मंगलवार, 18 दिसंबर 2018

राजस्थानी

!! सुप्रभातम !!
>>>>>>>>>>
जळ ऊंडा थल ऊजला ,नारी नवले बेस ! पुरख पटा धर निपजे अइयो मुरधर देस !!
खग धारां घोडा नरां ,सिमट भरयो सह पाण! इणथी मुरधर तरल ,जळ पाताला परवाण !!
सरबत भरिया थल सजे ,थलवट टीबा मत्थ !ऊंडा जळ नर निपजे ,मरुधर सह समरत्थ !!
मरू देस उपन्निया ,सर ज्यों प्द्धरियांह! कडवा कदे न बोलही, मीठा बोलणिया  !!
सदा सुरंगी कामणी,ओढ़ण चंगा बेस ,बंका भड़ खग बाहवां ,अए हो मुरधर देस !!

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें