।। राम राम सा ।।
मित्रो आजकल सोशल मीडिया का जमाना है हार कोई अपने अपने तरीके से पोस्ट करते है पर कुछ लोग कभी कभी अजीब सी पोस्ट कर देते है मतलब हर चीज़ की हद होती है। जब कोई चार बच्चों की क्लास में पेंटिंग कॉम्पिटिशन में थर्ड आने पर अगर अपने लड़के की ट्रॉफी के साथ फोटो लगाई है तो समझ में आता है। मगर तुम भांजी या भतीजी के ज़िला स्तरीय मेहंदी प्रतियोगिता में दसवें स्थान पर आने पर प्रशस्ति पत्र ग्रहण करते की फोटो लगाकर अगर ये लिखोगे, बेटी का हौसला बढ़ाएं तो कैसा लगता है।
जब कुछ लोग शादी की किराए की शेरवानी में पुराने ज़माने का दरबारी कवि बनकर दस बीस फोटो खिंचवाते , हनीमून पर मनाली गए, घोड़े के बगल में गधा बन खड़े होकर बीवी के साथ चालीस फोटो खिंचवाते। बीवी के लिहाज़ में लोग तुम्हारी हर फोटो 'लाइक' भी करते । मित्रो इतने पर भी मान जाते तब भी कोई बात नहीं थी। मगर जब लोग दहेज में मिले मिक्सर-जूसर, सिलाई मशीन और 5 लीटर के प्रेशर कूकर की फोटो भी फेसबुक पर पोस्ट कर देते है ।
सच, ऐसे कई लोगों के दिखावे का आलम ये होता है कि ज़िंदगी में एक बार एयरपोर्ट जाते हैं, वो भी किसी को रिसीव करने और उसके बाद अगले तीन सालों तक उन्हीं फोटोज को अलग-अलग मौकों का बताकर पोस्ट करते रहेंगे। मगर माई के लाल कभी भी जोधपुर जाते वक्त धवा गाँव के बस स्टाप की फोटो नहीं डालते। ऐसे ही मेरे एक मित्र ने नई गाड़ी के साथ खिंचवाई...फोटो पर ढाई सौ कॉमेंट और डेढ हज़ार लाइक मिलने के बाद लिखा, दोस्तों बधाई के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया, वैसे ये फोटो पार्किग की हुई गाड़ी की थी
एक दिन मैंने ऐसे ही अपने दोस्त से पूछा, भाई, तुम हर जगह की फोटो फेसबुक पर पोस्ट करते हो मगर कभी अपणी दुकान की फोटो नहीं डाली। इस पर उसका कहना था, भाई तुम्हें क्या लगता है अगर मेरी दुकान होती तो मेरे पास इतना वक्त होता कि मैं दिनभर फेसबुक पर फोटो डाल पाता!
छोटे छोटे बच्चे भी फेसबुक के चक्कर मे पढ़ाई पर ध्यान नहीं देते हैं।
शुक्रवार, 3 मई 2019
फेसबुक-ब्लॉग की पोस्ट
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें