शुक्रवार, 21 दिसंबर 2018

किसान और कर्ज माफी

राम राम सा
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान  में किसानों की कर्ज माफी के ऐलान के साथ ही देश में इस बात पर बहस तेज हो गई है
भले ही राज्यों में भाजपा की सरकार ने भी कर्ज माफी क्यों न की हो.कर्ज माफ करने से किसानों की हालत सुधरनी होती तो यह काफी पहले हो चुकी होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लिहाजा सरकार को चाहिए कि कर्ज माफ न करके किसानों की हालत सुधारने के लिए कुछ जरूरी उपाय किए जाएं। वह किसानों की उपज की खरीद और उसके रख-रखाव के साथ मार्किटिंग पर ध्‍यान दें, जिससे कीमत में स्थिरता बनी रहे। हाल के कुछ समय में किसानों की उपज की कीमत इस कदर नीचे गिरी है कि वह अपनी लागत भी नहीं निकाल पाए।इस बातचीत में उन्‍होंने साफ कर दिया कि यह सिर्फ राजनीतिक फैसला है इसका किसानों और राज्‍य सरकार की अपनी अर्थव्‍यवस्‍था पर नकारात्‍मक प्रभाव पड़ेगा। उनका कहना था कि इस कर्जमाफी का बड़े किसानों पर कुछ हद तक हो सकता है, लेकिन छोटे किसानों पर इसका कोई असर नहीं होगा। ऐसा इसलिए है कि क्‍योंकि बड़े किसान जो कुछ हद तक कर्ज चुकाने की हैसियत रखते हैं और कर्ज ले भी पाते हैं वही इसका फायदा उठा सकेंगे।
कांग्रेस देश मे किसानों के साथ भेदभाव बन्द करे
अजीब विडंबना है सियासत की भी सत्ता के लालस मे क्या क्या नही करते हैं
आज राज्य सरकार ने किसानों का दो लाख तक का ऋण माफ करने की घोषणा की है।पर ये ऋण माफी कितना बड़ा छलावा है ।2 लाख तक का सरकारी बैंकों का ऋण उन किसानों का माफ किया गया है जो 30 नवंबर 2018 तक बैंक के डिफॉल्टर हैं मतलब जिन्होंने ऋण समय पर नही चुकाया उन्हें ऋण माफी का लाभ मिलेगा ।
मतलब जिस किसान ने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अपनी साख बचाने की खातिर कहीं से भी व्यवस्था करके बैंक का ऋण जमा करवा दिया ,वो आज बेवकूफ साबित हो गया ।गरीब किसान को अपनी इज्जत सबसे प्यारी होती है , वो बैंक कर्मी उसके घर नही आएं वसूली के लिए इस बात से डरता है और दो रुपया तीन रुपया सैंकड़ा ब्याज पर उठाकर भी समय पर जमा करवाता है ।
और दूसरी तरफ वो जिसने  सक्षम होने के बावजूद ऋण जमा नही करवाया वो आज कर्जमाफी का भागिदार है ।
क्या ऐसी नीतियां सरकारी बैंकों में अस्थिरता का माहौल पैदा नही करेंगी ?? क्या हर व्यक्ति इन परिस्थितियों में अपने ईमानदार होने का मातम नही मनाएगा ??
इन सरकारों और इनके आकाओं को सद्बुद्धि कौन देगा ??क्या सत्ता चलाने वाले इन लोगों को ये सब पता नही है ??
एक जागरूक युवा होने के नाते मुझे उन गरीब किसानों के हताश , निराश चेहरे नजर आ रहे हैं जिनके सर पर छत नही पर उन्होंने जमींदारों से पैसा लेकर , बैंक का ऋण समय पर चुकता किया । बैंककर्मी भी उन्हें ये समझाते हैं कि समय पर ऋण अदा करने पर कम ब्याज , ब्याज पर सब्सिडी जैसे बहुत से फायदे मिलते हैं , उन गरीब किसानों की सवाल पूछती निगाहों का सामना कैसे करें हम लोग ??
आज देश किस दिशा में जा रहा है और ये सियासत उसे किस गड्ढे में धकेल रही है , ये विचारणीय प्रश्न है ?
जो डिफॉल्टर हैं वो आज सीना तान के खड़े हैं और जो ईमानदार है उसकी आँखों में आंसू हैं😢
माफ करना सत्ता के हुक्मरानों , इस कुर्सी के लिए देश बेचने का काम बंद करो ।थू है आपकी इस सियासत पर ।
जय हिंद ।

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