बुधवार, 26 दिसंबर 2018

राजस्थानी बाता

_______ बातां__________

बातां होवे कोई याद रखण री
होवे है कोई भूल जावण री,
मानव भोळो बात बता दे,
जो नहीं होवे बतावण री।

रोज ठगीजे जनता बापड़ी,
बातां सुण लोकलुभावण री,
सलाह लोग होठां पर राखे,
नीयत माथो फुटावण री।

मेहंदी हाथ लगावण री,
बातां प्रीतम रे आवण री,
माँ मुळके पण अंतस रोवे,
वेळा बेटी रे जावण री।

बातां ही घर ने नरक बणा दे,
कर दे मरुधरा सावण री,
नारी शक्ति रूपेण संस्थिता,
मत कर नादानी आग लगावण री।

बातां बेरुत री मत करो रे टाबरां,
समझो पीड़ समझावण री,
लाख टका रो मिनख थूं,
कर कोसिस कुसंग छुडावण री।

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