।। राम राम सा ।।
मित्रो राजस्थान के विधानसभा चुनाव हो गये नतीजे भी आ गये हार जीत हो गई। चुनाव कुछ वादों, उम्मीदों और कुछ सपनों पर लड़ा जाता है।
चुनाव में जनता सर्वोपरि है। वही एक समूह के साथ आकर जिताती और हराती है।
जो जीता वही सिकंदर
तो चुनाव के नतीजे के बाद आम जनता व प्रदेश के नेताओ से रुबरु होते हुए हमारे पत्रकार पोपटलाल जी से खास बातचीत
पोपटलाल -- चौधरी जी भाजपा के इतने समर्थक होने के बावजूद भी इस बार चुनाव मे हार का कारण क्या है ?
चौधरी-- कारण साफ है हमारे किसान नेता बेनिवालजी ने अलग पार्टी बणाई है तो हम वोट दूसरो को नही दे सकते है बेटी और वोट तो समाज को ही देंगे जितने हारने का सवाल नहीं है सवाल समाज की नाक का था ।
पोपट लाल- चौधरी साब पुरी समाज ने तो वोट तो नही दिये ?
चौधरी -- बाकी लोगों ने दुसरी पार्टियो को वोट तो दिया है ये ही तो कारण है भाजपा की हार का
पोपटलाल--- और कोई कारण या मुद्दे है क्या ?
चौधरी---- बहुत कारण है ढाणी ढाणी बिजली आ गई है तो बिजली का बिल गाँव का भरे या ढाणी का ?
सड़के भी जो बणाई है वो नेताजी ने अपनी बिरादरी के गाँव वालो के यहाँ ही बणाई हमारे समाज के लिये नही ?
पोपटलाल---- वो सड़क तो आप के गावँ से भी तो निकलती है आपके भी काम आती है फिर.........
चौधरी---- ये ही तो बात है सडक हमारे गाँव से शुरु क्यो नही की उधर से बनानी शुरू की है वो हमारी नही है हमारी तो मजबुरी है की हमे सड़क पर चलना पडता है ?
पोपटलाल--- सुना है आपके क्षेत्र मे बड़ी संख्या मे टांको का निर्माण हुआ है उसको लेकर आपकी प्रतिक्रया क्या है ?
चौधरी---- ज्यादा तो कुछ नही पर हमारे गाँव मे 200 के लगभग टांको का निर्माण किया गया है । जिसमे एक टाँके की लागत एक लाख चालीस हजार से एक लाख अच्सी हजार का बजट था उसमे भाजपा का क्या था उसका निर्माण तो सीमेन्ट व पत्थर से हुआ है । ये तो फालतु मे बना दिये गये है ।पहले वाली सरकार ने भी कुछ टांके बनाए थे उसमे फायदा बहुत था और ईस टांको से खतरा हो सकता है ।
पोपट लाल--- वो कैसे ?
चौधरी ------ क्यौंकि उस टांको मे आज तक एक भी बाल्टी पाणि नाही रुका है सुबह को भरते थे तो शाम तक खाली हो जाते थे ।अन्दर गीरकर डुब कर मरने का खतरा नही था और अभी बनाये वो भरे हुए हैं तो खतरा है कि नही ?
पोपट लाल ----- भाजपा सरकार ने हर गांवों मे शोषालय भी बनाये और लोगो को प्रेरित भी बहुत किया है क्या आप के गावँ मे भी शोषालय बना की नही ?
चौधरी--- शोषालय तो बहुत बनाए है कुछ सरकारी मदद से ओर कुछ लोगो ने अपणे खर्चे से भी बनाये है पर उसमे भी हमारा नुकसान ही है पहले हम सब घर वाले एक एक लोटे से एक बाल्टी पाणि से कां चला लेते थे और खेत मे भी फेरा लगाकर आते थे अब एक मेम्बर को दो बाल्टी पाणि चाहिये । घाटा किसका हुआ?
पोपट्लाल----धन्यवाद चौधरी जी
जय हिन्द
विन्जाराम जी पटेल से कुछ बातचीत करते हुए
पोपट लाल----पटेल जी ईस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा की सरकार द्वारा बहुत कुछ काम होने के बाद भी राजस्थान मे भाजपा की हार का कारण क्या है ?
विन्जारांम जी ------हमने तो भरपुर कोशिश की हम भाजपा के समर्थक भी है पुरा पुरा सहयोग दिया । विकास तो हमे कम ही दिखा विकास कहाँ हुआ? मूँग 4000 हजार डोडा 5000 हजार और जरुरत वाली चीज एक लाख अच्सी हजार पूगी है और आप कह रहे हैं की विकास हुआ ? विकास तो उसे काहते है की चार साल ग्यारह महिने कुछ नहीं करो सिर्फ एक महीना खर्चा करो तो सब राजी है देश के कुछ लोगो को विकास की जरुरत नही है मुफ्त की जरुरत है । कुछ लोग सरपंच बनने के लिये इतना खर्चा कर गये की अभी तक वसूली नही हो पायी कुछ लोग पंचायत समिति सद्स्य और जिला परिसद सदस्य मे इतना खर्चा कर गये कि आज तक दहाडे मार मार कर रो रहे है उस इन्वेस्ट मे अभी तक भरपाई नही हुई है । सबसे पहले कार्यकर्ताओ का विकास होना बहुत जरुरी है कि नही ?
पोपट लाल ----पटेल जी हम तो ये पुछ रहे है की भाजपा मे एसी कौनसी कमी रह गई थी जो मतदाता नाराज थे ।
विण्जा राम जी ----- मतदाता नाराज नही थे हमारे समाज मे ही आपसी फूट बहुत थी और और तो और कुछ लोगो मे नाराज गी भी बहुत थी। दो भाई आपस मे लड़ गये या किसी प्रकार का आपसी मनमुटाव भी हो गया तो अगर एक ने भाजपा का समर्थन किया तो दुसरा भाजपा का समर्थन कभी नही करेगा ये तो पक्का है।
पोपट लाल ---- पटेल जी भाजपा सरकार मे अच्छे काम होने के बावजूद भी हार का सामना करना पड़ा ऐसा क्यो?
विन्जा राम जी ---- कारण वारन कुछ नही यहाँ की जनता मूर्ख है इनको विकास से कोई मतलब नही इनको तो शराब और वोट के कुछ पैसे दे दो ये किसी को भी वोट डाल आएंगे
धन्यवाद सा
भूपेंद्र सिंह जी से साथ कुछ बातचीत
पोपट्लाल ----भूपेन्द्र सिंह जी आप जैसे भाजपा के वरिष्ठ नेता मजबूत पकड़ होते हुए इस बार भाजपा की हार का कारण
भूपेंद्र सिंह ---- कारण साफ है कुछ जातिवाद से कुछ भितरघात / बाघीयो से सरकार और मंत्रियों से नाराजगी विधायक का हर वग॔ को साथ लेकर नहीं चलना
मैं पूछता हूँ कि जब एससी-एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट ने आवश्यक बदलाव किए तो क्या आवश्यकता थी उससे छेड़-छाड़ करने की? अब भुगतो-ना तो एससी-एसटी का वोट मिला और ना ही सवर्णों का जो भाजपा के परंपरागत समर्थक माने जाते रहे हैं हमारे यहाँ ही नही तीनो राज्यो मे भी हार का मुख्य ये ही था ।
पोपट लाल --- भूपेंद्र सिंह जी भारतीय जनता पार्टी तो शुरु से राजपूतों की ही पार्टी रही है फिर भी इस बार राजपूतों के वोटो से ही राजस्थान मे भाजपा सरकार बनाने से बहुत दूर रह गई?
भूपेंद्र सिंह--- सही बात है वसुंधरा राजे ने राजपूतों को दरकिनार कर दिया गया तो कुछ लोगो मे नाराजगी जरुरी थी और आज नतीज़ा सबके सामने है।
पोपट लाल----- भूपेन्द्र सिंह जी तीन राजपूत मुख्यमंत्री को हटाने के लिये राजपूत समाज का कितना योगदान रहा है?
भूपेंद्र सिंह---- सही बात कही है आपने राजपूतों की आपसी खींचतान ही मुख्य कारण है और आजकल सभी को बदलाव भी तो चाहिये जो हमने आज तीनो मुख्य मन्त्री खोये है
धन्यवाद साहब
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