।। राम राम सा ।।
ऊपर जिसका अन्त नही उसे आसमान कहते है
और नीचे जिसका अन्त नही उसे माँ कहते है
मित्रो माँ के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए एक दिवस नहीं एक सदी भी कम है। किसी ने कहा है ना कि सारे सागर की स्याही बना ली जाए और सारी धरती को कागज मान कर लिखा जाए तब भी मां की महिमा नहीं लिखी जा सकती। इसीलिए हर बच्चा कहता है मेरी मां सबसे अच्छी है। जबकि मां, इसकी- उसकी नहीं हर किसी की अच्छी ही होती है, क्योंकि वह मां होती है। मातृ दिवस पर हर मां को उसके अनूठे अनमोल मातृ-बोध की बधाई। मित्रो विदेशो मे अनेक त्योहारों की मातृ दिवस भी मनाते हैं क्योकि भारतीयो की तरह वहाँ की माँए नही होती है इसलिये वो मातृ दिवस मनाते हैं पश्चिमी सभ्यता मे एक औरत उम्र में चार पाँच लोगो से शादी कर लेती है। तो उन बच्चो को माँ कहाँ पर है पता ही नहीं चलता है। उनको मातृ दिवस पर ही मुस्किल से माँ मिल पाती है ।
मित्रो हमारे लिए तो रोजाना मातृ दिवस है । माँ का महत्व हर किसी भी व्यक्ति के जीवन में बहुत मायने रखता है। किसी भी इन्सान के जीवन की शुरुवात उसकी माँ से ही होती है। माँ अपने बच्चे को जन्म देती है, उसे अच्छे संस्कार देती है और उसे एक अच्छा इन्सान बनाती है। माँ के प्रति अपना प्यार और आदर जताने के लिए हम सब मातृत्व दिवस मनाते है। ये आज ही नही बल्कि रोजाना मनाया करे तो भी कम है ।
मित्रो माँ , एक ऐसी औरत जो मौत के मुंह में जाकर एक जिंदगी को जन्म देती है। लेकिन इस नई जिंदगी के साथ उसकी चिंताओं का सफर भी शुरू हो जाता है। जो उसकी चिता पर जाकर होता खत्म है। एक औरत का स्वभाव ही कुछ इस प्रकार होता है ,सबका ध्यान रखना, सबके बारे में सोचना। पर जब वो माँ बनती है तो अपने बच्चों की चिंता करना उसका पसंदीदा काम हो जाता है।जब कुछ बड़े हो जाते हैं बच्चे तो मां को हर बार हर समय कहीं कोई अनहोनी ना हो जाए इसकी चिंता रहती है ।इस चिंता में मां न जाने कितनी बार घड़ी को देखती है, मेरा बेटा या बेटी स्कुल से अभी तक नही आए खेत से नही आए बेटी ससुराल मे खुश हैं या नहीं भी ?माँ को हर समय चिन्ता रहती है ।
सच में माँ की ममता और वात्सल्य ,निःस्वार्थ होते हैं । यूं तो हर किसी ने इसे महसूस किया हैं, लेकिन समझने की कभी कोशिश नहीं की, क्योंकि माँ कभी भी अपने उपकारों का, अपने प्यार का, अपने त्याग का और कष्टों का न तो कभी अहसान जताती है और न ही कभी इसका मूल्य मांगती है ।
घर में भाई, बहन, माँ, बाप, दादा दादी रहते है फिर बच्चा अपनी माँ के पास में रहना अधिक पसंद करता है। घर के सभी लोग अच्छे होने के बाद भी बच्चे को केवल अपनी माँ ही अच्छी लगती है। इसीलिए दुनिया में माँ का जो महत्व है, उसका जो स्थान है वो सबसे ऊपर है।
गुमनाराम पटेल सिनली
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