बुधवार, 19 दिसंबर 2018

R.S.S. की प्रार्थना

आरएसएस की प्रार्थना व उसका हिन्दी भाषा में अर्थ।

नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे
त्वया हिन्दुभूमे सुखं वर्धितोहम्।
महामङ्गले पुण्यभूमे त्वदर्थे
पतत्वेष कायो नमस्ते नमस्ते॥ १॥
प्रभो शक्तिमन् हिन्दुराष्ट्राङ्गभूता
इमे सादरं त्वां नमामो वयम्
त्वदीयाय कार्याय बध्दा कटीयम्
शुभामाशिषं देहि तत्पूर्तये।
अजय्यां च विश्वस्य देहीश शक्तिं
सुशीलं जगद्येन नम्रं भवेत्
श्रुतं चैव यत्कण्टकाकीर्ण मार्गं
स्वयं स्वीकृतं नः सुगं कारयेत्॥ २॥
समुत्कर्षनिःश्रेयस्यैकमुग्रं
परं साधनं नाम वीरव्रतम्
तदन्तः स्फुरत्वक्षया ध्येयनिष्ठा
हृदन्तः प्रजागर्तु तीव्रानिशम्।
विजेत्री च नः संहता कार्यशक्तिर्
विधायास्य धर्मस्य संरक्षणम्।
परं वैभवं नेतुमेतत् स्वराष्ट्रं
समर्था भवत्वाशिषा ते भृशम्॥ ३॥
॥ भारत माता की जय ॥

प्रार्थना का हिन्दी में अर्थ:

हे वात्सल्यमयी मातृभूमि, तुम्हें सदा प्रणाम! इस
मातृभूमि ने हमें अपने बच्चों की तरह स्नेह और
ममता दी है। इस हिन्दू भूमि पर सुखपूर्वक मैं
बड़ा हुआ हूँ। यह भूमि महा मंगलमय और पुण्यभूमि है।
इस भूमि की रक्षा के लिए मैं यह नश्वर
शरीर मातृभूमि को अर्पण करते हुए इस भूमि को
बार-बार प्रणाम करता हूँ।
हे सर्व शक्तिमान परमेश्वर, इस हिन्दू राष्ट्र के घटक के
रूप में मैं तुमको सादर प्रणाम करता हूँ। आपके ही
कार्य के लिए हम कटिबद्ध हुवे है। हमें इस कार्य को पूरा
करने किये आशीर्वाद दे। हमें ऐसी
अजेय शक्ति दीजिये कि सारे विश्व मे हमे कोई न
जीत सकें और ऐसी नम्रता दें कि पूरा
विश्व हमारी विनयशीलता के सामने
नतमस्तक हो। यह रास्ता काटों से भरा है, इस कार्य को
हमने स्वयँ स्वीकार किया है और इसे सुगम कर
काँटों रहित करेंगे।
ऐसा उच्च आध्यात्मिक सुख और ऐसी महान
ऐहिक समृद्धि को प्राप्त करने का एकमात्र श्रेष्ट साधन उग्र
वीरव्रत की भावना हमारे अन्दर सदेव
जलती रहे। तीव्र और अखंड ध्येय
निष्ठा की भावना हमारे अंतःकरण में
जलती रहे। आपकी
असीम कृपा से हमारी यह
विजयशालिनी संघठित कार्यशक्ति हमारे धर्म का
सरंक्षण कर इस राष्ट्र को परम वैभव पर ले जाने में समर्थ
हो।
॥ भारत माता की जय॥

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