सोमवार, 20 मई 2019

रैल यात्रा 19मई 2019 भगत की कोठी से बांद्रा

।। राम राम सा ।।
मित्रो करीब 26 साल बाद मुंबई के लिये जोधपुर से मुंबई वाया समदडी भिलडी मार्ग से यात्रा की है पहले मीटर गेज लाईन के  डिब्बे थे जो अब ब्र्रोड़गेज मे बदल चुके है। पहले लोग ट्रेन की छत पर यात्रा करते थे  अब वो देखने को नही मिला । एक समस्या जरुर हुई थी की होलीडे एक्सप्रेस होने के कारण अन्दर केनटीन नही था । पानी की समस्या जरुर हुई । जोधपुर -मुंबई  वॉया समदडी-भीलडी रेल मार्ग  पर प्रतिदिन एक भी नियमित ट्रेन तो  नहीं है  दादर - बीकानेर सप्ताह मे दो दिन चलती है  जबकि दूरी के हिसाब से भी यह मार्ग काफ़ी छोटा है और  यात्री भार भी पर्याप्त बहुत है ।इस रेल लाइन पर  मुख्यतः  समदडी , मोकलसर, जालोर ,मोदरान, मारवाड़ भीनमाल ,रानीवाडा , धनेरा, भीलडी  रेलवे स्टेशन के अलावा कुछ छोटे स्टेसन और भी आते है ,वर्तमान में जोधपुर अहमदाबाद के बीच इस मार्ग से  प्रतिदिन एक भी ट्रेन नियमित नहीं  चल रही है सप्ताह मे एक दिन होलीडे एक्सप्रेस है जो मई महिने तक ही है ।  जबकि1995 से पूर्व में मीटर गेज लाइन के समय भी जोधपुर-अहमदाबाद वायॉ समदडी -जालोर-मोदरान-भीलडी  के रास्ते दो  ट्रेन प्रतिदिन चलती थी
इस क्षैत्रौ के बहुत से लोग आजीविका और रोजी-रोटी  ऊँच शिक्षा के लिए गुजरात महाराष्ट्र कर्नाटक आँध्रप्रदेश तामिलनाडु   केरल आदि क्षेत्रो मे बचे हुए  है इसलिये उन्हें निरंतर यहाँ पर आना जाना पड़ता है ,रेल सुविधा नही होने के कारण लोग बसो मे सफर करते है
इस ट्रेन मे ज्यादा भिड़ होने के कारण सामान्य टिकट व वेटिंग टिकटों पर यात्रा करने वाले  टी सी से आरक्षित करने के प्रयास में लगे दिखाई दिये टी सी साहब ने भी अच्छी खासी कमाई कर दी ।  ट्रेन भगत की कोठी ( जोधपुर ) से 3 बजे रवाना हो गई और पहला स्टॉप समदडी था आज गरमी भी बहुत थी फिर भी दुन्दाडा से अजीत तक वर्षा होने से मौसम खुशनुमा हो गया था  समदडी के बाद भीड़-भाड़ देखकर मै आश्र्यशकित हो गया की यहाँ के m.p. व m.l.a. को इस पर विचार करना चाहिये । 
मित्रो  इस स्थिति में समदड़ी-भीलड़ी रेल खंड के सभी स्टेशनों के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है । मजबूरन लोगों को बसों में महंगा सफर करना पड़ता था। गौरतलब है कि अभी की स्थिति मे छोटे  बच्चो के साथ बस मे सफर करना भी बहुत ही कठिन है । 
हालांकि इसको लेकर जिलेवासियों की ओर से बार बार मांग भी उठाई जाती रही, लेकिन करीब  चार वर्ष बाद इस मांग पर पहल हुई है। जो देवजी भाई ने आस्वासन जरुर दिया है । और 23 मई को जितने वाले भी है । इसमे कोई दोराय नही है ।
मित्रो  खुशी की बात है कि जिलेवासियों की मांग की तरफ रेल मंत्रीजी ने भी  ध्यान दिया  है ।
मित्रो  जैसे-जैसे ट्रेन आगे बढती रही, डिब्बों में भीड बढती रही। आखिरकार जब सीट पर बैठने की क्षमता समाप्त हो गयी तो भीनमाल से चढने वाली सवारियाँ  डिब्बे मॆं फ़र्श पर बैठनी शुरु कर दिया । दिन होने के कारण बाहर का नजारा देखने का मौका मिला था। 
मित्रो बिना रोये माँ भी दुध नही पिलाती है । इसलिये हमे भी जगना होगा की मुंबई से बीकानेर  ट्रेन को नियमित करना चाहिएं ओर अहमदाबाद से जोधपुर भी नियमित गाड़ी होनी चाहिये

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