राम राम सा भाईयो
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पिछले दस दिनो मे तमाम तरह की तिकड़मों व तीन-पांच के बाद भी
कह रहे है वो हार गए, धूल चांट गए, ……....… अब ?
अरे भाई होगा क्या तुम भी यहीं रहोगे हम भी यहीं है
अपना तो, सत्य-अहिंसा को समर्थन है 'भाईयो
बाकी, आगे, हर कोई अपनी मर्जी का मालिक है ?
…
सच ! बहुत ही जल्द लोकसभा चुनाव है , कोन्ग्रेसियो की गलतफहमी दूर होने वाली है
क्योंकि, न तो कहीं हवा है, न लहर और न ही कहीं सुनामी है ?
कोई तो उनके दिमाग का इलाज कराये
ज्यादा देर, ख़्वाबों में रहना भी इक बीमारी है…
अरे भाईयो, कोई हमारी भी तो सुन लो
आज से, कोई, …
सभी यही कहते फिरते है कि किसी भी भ्रष्टाचारी को वोट नहीं देगें
लोगो को चन्द समय के लिए कुछ मिल जाये बस और कोई जरूरत नही है इनके के लिए कुछ भी कर लो...
उनके लिये घर बनवा दो,
गैस सिलेंडर दे दो
शौचालय बनवा दो,
मेडिकल इन्शुरन्स दे दो,
क़र्ज़ा माफ़ कर दो,
फिर भी ये उसी जगह ही रहेंगे और चुनाव के वक़्त जो इनको शराब पिला दे, ये उन्ही को वोट देंगे. चाहे कोई क्रिमिनल ही क्यो ना हो
ये कैसा लोकतन्त्र है जहां -
गधे,
घोड़े,
खच्चर,
चूहे,
बिल्ली,
गिरगिट,
कबरबिज्जू,
सियार,
लोमड़ी …
सब मिलजुल कर
एक साथ मिलकर शेर को
करतब दिखाने की फिराक में है ?
और तो और
उनके ही चेले-चपाटे
पहले से ही
दर्शकदीर्घा से
वाह-वाह … वाह-वाह …
बहुत खूब … बहुत खूब …
के नारे … ... ... लगा रहे हैं ??
फिर भी कुछ जयचन्दो की वजह से तीनो जगह चुनावो मे बाजी क्या मार ली खुद को बादशाह समझ बैठे !
मै कभी कभी सोचता हूं कि भारत मुगलो से गुलाम कैसे हुआ इनं जयचन्दो की वजह से और कुछ जैयचन्द आज भी जिन्दा हैं
जय हिंद जय भारत
गुमनाराम चौधरी सिनली
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