार


जोधपुर जिले की ग्रामीण पुलिस ने अवैध रूप से परिवहन किए जा रहे बजरी  के एक डम्पर व एक JCB को जब्त कर  दो तस्करो को गिरफ्तार किया गया है । उसके पास से पुलिस ने एक पिस्टल, पांच मुर्दा कारतूस और पांच रुपये  की नकदी भी बरामद की गई है। यह दोनो तस्कर शातिर दिमाग के  है जो पुलिस और भीड़ से बचने के लिए अपनी गाड़ी सायरन भी लगाकर रखते है। पुलिस उससे अवैध बजरी की तस्करों के नेटवर्क के बारे में पूछताछ कर रही है।
इस पर ग्रामीण  थानाधिकारी मय टीम ने राष्ट्रीय राजमार्ग सुरानाडा जाने वाले रास्ते के  तिराहे  पर नाकाबन्दी की।
पुलिस ने एक डम्पर एक JCB गाड़ी व एक पिस्टल जब्त कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है । पुलिस ने उसके खिलाफ रेत मे खेलने व स्कुल की ड्रेस गन्दी करने के तहत प्रकरण दर्ज किया है।

धौरां राजस्थान र

<<  शुभ रात्री  दौस्तो  >>
आज रो औखांणो
धोरा किण री कांण राखै, चढ़तां दौरा तो उतरतां सौरा।
टीले किसी का लिहाज नहीं रखते, चढ़ते हुए कठिन तो उतरते हुए आसान।
चाहे अमीर चढ़े या गरीब, चाहे राजा चढ़े या रंक दोनों के लिए चढ़ना मुश्किल और उतरना आसान।

सरपंच चुनाव 2015

सरपंच चुनाव 2015
पद का नाम - सरपंच
योग्यता - 8v पास(अनपढ कोनी चालेला)
कुल पद - हर गांव मे एक ( घणा मत अङुडजो)
उम्र - 21 से ऊपर चलेगी( जिवता हो जब तोई )
वेतन - असीमित (घोटाळा करीया जाओ
मजा लिया जाओ)
आवेदन की तिथि- 22 दिसम्बर (लारे रेगा जिको भलेई खाज
खिणो)
परिक्षा की तिथि- 21 या22जनवरी(तैयार
ी चलू कर दो नितर फेल ठोकिज जावो)
सेलेबस -हलवा ,दाल पुडी सब्जी (दारू ,
बियर, अमल डोडा री व्यवस्था इ अलग सु
राखणी पङी)
इच्छुक व्यक्ति 40-50 लाख रुपये जेब मे
हो तो ही आवेदन करे
फर्जी आवेदन मान्य नही होंगे
(थाकोङिया माथा फोङी मती करजो गुदङा बिक
जावेला)

देशी खाट

।।राम राम सा ।।
मित्रो गावों मे खाट पर सोने से क्या क्या लाभ होता है
जानिये क्या कहा वैज्ञानिकों ने

ऑस्ट्रेलिया में डेनियल नाम का एक आदमी भारत की देसी खटिया 990 ऑस्ट्रेलियन डॉलर जो हमारे लगभग 64 हजार रुपए है में बेच रहा है और हम है कि इसे आउट ओफ फॅशन मान कर इसकी खटिया खडी कर रहे हैं । इसके फायदे फॅशन के आगे बौने बन गए हैं सोने के लिए खटिया हमारे पूर्वजों की सर्वोत्तम खोज है । हमारे पूर्वजों को क्या लकडी को चीरना नही आता होगा? वो भी लकडी चीरके उसकी पट्टीयां बना कर डबल बॅड बना सकते थे ।
जब हम सोते हैं तब माथा और पांव के मुकाबले पेट को अधिक खून की जरूरत होती है क्योंकि रात हो या दोपरहर हो लोग अक्सर खाने के बाद ही सोते थे । पेट को पाचनक्रिया के लिए अधिक खून की जरूरत होती है । इसलिए सोते समय खटिया की जोली ही इस स्वास्थ का लाभ पहुंचा सकती है ।
दुनिया में जीतनी भी आराम कुुर्सियां देख लो उसमें भी खटिया की तरह जोली बनाई जाती है ।

बच्चों का पूराना पालना सिर्फ कपडे की जोली का था, लकडी का सपाट बनाकर उसे भी बिगाड दिया है । खटिया पर सोने से कमर का दर्द और सांधे का दर्द नही होता है ।